चोरी और सीनाजोरी। डीएनडी टोल कम्पनी की यही कहानी है। इलाहबाद उच्च न्यायलय द्वारा टोल वसूली बंद करने के आदेश के बाद टोल कम्पनी आदेश पर रोक के लिए उच्चतम न्यायलय तो चली गयी, किंतू वहां उसे मुँह की खानी पड़ी। न्यायलय ने टोल वसूली रोकने के आदेश को रद्द ही नहीँ किया, उलटे कम्पनी के खातों की सी ए जी से जांच के आदेश दे दिए। मौलिक भारत ने जब सी ए जी को कम्पनी के कारनामो का सबूतों सहित कच्चा चि_ा भेजा तो मौलिक भारत के सदस्यों विकास गुप्ता, अनुज अग्रवाल, अमरनाथ ओझा और पंकज गोयल पर 80 करोड़ रूपये का मानहानि का नोटिस भेज धमकाने की कोशिश की। अब सी ए जी ने अपनी जांच रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को सौप दी है तो उम्मीद है कि टोल कम्पनी के काले कारनामे और लूट के किस्से जगजाहिर होंगे और अपराधियों को सजा मिलेगी। मौलिक भारत के उपाध्यक्ष विकास गुप्ता ने उच्चतम न्यायलय में इस बिषय में विशेष अनुमति याचिका भी डाली हुई है।