
नरेंद्र मोदी का भला ही कर रहे हैं राहुल गांधी
देश में आम चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। सभी सियासी पार्टियां अपने-अपने हिसाब से चुनाव प्रचार में लगी हैं। लेकिन इस बार चुनाव प्रचार की धार पूरी तरह बदली-बदली नजऱ आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी नीत सत्तारूढ़ गठबंधन की पार्टियां जहां पांच साल में किए गए विकास के नाम पर और अगले पांच साल के लिए तय किए गए लक्ष्यों के आधार पर जनता से वोट मांग रही हैं, वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां जाति और धर्म के नाम पर वोट की जुगाड़ में लगी हैं।
चुनाव जीतने की होड़ में इस बार जो शब्द बाण चलाए जा रहे हैं, उनमें तर्क, तथ्यपरकता और मर्यादा तक का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। चुनाव आयोग ने हालांकि कुछ सख्ती दिखाई है, लेकिन किसी को नीचा दिखाने के लिए व्यक्तिगत संयम का निर्माण आयोग किसी भी स्तर पर नहीं कर सकता। जिस तरह हांडी के चावल पक गए हैं या न...