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झूठ बोले कोआ काटे

थैंक्स विकास दुबे, कानपुर वाला, भईया तुम्हे बारंबार नमन
भईया विकास दुबे, आज तुम्हारे मृत्युलोक जाने के बाद तुम्हें एक बार थैंक्स बोलने को मन कर रहा है। तुम जैसा विशाल कद का ब्राहम्ण कभी-कभी ही पृथ्वी पर जन्म लेता है। भईया जी आप नहीं जानते आपने कितनी आसानी से पूरे देश को चीनी कोरोना से मुक्त करा दिया है। बडक़े भईया आप नहीं जानते पिछले 6 महीने से पूरे देश में हर तरफ कोरोना की मौत ही मौत नजर आ रही थी। मुअए ये टीवी वाले तो दिन रात ऐसे डराते थे, जैसे दो चार दिनों में बस पूरा देश खत्म हो जाएगा। अखबार वालों ने तो अपने अखबार के पेज कम कर दिए और उनमें भी 6-6 सात-सात पेज कोरोना पर ही छाप रहे थे। गली मोहल्लों से लेकर अस्पतालों और शमशान घाटों तक बस मौत ही मौत चल रही थी। भईया इसे कहते हैं जीदारी, राम कसम आपने एक ही झटके में 8 पुलिसवालों को मारा और कोरोना की पूरी कहानी ही बदल कर रख दी। हे ब्राहम्ण अवतार, आपने जो अहसान भारत की समस्त मानव जाति पर किया है न उसके बदले आपको जरूर स्वर्ग में 178 हूरें मिलेंगी और देखो फिरौती की बिलकुल चिंता मत करना, कानपुर पुलिस अब तुमसे लूटी गई एके-47 और इंसास रायफल भी नहीं मांग रही है। इन्हें अपने साथ ही स्वर्ग लोक ले जाना, वहां महाकाल से भी तो तुम्हें बदला लेना है न अभी, जहां घूमते दिख जाएं, झट से तान देना, भभूत वाले बाबा पर। देखो भईया, तुमने महाकाल और मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर विश्वास करके अच्छा नहीं किया। महाकाल ने ब्राहम्ण राज रावण को भी धोखा दिया था, रावण भी गया था महाकाल के पास उसे भी लौटते ही यमराज मिल गए और जबरन अपने साथ ले गए। भईया ये जो भाजपा वाले हैं न किसी के सगे नहीं हैं। इन्होंने बेचारे, एक्टर, डायरेक्टर, मॉडल, पापा जी, रॉक स्टार, गायक, स्क्रिप्ट राइटर, किसान, राजा, रंक और न जाने कैसी-कैसी प्रतिभाओं के मालिक बाबा राम रहीम को भी ऐसे ही धोखे से पकड़वाया था। कह दिया था, अरे बाबा जी जज अपना है, बस तुम अदालत पहुंच जाओ, जाते ही जमानत हो जाएगी, बेचारा आज तक पड़ा है, जेल में, मर गई न एक साथ इतनी सारी प्रतिभाएं। बेचारा आशाराम बापू भी इन्हीं मुअए भाजपा वालों ने फंसवाया था, कितना अच्छा नाचते थे, ठुमके लगा-लगा कर दोनों बाप-बेटे, अब दोनों की ही कमर अकड़ गई है।
खैर कोई बात नहीं, भईया देखो स्वर्ग में मुन्ना बजरंगी भईया काफी दिनों से अकेले थे और आपकी राह देख रहे थे, कहते थे, दुबे साला तुम हमको छोड़ कर कहां घूम रहे हो रे, जल्दी आओ। भईया उन्हें पता था, कि आप फरारी के समय उनके ही आदमियों के घरों और ठिकानों पर छिपते फिर रहे थे। देखो बेचारी पुलिस से कोई रंज नहीं रखना, पुलिस वालों ने तुम्हारे गनर, मामा और कई शार्प शूटरों को तुम्हारे लिए पहले ही स्वर्ग पहुंचा दिया है। तुम चिंता मत करना, दो चार आदमी जल्दी ही तुम्हारे पास और पहुंच जाएंगे। भईया विकास दुबे कानपुर वाला, कोरोना से देश को मुक्ति दिलाने पर एक बार फिर तुम्हें बारंबार नमन है। हे ब्राहम्ण देवता, तुम कितने दरिद्र हो इसका पता आज चला जब तुम एक सूने से खेत में देह त्याग रहे थे, दुबई तक फैली तुम्हारी अकूत संपत्ति तुम्हारे किसी काम नहीं आई।
-कुमार गजेंद्र

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