जयपुर ऐतिहासिक इमारतों एवं किलों के कारण विश्व हेरिटेज में अपना एक विशेष स्थान रखता है। गत कुछ वर्षों से जयपुर शिक्षा के क्षेत्र में भी नए इनिशिएटिव ला रहा है, इन्ही में से एक है राजयोग थॉट लेबोरेट्री। यह ऐसी अनूठी प्रयोगशाला है जिसमें विद्यार्थी स्वयं पर एक्सपेरिमेंट्स करके अपने विचारों को दिशा दे सकता हैं। यह भारत की पहली ऐसी प्रयोगशाला है जो वैचारिक स्तर पर सशक्तिकरण का कार्य कर रही है।
जिस प्रकार स्टूडेंट फिजिक्स लैब, केमिस्ट्री लैब आदि लेब्स में कार्य करके अपनी टेक्निकल स्किल्स को इम्प्रूव करता है, ठीक उसी प्रकार इस थॉट लैब में स्टूडेंट अपने मन में चलने वाले थॉट पैटर्न पर वर्क करके मेंटल एंड इमोशनल लेवल पर एम्पावरमेंट कर सकते हैं। आज के इस आधुनिक युग में सोशल मीडिया और इन्टरनेट के अनियंत्रित उपयोग के कारण युवाओं में मानसिक परेशानियाँ जैसे की गुस्सा, बदले की भावना, तनाव, आत्म-ग्लानी, इन्फ़िरिओरटी काम्प्लेक्स आदि बढ़ रही है, ऐसे में थॉट लैब स्टूडेंट्स के लिए एक यूसफुल रिसोर्स बन रही है।
भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, जेइसीआरसी तथा ब्रह्माकुमारिज संस्थान के सहयोग से जयपुर के जेइसीआरसी कॉलेज में थॉट लैब पिछले तीन साल से कार्य कर रही है। इस थॉट लैब में आधुनिक मशीनों जैसे ओरा स्कैनिंग, कराडा स्कैन, पर्सनल मैडिटेशन असिस्टेंट आदि से भी परिक्षण किये जाते हैं। यहाँ आने वाले स्टूडेंट्स ने अपनी टेक्निकल नॉलेज को आध्यात्म के साथ मिलाकर कई टेक्नो-स्पिरिचुअल प्रोजेक्ट्स भी डेवेलप लिए हैं, जिनमे मेमोरी पॉवर टेस्ट करने की मशीन, एकाग्रता परखने की मशीन, जीवन से दुर्गोनो को निकल सद्गुणों को अपनाने की प्रेरणा देने के लिए “संकल्प यज्ञ” नाम की मशीन, आत्मा की कार्य प्रणाली को समझानी की मशीन बहुत ही उपयोगी सिद्ध हो रही हैं।
इस थॉट लैब द्वारा मन में छिपी आंतरिक शक्ति को जाग्रत करने के लिए स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग दी जाती है की कैसे हम अपनी सोच को बदल कर जीवन में मिलने वाले फल को बदल सकते हैं। राजयोग के अभ्यास से स्टूडेंट्स अपने मन को शांत तथा एकग्र करना सीख रहे हैं। यहाँ आने वाले स्टूडेंट्स का कहना है की यहाँ आने से उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आये हैं। कई स्टूडेंट्स ने अपनी एकग्रता को बढाकर बेक एक्साम्स क्लियर करने में भी सफलता प्राप्त की है।
इस थॉट लेब में एक मैडिटेशन रूम है जहाँ बैठकर ध्यान का अनुभव किया जा सकता है। ऑडियो-विडियो क्लासरूम और स्पिरिचुअल लाइब्रेरी थॉट लैब के मुख्य कॉम्पोनेन्ट हैं। यहाँ पर मैडिटेशन करने से पहले और बाद मे हुए परिवर्तन का वैज्ञानिक रूप से परिक्षण भी किया जाता है। अब तक 35 देशों के प्रतिनिधि इस थॉट लैब का अवलोकन कर चुके हैं। हजारों स्टूडेंट्स इस थॉट लैब से जुड़कर अपने विचारों सकारात्मक तथा दृढ़ता दे पायें है।
जेइसीआरसी थॉट लैब टीम ने ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा आयोजित ग्लोबल समिट कम एक्सपो में भी भाग लिया । इस समिट में भारत सहित विश्व के हर कोने से दिद्दाज हस्तियों सहित लगभग 10000 लोगों ने भाग लिया। इस समारोह में माननीय उप राष्ट्रपति महोदय ने भी आये हुए जन समूह को सम्बोधित किया। इस एक्सपो में थॉट लैब टीम ने टेक्नो-स्पिरिचुअल प्रोजेक्ट्स को प्रदर्शित किया। श्री रविशंकर प्रसाद, लॉ एंड जस्टिस, कम्युनिकेशन एंड आई टी मंत्री, भारत सरकार , श्री प्रताप चाँद सारंगी, राज्य मंत्री, भारत सरकार सहित कोलोंबो, अमेरिका , स्पेन, थाईलैंड के प्रतिनिधियों ने थॉट लैब प्रदर्शनी का अवलोकन करके इसे शिक्षा के क्षेत्र में एक नयी पहल बताया।