ललित गर्गः-
दुनियाभर के दानदाताओं को भारत में दान के लिये प्रोत्साहित किये जाने की दृष्टि से क्राउडफंडिंग एक सशक्त माध्यम है। भारत के लिए क्राउडफंडिंग भले ही नया हो पर इसकी अपार संभावनाएं हैं। आने वाले समय में क्राउडफंडिंग भारत की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं, सेवा उपक्रमों एवं धार्मिक कार्यों के लिये दान की उपलब्धता का बेजोड़ माध्यम होगा। भारत के सुनहरे भविष्य के लिए क्राउडफंडिंग अहम भूमिका निभा सकती है और क्राउडफंडिंग भारत में काफी सफल भी हो सकता है क्योंकि यहां अमीर-गरीब के बीच गहरी खाई है। तकनीक एवं सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया में भारत की अलग पहचान है। यह उसे पाटने में अहम भूमिका निभा सकता है। इसके जरिए अमीर एवं सुविधा संपन्न वर्ग मिलकर गरीबों की मदद कर सकते हैं। इससे उन लोगों की जिंदगी में बदलाव आएगा, जो पैसों की कमी की वजह से बुनियादी जरूरतों से वंचित रह जाते हैं। हम अब तक क्राउडफंडिंग से भारत में दान का मतलब सिर्फ गरीबों और लाचारों की मदद करना समझते आ रहे हैं जो कि अब कला, विज्ञान शिक्षा, चिकित्सा और मनोरंजन को समृद्ध करने का भी जरिया होगा। ऐसा होने से क्राउडफंडिंग की उपयोगिता एवं महत्ता सहज ही बहुगुणित होकर सामने आयेंगी। हम जहां रहते हैं वहां एक-दूसरे की मदद के लिए लोगों को आगे आना चाहिए बिना उनके सहयोग के समाज आगे नहीं बढ़ सकता। इस तरह की मदद के लिए हम आगे नहीं आएंगे तो पैसों की कमी के चलते हमारे समाज से जुड़ा एक वंचित वर्ग काफी पीछे चला जाएगा। फिर हमारे ही समाज में सामाजिक समरसता नहीं रह पायेगी।
भारत के प्रमुख गैर लाभकारी, सामाजिक एवं व्यक्तिगत उद्यमों के क्राउडफंडिंग मंच इम्पैक्ट गुरु ने स्वल्प समय में देश की सोच को बदलने के साथ क्राउडफंडिंग को प्रचलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हाल ही में इम्पैक्ट गुरु ने आधिकारिक तौर पर अमेरिका और ब्रिटेन की प्रमुख ग्लोबलगिविंग के साथ अंतरराष्ट्रीय करार किया है। ग्लोबलगिविंग दुनिया का सबसे सशक्त एवं लोकप्रिय क्राउडफंडिंग मंच है। इस करार के अंतर्गत भारत के गैर सरकारी संगठनों को चिकित्सा एवं व्यक्तिगत कारणों के लिए क्राउडफडिंग के माध्यम से धन जुटाया जाएगा। इससे भारतीय मूल के विदेशों में बसे अंतर्राष्ट्रीय दाताओं को कर-लाभ की सुविधा प्राप्त होगी, विशेषकर अमेरिका और ब्रिटेन में बसे गैर निवासी भारतीय यानी भारतीय मूल के लोगों को भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए इम्पैक्ट गुरु ग्लोबलगिविंग की तकनीक एवं अंतर्राष्ट्रीय संरचना का उपयोग कर भारत में क्राउडफडिंग को प्रोत्साहित करने का धमाकेदार आगाज कर रहा है। वह भारत के सामाजिक कार्यों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा दान जुटाने का डिजिटल मंच होगा।
भारत दुनिया में सबसे बड़ा गैर लाभकारी संगठनों का घर है जहां 33 लाख गैर सरकारी संगठन प्रति वर्ष अंतर्राष्ट्रीय दाताओं से 8500 करोड़ रुपये से अधिक का धन जुटाते हैं। दान और परोपकार के माध्यम से करों में लाभ प्राप्त किया जा सकेगा। ग्लोबलगिविंग के साथ हुए करार से अमेरिका और ब्रिटेन के भारतीय दाताओं को कर छूट की सुविधा प्राप्त हो सकेगी और इस तरह भारत के गैर सरकारी संगठनों एवं सामाजिक उद्यमों को अधिक लोकोपकारी एवं जनकल्याणकारी कार्यों के लिए प्रवासी भारतीयों से पूंजी जुटाने की सकारात्मक स्थितियों का बनना देश के लिये शुभ है।
