दिल्ली में डायलॉग इंडिया एकेडमिया कांक्लेव व अवार्ड की धूम – जारी की गई बर्ष 2022 के लिए निजी उच्च शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग
केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे ने किया कॉन्क्लेव का उद्घाटन तो समापन सत्र व अवार्ड समारोह में मुख्य अतिथि रहे केंद्रीय मंत्री जनरल वी॰के॰ सिंह
एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा बनी देश की सर्वश्रेष्ठ निजी क्षेत्र की यूनिवर्सिटी
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में 6 अगस्त, 2022 को शांगरी-ला होटल में छठा डायलॉग इंडिया एकेडेमिया कॉन्क्लेव और आठवां डायलॉग इंडिया इंटरनेशनल एकेडमी अवार्ड फंक्शन – 2022 आयोजित किया गया। इस अवसर पर भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों, व्यावसायिक समूहों,विभिन्न शैक्षणिक विशेषज्ञों और निर्णयकर्ताओं को अपने मन की बात कहने और विचारोत्तेजक चर्चाओं में भाग लेने का अवसर मिला। भारत के विभिन्न हिस्सों से आए सैकड़ों गणमान्य व्यक्तियों ने “नई शिक्षा नीति और भारतीय उच्च शिक्षा के वैश्वीकरण की संभावनाओं” पर चर्चा की।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय उपभोक्ता मामलों व सार्वजनिक वितरण प्रणाली मंत्री श्री अश्विनी चौबे जी व अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा डायलॉग इंडिया द्वारा निजी क्षेत्र के उच्च शिक्षा संस्थानों की 11वीं वार्षिक रैंकिंग का विमोचन किया गया। यह रैंकिंग प्रकाशन के दोनो पोर्टल पर सभी के लिए निशुल्क उपलब्ध है व निम्न लिंक पर जाकर डाउनलोड की जा सकती है :
1) http://dialogueindia.in/wp-content/uploads/2022/08/dialogue-india-annual-survey-2022.pdf
2) http://dialogueindiaacademia.com/wp-content/uploads/2022/08/dialogue-india-annual-survey-2022.pdf
Video Clip of Dialogue India Academia Awards -2022
इसी रैंकिंग के आधार पर कार्यक्रम के समापन पर, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) विजय कुमार सिंह ने देश के सर्वश्रेष्ठ निजी संस्थानों को पुरस्कृत किया। सर्वे के अनुरूप एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा देश की सर्वश्रेष्ठ निजी क्क्षेत्र की यूनिवर्सिटी बनकर उभरी। पुरस्कार प्राप्त करने वाले अन्य प्रमुख संस्थानों की सूची निम्नलिखित है:
1) INSTITUTE OF MANAGEMENT STUDIES
2) Ajay Kumar Garg Engineering College
3) ABES Engineering College, Ghaziabad (UP)
4) K S R Institute of Engineering & Technology
5) R.D.Engineering College, Ghaziabad, U P
Among top Ten Engineering college of UP – 2022
6) Era Lucknow Medical College , Lucknow,UP
7) Subharti Medical College ,Meerut (UP)
8) Subharti Dental College,Meerut (UP)
9) DAV Centenary Dental College , Yamunanagar ,Haryana
10) Mangalayatan University
11) Usha Martin University, Ranchi
12) Amity University, Gwalior ,Madhya Pradesh
13) IIMT University, Meerut,
14) Chitkara University, Patiala , Punjab
15) Marwadi University,Rajkot
16) Lingaya’s Vidyapeeth, Faridabad,Haryana
17) Mody University of Science & Technology
18) G.L.A. University , Mathura,UP
19). Amity University, Noida,UP
20) Kalinga Institute of Industrial Technology,Bhubaneswar, Odisha
