विपक्षी एकता योजना सिरे चढ़ेगी?
देश का राजनीतिक माहौल भाजपा के ख़िलाफ़ एकजुट होने की दिशा में यात्रा कर रहा है।राहुल प्रकरण ने विपक्षी दलों को असुरक्षाबोध से भर दिया और यह निष्कर्ष समझ में आने लगा कि यदि एकजुट न हुए तो तंत्र के निरंकुश व्यवहार का शिकार होना पड़ सकता है। जिसके चलते कई राजनीतिक दल, जो पहले विपक्षी एकता में कांग्रेस की भूमिका के प्रति किंतु-परंतु करते थे, वे भी अब एकता के प्रयासों को नई उम्मीद से देख रहे हैं।यह तो पहले से ही तय था कि आगामी वर्ष आम चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की कोशिशें तेज होंगी। लेकिन कर्नाटक चुनाव से पहले ही एकजुटता की कवायद शुरू हो जाएगी, ऐसी उम्मीद कम ही थी।
मानहानि मामले में राहुल गांधी की सांसद के रूप में सदस्यता समाप्त किये जाने और फिर उनसे सरकारी आवास खाली कराये जाने के घटनाक्रम ने विपक्षी दलों को एकजुट होने के लिये भी प्रेरित किया है । बीते बुधवार को बिहार के म...