कर्नाटक समन्वित एवं सतत जल संसाधन प्रबंधन निवेश कार्यक्रम (आईडब्ल्यूआरएम) की परियोजना के लिए दूसरे ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के अपर सचिव श्री समीर कुमार खरे तथा एडीबी की ओर से एडीबी के भारत रेजिडेंट मिशन के कंट्री डायरेक्टर श्री केनिची योकोयामा ने हस्ताक्षर किये।
इस परियोजना से कृषि में इस्तेमाल के लिए जल की कमी भी दूर होगी, जो राज्य में कुल जल के इस्तेमाल के 84 प्रतिशत से अधिक है। इससे राज्य में अन्य उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए जल की उपलब्धता भी बढ़ेगी। दूसरी परियोजना के तहत कृषि सिंचाई कैनलों में सुधार के लिए लगभग 30 जल उपभोक्ता सरकारी समितियां भी स्थापित की जाएंगी। इस निवेश कार्यक्रम के तहत सिंचाई क्षमता में सुधार होने से अतिरिक्त 160,000 हेक्टेयर कृषि भूमि में इस्तेमाल के लिए 1700 मिलियन घनमीटर जल की बचत होगी।
एडीबी गरीबी उन्मूलन के प्रयासों को जारी रखते हुए, एक समृद्ध, समावेशी, लचीला और टिकाऊ एशिया एवं प्रशांत के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए वचनबद्ध है। इसने 2018 में 21.5 बिलियन अमरीकी डॉलर के नये ऋणों और अनुदानों के लिए अपनी प्रतिबद्धता दर्शाई। एडीबी की स्थापना 1966 में की गई थी। यह 68 सदस्यों के स्वामित्व में है और एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र के 49 सदस्य हैं।