भारत सरकार का अनुमान है कि अमेरिका और ब्रिटेन में 60 लाख से अधिक गैर निवासी भारतीय एवं भारतीय मूल के लोग रहते हैं। ब्रिजस्पेन ग्रुप की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार अगर अमेरिका में प्रवासी भारतीयों का धार्मिक कार्यों में योगदान वहां की अन्य आबादी के समान आय वर्ग के अनुरूप था और उन्होंने उसमें से चालीस प्रतिशत परोपकारी सहायता के लिए भारत को चुना है। इस तरह 8000 करोड़ का अतिरिक्त फण्ड इस तरह के दाताओं के द्वारा भारतीय सामाजिक कार्यों के लिए भारत की ओर अग्रसर हो सकेगा, जिससे भारत में न केवल नवीन योजनाओं का आगाज होगा बल्कि आधी-अधूरी पड़ी योजनाएं भी पूरी हो सकेगी। ग्लोबलगिविंग का भारत में सक्रिय होने से अनेक फायदें हैं। इसके माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय दानदाताओं को भारत के गैर सरकारी संगठनों में सहायता के लिए प्रोत्साहित करने हेतु इन संगठनों की पारदर्शिता एवं प्रामाणिकता के बारे में आश्वस्त किया जा सकता है क्योंकि वे एक व्यापक अनुशासन एवं पारदर्शी प्रक्रिया के अंतर्गत वहां सहायता के लिए तत्पर होंगे।
भारत स्थित सामाजिक उद्यम आॅनलाइन धन उगाहने या इम्पैक्ट गुरु के माध्यम से धन अनुदान जुटाने के लिए पात्र होंगे। ग्लोबलगिविंग के साथ इम्पैक्ट गुरु के करार से न केवल भारत बल्कि दक्षिणपूर्व एशिया के सिंगापुर, हांगकांग, मलेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस, इंडोनेशिया सहित अनेक देशों में गैर-लाभकारी संस्थाओं और सामाजिक उद्यमों को इम्पैक्ट गुरु के माध्यम से धन उगाहने के लिए सक्षम करेगी। इम्पैक्ट गुरु के संस्थापक श्री पीयूष जैन ने इस करार के संबंध में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इम्पैक्ट गुरु भारत में अपनी क्राउडफडिंग गतिविधियों को प्रारंभ करने से पहले लगभग एक दशक तक का समय भारत से बाहर के देशों में बिताया है। हम प्रवासी भारतीयों को कर लाभ देने एवं भारत के गैर सरकारी संगठनों को प्रदत्त की जाने वाली सहायता की पारदर्शिता के लिए तत्पर होंगे। ग्लोबलगिविंग के साथ भागीदारी को लेकर अति उत्साहित एवं रोमांचित श्री जैन ने कहा कि हम भारत के लिए क्राउडफडिंग को लेकर उदासीनता की स्थितियों को दूर कर सकेंगे और भारत के दुनिया भर में फैले लोगों कोे क्राउडफडिंग के लिए एक सशक्त एवं अनुकूल मंच दे सकेंगे। उधर ग्लोबल गिविंग भी भारत में सक्रिय होकर आशावादी है। उसके एक प्रवक्ता एवं मुख्य नेटवर्क अधिकारी जाॅन हेकलिंगर का एक बयान इकानोमिक टाइम्स में छपा है, जिसमें उन्होंनें कहा कि ग्लोबलगिविंग इम्पैक्ट गुरु के साथ सहभागी बनकर अति उत्साहित हैं। इम्पैक्ट गुुरु के सहयोग से भारत के गैर सरकारी संगठनों के लिए भारत, अमेरिका और ब्रिटेन के दानदाताओं को एक सशक्त मंच लेन देन के लिए प्रस्तुत करेगा। ग्लोबलगिंविग की इम्पैक्ट गुरु के साथ इस साझेदारी से वैश्विक सामाजिक क्षेत्र को यह जानने में मदद मिलेगी कि दानदाता और गैर सरकारी संगठन स्थानीय और वैश्विक स्तर पर कैसे काम करते हैं।
