उपायुक्त ने बताया कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार कई प्रकार के प्रयास कर रही है उनमें से यह सेंटर भी एक जरूरी प्रयास है उपायुक्त ने बताया कि इस सेंटर में महिलाओं को कई प्रकार की सुविधाएं मिलती है उन्होंने कहा कि वन स्टॉप सेंटर जिसका नाम सखी भी है यहां पर महिलाओं और बच्चों पर किसी प्रकार की हिंसा हो तो वन स्टॉप सेंटर द्वारा उन समस्याओं का समाधान किया जाता है ।इस सेंटर मे बलात्कार पीड़ित, बाल विवाह, घरेलू हिंसा पीड़ित, बाल यौन शोषण पीड़ित ,यौन शोषण पीड़ित ,गुमशुदा अपहरण ग्रस्त दहेज उत्पीड़न, एसिड अटैक जैसी पीड़ित महिलाओं व बच्चों के बारे में काउंसलिंग की जाती है। यशपाल ने बताया कि किसी महिला को इनमें से किसी तरह की कोई परेशानी होती है तो इस सेंटर पर आकर उनकी चिकित्सा के साथ-साथ कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने कहा कि सभी एनजीओ को इस बारे में महिलाओं को जागरूक करना चाहिए ।उन्होंने जिला के डॉक्टरों से भी कहा कि वह आशा वर्कर ,एएनएम को भी निर्देश दें कि वह पीड़ित महिलाओं को इस वन स्टॉप सेंटर के बारे में अवगत कराएं जिससे इस सेंटर में आने के बावजूद उनकी सही से सहायता की जा सके। उपायुक्त ने कहा कि इस सेंटर में एक कार्यालय, एक काउंसलिंग रूम, एक किचन , एक शेल्टर रूम बनाया गया है । जिसमें लगभग 9 व्यक्तियों का स्टाफ है । जिसमें दो सिक्योरिटी गार्ड ,दो पैरामेडिकल, दो एमपीडब्ल्यू ,एक आई टी, एक लीगल एडवाइजर के साथ-साथ वन स्टॉप सेंटर की संचालिका रहते हैं ।उन्होंने कहा कि यहां पर पीड़ित महिला 5 दिनों तक रह सकती हैं । उन्होंने कहा कि जब तक उनकी समस्या का निराकरण नहीं हो जाता है वह इस सेंटर में रह सकती हैं।
उपायुक्त ने बताया कि पीड़ित महिला और बच्चों को मानसिकता तौर पर सुविधाएं दी जाएंगी ।उन्होंने कहा कि इन सेंटरों में महिलाओं के लिए काउंसलिंग कार्यालय, शौचालय, ठहरने के लिए कमरे, खाने के लिए खाना के साथ-साथ मेडिकल व कानूनी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती है।
इस अवसर पर उनके साथ नगराधीश बलीना, मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी अतुल ,सिविल सर्जन डॉक्टर सविता यादव, डीसीपी हैडक्वार्टर डॉक्टर अंशु सिंगला,डिप्युटी सिविल सर्जन डॉ रमेश , जिला रेडक्रॉस के सचिव विजेंद्र सौरौत, लड़कों से पुष्पेंद्र सैनी, वन स्टॉप सेंटर की संचालिका मीनू ,डीपीओ मंजू वर्मा ,सीडीपीओ अनीता शर्मा,मीरा के अलावा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।