महिलाएं जो केवल गृहणी हैं वे अपने घर को सम्भालने के साथ साथ घर की नींव बनकर बच्चों की शिक्षा , धर्म ,संस्कार आदि का दायित्व भी बखूबी निभा रही हैं और समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं | समाज की मुख्य धारा में उनका भी वही स्थान है जितना किसी अन्य का। और आज इन्ही गृहणियों लिए पावन चिंतन धारा आश्रम के तत्वाधान में ‘गृहणियां और राष्ट्र निर्माण’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। “स्वराज सभा”,’पावन चिंतन धारा’ आश्रम द्वारा चलाया गया एक ऐसा प्रकल्प हैं, जहाँ अलग अलग विषयों पर चर्चाओं,डिबेट और कार्यकलापों के माध्यम से समाज और देश को संगठित करने का काम किया जा रहा हैं | “स्वराज सभा” के माध्यम से देश के विभिन्न शहरों में विभिन्न वर्गों के साथ समय समय पर विभिन्न गोष्ठियां आयोजित की जाती हैं जिसमें देश को लेकर उनकी भूमिका एवं कर्तव्य पर चर्चा की जाती हैं |
पावन चिंतन धारा आश्रम का सोशल मीडिया प्रकल्प ‘सनातन वीमेन’ इस बार गाज़ियाबाद शहर में गृहणियों के लिए इस विशेष कार्यक्रम को ले कर आया जिसमे देश के कई शहरों से महिलाओं ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ताओं में आश्रम की सचिव डॉ कविता अस्थाना, दिशा फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती उदिता त्यागी, वीर चक्र प्राप्त सैन्य अधिकारी की जीवनसंगिनी एवं समाज सेविका श्रीमती रमा त्यागी जी एवं वरिष्ठ समाजसेवी सविता कात्याल जी रहीं। जिन्होंने अपने जीवनकाल के बहुत से महत्वपूर्ण अनुभव साझा किए।
सबसे पहले आश्रम की सचिव डॉक्टर कविता अस्थाना जी ने पहली सनातन विमेंन माँ दुर्गा जी के चरणों में नमन करते हुए आश्रम के प्रकल्प जैसे चरित्र निर्माण , ध्यान ,साधना आदि के द्वारा अपनी ऊर्जाओं को संग्रहीत करके देश के लिए कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित किया क्योंकि “DHARAM IS NOT A RELIGION IT`S A DUTY “धर्म का अर्थ हैं कर्तव्य |
इसके बाद डॉक्टर अस्थाना जी ने आश्रम के अन्य प्रकल्प “युवा अभ्युदय मिशन “ के बारे में भी जानकारी दी , जहाँ 18 से 40 वर्ष तक के युवाओं को निशुल्क ट्रेनिंग के द्वारा देश और धर्म के लिए तैयार किया जाता हैं और उसी के अंदर कार्यरत ऋषिकुल शाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत हाशिये पर बैठे बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की बात कही |
स्वराज सभा के बारे में बताते हुए डॉक्टर अस्थाना जी ने बताया कि आज के युग में लड़ाई विचारों की हैं और स्वराज सभा एक ऐसा प्लेटफार्म हैं जहाँ गुरूजी और अन्य विशेषज्ञ लोगों के द्वारा युवाओं को चर्चाओ और विचार विमर्श के माध्यम से शिक्षित किया जाता हैं |
उन्होंने बताया कि सनातन विमेन सोशल मीडिया का एक लेटेस्ट प्लेटफार्म हैं जो आज के युग में लड़ाई का एक मुख्य शस्त्र हैं और इसमें कार्यरत महिलाये किस प्रकार देश और धर्म की रक्षा करने हेतु प्रयत्नशील हैं ,जिसके लिए उन्हें कई तरह की समस्या जैसे उलटे सीधे कमेंट्स, धमकी आदि का सामना करना पड़ता है पर बाबजूद इसके वो देश एवं धर्म के लिए अडिग हैं |
उन्होंने बताया कि महिलाएं बच्चों में,अच्छे संस्कार और देश वीरों की कहानियों के माध्यम से डाल सकती हैं तथा अपने बच्चों संग खुद किसी समाज सेवा जैसे पडोस,मन्दिर की सफाई करना ,पेड़ लगाना आदि में लगकर बच्चो का चरित्र निर्माण कर देश सेवा में सहयोग कर सकती हैं | बस जरूरत हैं अपनी शक्ति को पहचानकर देश सेवा हेतु समय को मैनेज करने की ,अत :सारे ग्रन्थ पढने की आदत डालें और खुद और अपने समस्त परिवार को नशे से दूर रखे |
श्रीमती रमा त्यागी जी ने खुद को आर्मी परिवार से संबंधित बताते हुए बताया कि कैसे उन्होंने अपनी माँ से देश सेवा हेतु प्रकल्प को अपने जीवन उतारा और REFFERAL AND RESEARCH HOSPITAL की स्थापना की जो कि देश का एक सबसे बड़ा आर्मी हॉस्पिटल हैं |साथ ही साथ देश सेवा हेतु एक संस्था भी गठित की,जहाँ सिलाई ,पढाई आदि के द्वारा लोगों को शिक्षित किया जाता हैं |
श्रीमती सविता कतियल जी अपने समस्त परिवार के साथ देश सेवा में कार्यरत हैं और उन्होंने “रोटी” नाम की एक संस्था को गठित किया, जिसके द्वारा वे गरीब तथा जरूरत मंद लोगों का फ्री हेल्थ चेकअप के साथ उन्हें दवाईयI ,चश्में आदि देते हैं और महिलाओ के लिए मेमोग्राफी टेस्ट के साथ फ्री उपचार की व्यवस्था भी करते हैं | गरीब बच्चियों के विवाह हेतु उन्होंने एक संस्था भी गठित की हुई है जहाँ वे सारे वेरिफिकेशन के बाद उनके विवाह का प्रबंध भी कराते हैं |गरीब बच्चों की मदद हेतु उन्होंने अन्य लोगों की मदद से एक रोटरी क्लब भी बनाया जहाँ उन्हें मुफ्त में पढ़ाया जाता हैं |
श्रीमती उदिता त्यागी जी जो की दिशा फाउंडेशन की राष्टीय सचिव हैं की ओजस्वी बातों ने महिलाओं को काफी प्रेरित किया | उनके अनुसार शादी के बाद जिन्दगी खत्म नही होती बल्कि उसमे एक नई दिशा आती है और छोटे सपने देखकर आप खुद एक अपराध करते हैं |अत : सपने बड़े होने चाहिए और अभी तो सबसे बड़ी देश सेवा पेड़ लगाकर देश को प्रदूषण मुक्त करना हैं जिससे हम अपने बच्चों को एक स्वस्थ वातावरण दे सके |इसलिए सभी महिलाये सनातन धर्म पेज को लाइक और शेयर करके एक अच्छे विचार को समाज को देकर देश सेवा में सहयोग करें |
अंत में सभी वक्ताओं के उदबोधन के बाद आयी महिलाओं ने वक्ताओं ने अपने प्रश्न भी पूछे, जिसके बखूबी जवाब भी दिए गए। अंत मे सभी महिलाओं ने अपनी सामान्य दिनचर्या के साथ देश निर्माण के लिये भी रोजाना कुछ न कुछ योगदान देने का प्रण लिया। राष्ट्रगान कर कार्यक्रम पूर्ण हुआ।