इम्पैक्ट गुरु एक संपूर्ण क्राउडफडिंग मंच है यह सेवा और परोपकार के क्षेत्र में एक ऐसा समाधान है जिसमें सामाजिक एवं दान विषयक जरूरतों के लिए क्राउडफडिंग के उपक्रम किये जाते हैं। इसके अंतर्गत चिकित्सा, व्यक्तिगत जरूरतों, गैर लाभकारी उपक्रमों, सामाजिक उद्यमों, या स्टार्ट-अप के लिए छोटे या बड़े सभी तरह के धन जुटाने के उपक्रम किये जाते हैं। कंपनी हाॅवर्ड इनवेशन लैब के नवीन खोजकारी उद्यम एवं प्रोत्साहन कार्यक्रम से प्रेरणा एवं प्रशिक्षण पाने के लिए सन 2014 में अमेरिका में सहभागी रहा है। ग्लोबल गिविंग दुनिया का प्रथम और सबसे बड़ा गैर लाभकारी वैश्विक क्राउडफडिंग समुदाय है। ग्लोबलगिविंग सर्वोच्च परोपकार एवं परोपकारी गतिविधियों के लिए सहायता जुटाने का संचालक है जिसने 16000 से अधिक परियोजनाओं के लिए 580000 से अधिक दाताओं से 250 मिलियन से अधिक की सहायता जुटायी है। ग्लोबलगिविंग दुनिया भर के स्थानीय गैर लाभकारी संगठनों को समझने में सहायता करती है कि वे अपने समुदायों के समर्थन के लिए किस तरह से सबसे उपयुक्त हैं विशेषकर संकटकालीन स्थितियों में राहत और संकटों से उबरने के लिए। प्रत्येक संगठन के लिए यह सुनिश्चित करने के लिए की दान के लिए वह उपयुक्त पात्र है और उसकी आवश्यकताएं उचित हैं, एक संपूर्ण एवं गहन जांच की जाती है। ़विशेषकर प्रवासी भारतीयों को भारत में सामाजिक कार्यों के उत्थान एवं निवेश हेतु प्रेरित किया जाएगा। जिसमें वित्तीय समावेशन, स्वच्छ तकनीक, शिक्षा, शुद्ध पीने का पानी, स्वच्छता और स्वास्थ्य सहित विभिन्न सामाजिक जरूरतों के साथ-साथ परोपकार एवं सेवा से जुड़े क्षेत्रों में निवेश होगा।
भारत में क्राउडफंडिंग को स्थापित करने का श्रेय श्री पीयूष जैन को ही जाता है। उनके अनुसार तमाम सार्वजनिक योजनाओं, धार्मिक कार्यों, जनकल्याण उपक्रमों और व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग इसका सहारा ले रहे हैं। इम्पैक्ट गुरु पूर्व में भी अनेक गैर सरकारी संगठनों के साथ अपनी सेवाएं दी हैं जिनमें आॅक्सफेम, एसओएस बाल ग्राम, हैविडेट फाॅर हयूमिनिटी, सीएसआर विभाग- टाटा, गोदरेज, वाॅकहार्ट आदि हैं। वह डेलबर्ग और आशा इम्पैक्ट जैसे संगठनों की तरह ही अपना विस्तार करना चाहता है।
श्री पीयूष जैन का मानना है कि क्राउडफंडिंग भारत को दुनिया में एक अलग पहचान दिलायेगी। इसको गति देने के लिए वे इम्पैक्ट गुरु की कार्ययोजना को आकार देने के लिये सक्रियता से जुटे हैं। इम्पैक्ट गुरु जागरूकता लाकर लोगों में दान की एक नई परम्परा को विकसित करेगा। दान देने के लिए हमें लोगों को प्रेरित करना है। श्री पीयूष जैन का मानना है समाज में जो सुविधा संपन्न लोग हैं उनकी भी समाज के प्रति जिम्मेदारी बनती है अतः अपनी आय का कुछ हिस्सा इन गरीबों के उत्थान एवं उन्नयन में खर्च करना चाहिए। श्री जैन कहते हैं कि बड़े दानदाता ही नहीं बल्कि छोटे-छोटे दान को प्रोत्साहन किया जायेगा। लोगों में भी दान देने का प्रचलन बढ़ाना हमारा लक्ष्य है। विशेषतः नवयुवकों मंे जनकल्याण एवं सामाजिक भागीदारी के लिए दान की परम्परा के प्रति आकर्षण उत्पन्न किया जाएगा, जिसके माध्यम से सेवा और जनकल्याण के नये उपक्रम संचालित हो सकेंगे। प्रेषकः
(ललित गर्ग)