कार्यक्रम की शुरुआत में डायलॉग इंडिया के संपादक अनुज अग्रवाल और डायलॉग इंडिया के सलाहकार सिद्धार्थ जैन ने सभी प्रतिष्ठित अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। श्री अग्रवाल ने कहा कि हमारी उच्च शिक्षा और शोध को बदलती वास्तविकताओं के अनुसार ढलना होगा। उन्होंने कोविड-19 महामारी और वैश्विक गर्मी के उदाहरणों का हवाला दिया। उन्होंने बल देकर कहा कि कोविड-19 महामारी से मानवीय जिंदगियां ही प्रभावित नहीं हुई हैं बल्कि ग्राहकों तक सेवाएं पहुंचाने का तरीका भी बदल गया है। कोविड-19 महामारी ने वर्चुअल क्लासरूम और ऑनलाइन शिक्षा की शुरुआत करके और इसे मजबूती देकर विश्व भर में समग्र शिक्षा इकोसिस्टम को बदल दिया है। अब शिक्षा ऑनलाइन उपलब्ध है और इसकी लागत भी परंपरागत शिक्षा संस्थानों की तुलना में काफी कम है। इसलिए ऑनलाइन शिक्षा माध्यमों की चुनौती का सामना करने वाले पारंपरिक संस्थानों के लिए यह बेहद जरूरी है कि वे प्रासंगिक और प्रतिस्पर्धी बनें। उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक गर्मी अब विश्वव्यापी समस्या है। पहाड़ों पर सामान्य से अधिक तापमान और यूरोपीय देशों में चिलचिलाती धूप अब ‘न्यू नॉर्मल’ है। अब हमें इस ‘न्यू नॉर्मल’ से स्वयं को समायोजित करना होगा। इस समायोजन में हमारे कृषि उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए चुनौती और अवसर दोनों निहित है। इन्हें ऐसी नए कृषि तौर-तरीकों और बीजों का आविष्कार करना होगा जो इस तीव्र परिवर्तन का सामना कर सकें। उन्होंने शिक्षण संस्थानों के रैंकिंग मानदंडों के बारे में भी बताया।
इस अवसर पर अपने भाषण में उपभोक्ता मामले,खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने नई शिक्षा नीति को समुद्र मंथन से जोड़ा। उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन शिक्षा प्रणाली व्यापक और समावेशी थी। उन्होंने हमारी प्राचीन शिक्षा प्रणाली में स्त्रियों की भागीदारी स्पष्ट करने के लिए मैत्रेयी,गार्गी, घोष और लोपामुद्रा का उदाहरण दिया। श्री चौबे ने आशा व्यक्त की कि नई शिक्षा नीति के माध्यम से भारत विश्व में अग्रणी और शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनेगा। उन्होंने जलवायु अनुकूल जीवन शैली की भी वकालत की ताकि वैश्विक गर्मी और इसके परिणामस्वरूप होने वाले विनाश से बचा जा सके। उन्होंने उच्च शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ावा देने और गुणवत्ता आकलन को प्रमाणित करने के प्रयासों के लिए डायलॉग इंडिया की सराहना की।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) विजय कुमार सिंह ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए नई शिक्षा नीति पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमारी वर्तमान शिक्षा प्रणाली छात्रों को अपेक्षित कौशल प्रदान नहीं करती है। इसलिए हमारे छात्रों में रोजगार योग्यता का अभाव रहता है। नई शिक्षा नीति के प्रमुख प्रेरक सिद्धांत के रूप में कौशल आधारित शिक्षा के लक्ष्य पर बल देते हुए उन्होंने आशा व्यक्त की कि नई नीति नवीन और आलोचनात्मक चिंतन को प्रेरित करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा क्षेत्र में सुधार से हमारी अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी क्योंकि कुशल कार्मिक हमारे विनिर्माण और सेवा उद्योग को प्रतिस्पर्धी और टिकाऊ बनाने में सक्षम होंगे।
