कुछ दिनों से फेसबुक द्वारा किए गए यूजर डाटा को लीक करने की खबरें सामने आ रही हैं। अमेरिका में सोशल नेटवर्किंग साइट ने अपने यूजर्स के डेटा को चुराकर एक एजेंसी को दिया था। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स और ब्रिटेन के ऑब्जर्वर की संयुक्त जांच में खुलासा हुआ है कि ब्रिटेन की कैंब्रिज एनालिटिका नामक कंपनी ने फेसबुक के पांच करोड़ यूजरों के बारे में जानकारियां बिना उनके अनुमति के दुरुपयोग किया। यह सब 2016 के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति बनवाने के लिए किया गया। कंपनी ने इन जानकारियों के आधार पर एक ऐप के जरिए वोटरों के व्यवहार की भविष्यवाणी की थी। इस खुलासे के बाद भारत की राजनीति में हड़कंप मच गया है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर कैंब्रिज एनालिटिका नामक कंपनी की सेवाएं लेने का आरोप लगाया है। प्रसाद का कहना है कि साल 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस इस एजेंसी की मदद ले रही है। इन सब के बीच आपके मन में यह सवाल जरूर उठा होगा कि आखिर डेटा कैसे चोरी होता है और उसका कैसे इस्तेमाल किया जाता है। आज हम आपको बताते हैं कि कैसे आपके फेसबुक डेटा का चुनाव में प्रयोग हो सकता है। डेटा चोरी के बारे में कैंब्रिज एनालिटिका के सीईओ ने कहा था कि कंपनी किसी यूजर के डेटा के जरिए साइकोलॉजिकल प्रोफाइलिंग करती है। इसके आधार पर क्लाइंट के समर्थन में और विरोधी के खिलाफ सूचनाएं प्लांट की जाती हैं। इसकी वजह से चुनाव में ज्यादातर लोगों का मन बदल जाता है और वह अपने वोट को बदल देते हैं। भारत के परिप्रेक्ष्य में देखें तो यहां 20 करोड़ लोग फेसबुक इस्तेमाल करते हैं जिसमें ज्यादातर 18 से 35 साल की उम्र में है। यह लोग राजनीतिक दलों द्वारा फैलाई गई बातों को सच समझकर अपनी राय बना लेते हैं। कैंब्रिज एनालिटिका पर आरोप लगे हैं कि उसने ना केवल अमेरिका में बल्कि ब्रिटेन, द. कोरिया सहित पांच देशों में डेटा चोरी की है।
हमसे गलतियां हुईं : मार्क जुकरबर्ग
फेसबुक से डेटा चोरी होने के मामले में फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने आखिरकार अपनी गलती मान ली है। इस विवाद पर बीते चार दिनों से चुप्पी साधे रहे मार्क जुकरबर्ग ने अब कुछ जरूरी कदम उठाए जाने की भी बात कही। जुकरबर्ग ने कहा यूजर्स के डेटा की सुरक्षा करना फेसबुक की जिम्मेदारी है और अगर वह इसमें असफल होता है तो कंपनी को यूजर्स की सेवा करने का अधिकार नहीं है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक जुकरबर्ग ने कहा, ‘मैं यह समझने की कोशिश कर रहा हूं कि आखिर यह कैसे हुआ। इसके अलावा हम यह सुनिश्चित करने की भी कोशिश करेंगे कि ऐसा फिर न हो। मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि ऐसी स्थिति न आए, इसके लिए सबसे जरूरी कदम उठा लिए गए हैं तो फेसबुक के सीईओ ने यह भी माना कि अभी कंपनी को काफी कुछ करने की जरूरत है।
इससे पहले भारत ने मार्क जुकरबर्ग को सख्त चेतावनी दी थी। केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘मिस्टर जुकरबर्ग आप भारत के आईटी मंत्री के विचार को अच्छी तरह से जानते हैं। अगर फेसबुक के जरिए भारतीयों की किसी भी सूचना की चोरी हुई तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’ रविशंकर ने कहा कि भारत सरकार आईटी कानून के तहत उन्हें भी समन भेज सकती है।
बीते शुक्रवार को खबर आई थी कि लंदन स्थित कैंब्रिज एनालिटिका नाम की कंपनी ने फेसबुक यूजर्स के डेटा की चोरी की है। यह कंपनी 2016 में अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को अपनी सेवाएं दे चुकी है। इस मामले में डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ी एक फर्म भी शामिल है जो उनके लिए डेटा खोजने और उसका विश्लेषण करने का काम करती है। खबर के मुताबिक शायद चुनाव को प्रभावित करने के मकसद से कैंब्रिज एनालिटिका ने पांच करोड़ फेसबुक यूजर्स का डेटा अनुचित ढंग से हासिल किया था।
उधर, जिस ऐप के जरिए डेटा चोरी किया गया उसे बनाने वाले एलेक्जेंडर कोगान ने कहा है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं थी कि इसका इस्तेमाल डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव अभियान में किया जाएगा। एलेक्जेंडर ने कहा कि फेसबुक और कैंब्रिज एनालिटिका दोनों ने इस मामले में उन्हें दोषी ठहराने की कोशिश की। उनके मुताबिक कंपनी ने उन्हें विश्वास दिलाया था कि वे जो भी कर रहे हैं वह कानूनी रूप से सही है।
सरकार ने फेसबुक उपयोगकर्ताओं के डेटा चोरी मामले में कैंब्रिज एनालिटिका को नोटिस जारी किया है और 31 मार्च तक उससे जवाब मांगा है। सरकार ने कैंब्रिज एनालिटिका से पूछा है कि क्या वह भारतीयों के डेटा दुरुपयोग और उनके मतदान करने के तरीके को प्रभावित करने में शामिल थी। नोटिस में कंपनी से यह भी पूछा गया है कि किन इकाइयों ने उसकी सेवाएं ली हैं, वह किस तरीके से आंकड़े रखती है और क्या प्रयोगकर्ताओं की सहमति लेती है।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बयान में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कैंब्रिज एनालिटिका को नोटिस जारी किया। यह स्वामित्व और डेटा का दुरुपयोग कर प्रयोगकर्ताओं के प्रोफाइल बनाने और उनके मतदान के तरीके को प्रभावित करने जैसे गंभीर उल्लंघन का मामला है।
मंत्रालय ने कंपनी से पूछा है कि क्या इन आंकड़ों के आधार पर प्रोफाइल बनाया गया? इससे पहले इसी सप्ताह विधि और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज फेसबुक को आगाह किया था यदि उसने आंकड़ों की चोरी के जरिये चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।