अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर का शिलान्यास पांच अगस्त को होगा। यह शायद बहुत कम लोगों को पता होगा कि राम मंदिर निर्माण के आंदोलन की रुप रेखा शहर के मुमुक्षु आश्रम में तय की गई थी। जिसको मुजफ्फरनगर के हिन्दू सम्मेलन में धार दी गई।
1983 में जब उत्तर प्रदेश की कांग्रेस पार्टी की सरकार में मंत्री व काँठ से विधायक रहे दाऊदयाल खन्ना जी ने काशीपुर की एक सभा में पहली बार अयोध्या में रामजन्मभूमि से टाला खुलवाने के मुद्दा उठाया था तब उससे पहले इस संबंध में विस्तृत चर्चा के लिए दाऊदयाल जी के नेतृत्व में जो बैठक हुई थी वह काशीपुर से 11 किलोमीटर दूर ठाकुरद्वारा में वरिष्ठ संघ नेता डॉ मदन मोहन अग्रवाल के निवास पर आयोजित की गई थी। 1983 में जब उत्तर प्रदेश की कांग्रेस पार्टी की सरकार में मंत्री व काँठ से विधायक रहे दाऊदयाल खन्ना जी ने काशीपुर की एक सभा में पहली बार अयोध्या में रामजन्मभूमि से टाला खुलवाने के मुद्दा उठाया था तब उससे पहले इस संबंध में विस्तृत चर्चा के लिए दाऊदयाल जी के नेतृत्व में जो बैठक हुई थी वह काशीपुर से 11 किलोमीटर दूर ठाकुरद्वारा में संघ के वरिष्ठ नेता डॉ मदन मोहन अग्रवाल के निवास पर आयोजित की गई थी
इसमें हिन्दू जागण मंच के प्रांतीय संयोजक अमरोहा के दिनेश त्यागी ने मुख्य भूमिका निभाई थी। उन्होंने ही कांग्रेस के तत्कालीन मंत्री दाऊ दयाल खन्ना की संघ के पदाधिकारियों के साथ गुप्त मीटिंग मुमुक्षु आश्रम में कराई थी। यहीं से हिन्दू सम्मेलन का तानाबाना बुना गया और फिर सम्मेलन में ही राम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति का गठन किया गया।
राम मंदिर आंदोलन शुरुआत से पहले मंत्री दाऊ दयाल खन्ना बार बार बार हिन्दू जागरण मंच के प्रांतीय संयोजक से मिलने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन वह उनसे मिलने को इसलिए तैयार नहीं थे क्योंकि वह उनका पहले मंतव्य समझना चाहते थे। इसके बाद मदन मोहन जी की पहल ओर मुरादाबाद के विभाग प्रचारक दिनेश त्यागी जी को उनका मंतव्य समझाया। इसके बाद दिनेश जी ने मदन मोहन अग्रवाल जी को मंत्री दाऊ दयाल खन्ना जी से मिलने भेजा।
उसके बाद खन्ना से विस्तार से राम जन्मभूमि अयोध्या, कृष्ण जन्मभूमि मथुरा तथा विश्वनाथ मंदिर वाराणसी की मुक्ति के संबंध में भारत सरकार के पत्राचार एवं चित्रों को समझा एवं इसके बाद दिनेश त्यागी द्वारा संघ के पदाधिकारियों से खन्ना की बैठक तय हुई। जिसका केंद्र बना था शाहजहांपुर का मुमुक्षु आश्रम। यहीं पर 1983 में मुजफ्फरनगर में हिन्दू सम्मेलन के ऐतिहासिक आयोजन की नींव रखी गई।
सम्मेलन में प्रख्यात कथावाचक विजय कौशल जो उस समय मुजफ्फरनगर के संघ के प्रचारक थे। मंच पर संघ के सह सरकार्यवाह प्रो. राजेंद्र सिंह, पूर्व गृहमंत्री गुलजारी लाल नन्दा, स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि, दाऊ दयाल खन्ना की उपस्थिती में राम जन्म भूमि अयोध्या, कृष्ण जन्मभूमि मथुरा तथा बाबा विश्वनाथ मंदिर काशी की मुक्ति का प्रश्न उठाया गया।
वहां सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित हुआ कि इस आंदोलन को संपूर्ण भारतवर्ष में बड़े पैमाने पर चलाया जाएगा। राम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति का गठन हुआ जिसका अध्यक्ष गोरखपुर के महंत अवैद्यनाथ व महामंत्री दाऊ दयाल खन्ना को बनाया गया। महंत अवैद्यनाथ के शिष्य योगी आदित्यनाथ मौजूदा समय प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। उनके ही कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ।
प्रमुख तिथियाँ
1983 : काशीपुर में दाऊदयाल खन्ना ने राम जन्मभूमि मुक्ति का मुद्दा उठाया।
7-8 अप्रैल 1984 : दिल्ली में विहिप द्वारा आयोजित प्रथम धर्म संसद में राम जन्मभूमि मुक्त कराने का संकल्प लिया।
18 जून 1984 : दिगंबर अखाड़ा, अयोध्या में आयोजित संतों की सभा में दाऊदयाल खन्ना को जन्मभूमि मुक्ति अभियान समिति का संयोजक बनाया गया।
21 जुलाई 1984 : महंत अवैद्यनाथ राम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के अध्यक्ष, रामचंद्र दास परमहंस उपाध्यक्ष और ओंकार भावे मंत्री बने।
दिनेश त्यागी के गाँव के पारिवारिक छोटे भाई एन सी त्यागी जी बताते हैं कि भैया जी सन 1982 के दौर में शाहजहाँपुर आए थे। रात्रि प्रवास उन्होने हमारे घर पर ही किया था किन्तु वह इतने महत्वपूर्ण कार्य के लिए वह शाहजहाँपुर आए थे इसका उन्होने आभास भी नहीं होने दिया। दिनेश जी स्वयं भौतिक विज्ञान से एमएससी थे इसलिए हम दोनों के मध्य रात में कुछ भौतिक विज्ञान पर भी चर्चाएँ हुयी थीं। रात के खाने में उन्होने कहकर साग बनवाया था। मैं उस समय ओसीएफ़ इंटर कॉलेज में भौतिक विज्ञान का प्रवक्ता था इसलिए सुबह ही हम दोनों नाश्ता करके अपने अपने कर्मक्षेत्र में चले गए।
संकलन व संपादन: अनुज अग्रवाल व अमित त्यागी