दिल्ली पत्रकार संघ तथा केंद्रीय विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने मिलकर आज रफ़ी मार्ग स्थित अनुसन्धान भवन में विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किये जा रहे उत्कृष्ट अनुसंधानों से पत्रकारों को अवगत करने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया. कार्यशाला में 250 से अधिक पत्रकारों ने भाग लेकर इस अवसर का लाभ उठाया. सी.एस.आई.आर. के महानिदेशक डॉ गिरीश साहनी ने पत्रकारों को विभिन्न अनुसंधानों से अवगत कराया. केंद्रीय विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्री डॉ हर्ष वर्धन का उद्बोधन बहुत प्रेरक था.
विज्ञान के क्षेत्र में हम 19 नहीं, 21 हैं हर्षवर्धन
नयी दिल्ली, 23 जून: केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज कहा कि भारत विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति के मामले में आज दुनिया के अग्रणी देशों में है और अमेरिका, इंग्लैण्ड, जापान तथा कोरिया सहित 80 से अधिक देशों के साथ सहयोग कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया वैज्ञानिक नवोन्मेष से जन-जन को अवगत कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। वे आज यहां विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा दिल्ली पत्रकार संघ द्वारा ‘वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति के प्रसार में मीडिया की भूमिकाÓ विषय पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे। सीएसआइआर के महानिदेशक डॉ गिरीश साहनी भी इस अवसर पर उपस्थित थे.
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) देश को विज्ञान के क्षेत्र में ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए निरंतर काम कर रही है और हम विज्ञान के क्षेत्र में 21 नहीं, 19 हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के 1,203 सरकारी अनुसंधान संगठनों में भारत की सीएसआईआर आज शीर्ष 12वें स्थान पर है। वहीं, दुनिया के कुल 5,147 अनुसंधान संगठनों में से सीएसआईआर शीर्ष 100 संगठनों में शामिल है और इसका 99वां नंबर है।
मंत्री ने कहा कि भारत की विज्ञान वृद्धि दर कुल अंतरराष्ट्रीय विज्ञान वृद्धि दर के मुकाबले काफी अधिक है। नैनो प्रौद्योगिकी में देश आज तीसरे नंबर पर है। उन्होंने कहा कि भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार प्रगति कर रहा है। उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में देश की उपलब्धियों को याद करते हुए कहा कि यह भारत ही है जो एक साथ 104 उपग्रह एक साथ कक्षा में स्थापित कर सकता है। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि देश की सुनामी चेतावनी प्रणाली एक बेहतरीन प्रणाली है तथा भारत आज अन्य तटवर्ती देशों को भी सुनामी पूर्व चेतावनी जारी करता है। यह देश के वैज्ञानिकों की काबिलियत की वजह से ही संभव हुआ है । उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए छोटे विमान बनाने पर भी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक नवोन्मेष के प्रचार-प्रसार में मीडिया काफी बड़ी भूमिका निभा सकता है और वह निभा भी रहा है।
नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स इंडिया के अध्यक्ष रास बिहारी, डॉ नन्दकिशोर त्रिखा, राजेंद्र प्रभु व के.एन. गुप्ता सहित अनेक वरिष्ठ नेता भी इस अवसर पर उपस्थित थे. दिल्ली पत्रकार संघ के उपाध्यक्ष राकेश आर्य, राकेश थपलियाल, अनुराग पुनेठा, राकेश शुक्ला, कोषाध्यक्ष नेत्रपाल, सचिव मयंक सिंह और संजीव कुमार और कार्यकारिणी सदस्यों सहित 250 से अधिक पत्रकार इस अवसर पर उपस्थित थे.
संतोष पांडे, दिल्ली