इस कार्यक्रम के तहत तीन अलग-अलग पैनल चर्चा आयोजित की गईं। “भारतीय उच्च शिक्षा की मजबूतियों, कमजोरियों, अवसरों एवं खतरों(SWOT) का विश्लेषण” पर पहली पैनल चर्चा का संचालन डायलॉग इंडिया समूह के वरिष्ठ पत्रकार और कार्यकारी संपादक अमित त्यागी द्वारा किया गया। इस चर्चा में श्रीमती नूतन शर्मा, पूर्व मुख्य आयुक्त, आयकर;गुरु पवन सिन्हा;श्री कुणाल गुप्ता, संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक,माउंट टैलेंट;श्रीमती शोभना नारायण, कथक नृत्यांगना और श्री सिद्धार्थ जैन,फ्लेयर महासचिव,ईपीएसआइ के सलाहकार ने भाग लिया। चर्चा में यह तर्क दिया गया कि भारत में शिक्षा के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी होने की क्षमता है हालांकि इसके लिए यह जरूरी है कि हमारी सरकार निजी और सार्वजनिक शिक्षा संस्थानों दोनों को सहयोग प्रदान करे। “नई शिक्षा नीति2020 कार्यान्वयन: चुनौतियां और आगे का रास्ता” पर दूसरी पैनल चर्चा का संचालन प्रोफेसर प्रमोद सैनी,आईआईएमसी द्वारा किया गया था। इसमें लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) विष्णु कांत चतुर्वेदी;श्री शाश्वत शर्मा,सीईओ, नोवाइवेंट्स;योगेश एंडली,प्रबंधन और आईटी गुरु (आईआईटी और एमआईटी); प्रो. वी.के. श्रोत्रिय,वाणिज्य विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय और डॉ मनीष गौड़, एकेटीयू प्रो वाइस चांसलर ने भाग लिया। चर्चा में कहा गया कि नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के दौरान छात्रों को कौशल प्रदान करने के लिए वित्त व्यवस्था करना और शिक्षकों को प्रशिक्षित करना एक बड़ी चुनौती होगी। यह सुझाव दिया गया कि सरकार को निर्णय प्रक्रिया में निजी संस्थानों को भी शामिल करना चाहिए। श्री ओंकारेश्वर पांडे, वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व समूह संपादक राष्ट्रीय सहारा द्वारा “भारत- उच्च शिक्षा की वैश्विक मंजिल” पर तीसरी पैनल चर्चा का संचालन किया गया। इस चर्चा में डॉ कुमार कृष्ण, सीटीओ, नासा, यूएसए; श्री नवरत्न अग्रवाल, अध्यक्ष, बीकानेरवाला स्वीट्स; श्री नीरज कुमार, निदेशक, भारत सरकार; डॉ उर्वशी मक्कड़, निदेशक, आईएमएस गाजियाबाद और प्रो (डॉ.) प्रसनजीत कुमार, उप कुलपति, एनआईयू ने भाग लिया। चर्चा में यह बात सामने आई कि भारत वर्तमान में शिक्षा सेवाओं का आयातक है। अगर हम इस स्थिति को बदलना चाहते हैं तो देश को बुनियादी ढांचे, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों और कार्मिकों के प्रशिक्षण में भारी निवेश करनाहोगा। भारत के लिए यह जरूरी है कि हम अपनी उच्च शिक्षा प्रणाली को अधिक सुव्यवस्थित और कुशल बनाने की दिशा में लगातार काम करें ताकि अधिक से अधिक विदेशी छात्र भारत की तरफ आकर्षित हो सकें और हम शिक्षा सेवा के निर्यातक बन सकें। वर्तमान में हम मुख्य रूप से अपने पड़ोसी देशों से छात्रों को आकर्षित कर रहे हैं,हमें अपने स्रोत देशों में विविधता लानी है। हमारे लिए यह जरूरी है कि हम शिक्षा की वैश्विक मंजिल के रूप में विकसित हों। कार्यक्रम का समापन प्रसिद्ध नृत्यांगना अनु सिन्हा के ग्रूप द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम से हुआ, जिसमें पॉप सिंगर शंकर साहनी व पद्मश्री नलिनी जी ने भी भाग लिया।
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Anuj Agrawal, Group Editor
Dialogue India ( Career Magazine)
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डायलॉग इंडिया ( राजनीतिक पत्रिका )
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‘परिवर्तन की चाह – संवाद की राह’
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