परम् स्नेहीजन,
वंदेमातरम
गत 2 सितंबर, 2019 को मौलिक भारत ने महामहिम राष्ट्रपति जी को दो शिकायती पत्र व दस्तावेज भेजे थे। इन पत्रों की कॉपी व दस्तावेज हमने माननीय प्रधानमंत्री जी, उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, शहरी विकास मंत्री व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी को भी भेजे थे। यह सुखद है कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने हमारी दोनों शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए उनको “लेटर पिटीशन” के रूप में स्वीकार कर लिया है व इस संबंध में हमको निम्न जानकारी भेजी –
1) Your Grievance/Communication has been successfully registered as Diary No.49892/SCI/PIL(E)2019 For status, kindly logon to http://sci.gov.in and go to Grievance Management option in Case Information Tab.
2) Your Grievance/Communication has been successfully registered as Diary No.49896/SCI/PIL(E)2019 For status, kindly logon to http://sci.gov.in and go to Grievance Management option in Case Information Tab.
संस्था का सभी संवैधानिक संस्थाओं से अपील है कि इस संवेदनशील व असाधारण जनमहत्व के मुद्दे से जुड़ी हमारी शिकायतों व मांगो पर गहराई से विचार कर उचित कार्यवाही करे। मौलिक भारत इस मुद्दे को परिणाम तक पहुंचाने के लिए सभी उचित कदम उठायेगा।
. प्रेस विज्ञप्ति
मौलिक भारत: दो दशकों के नोयडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरणों सभी घोटाले व आरोपो की समयबद्ध रूप से विस्तृत जांच हो व इसके लिए उच्चतम न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल बने । आम्रपाली मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले पर पुनर्विचार हो ।
राष्ट्रपति जी इस मामले को संज्ञान लेते हुए अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए जनहित में बड़ा निर्णय लें।
प्रतिष्ठित संस्था मौलिक भारत ने दिनांक 2 सितंबर को नोयडा के अग्रसेन भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में उन दो प्रतिवेदनों को मीडिया को जारी किया जो संस्था ने नोयडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरणों में पिछले दो दशकों से चल रही लूट के खेल को विस्तार से उजागर करते हुए राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी को लंबे मांगपत्र के साथ भेजे हैं। 300 से भी अधिक पृष्ठों के दस्तावेज सहित इस प्रतिवेदन की प्रतियां प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय, शहरी विकास मंत्री व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी भेजी गयीं है। बेहद विस्तृत व सनसनीखेज इस प्रतिवेदन पर संस्था की ओर से महासचिव अनुज अग्रवाल व केंद्रीय कार्यकारणी के बरिष्ठ सदस्यों , अनिल गर्ग, पंकज सरागवी व नीरज सक्सेना ने हस्ताक्षर किए। इन सभी ने आज की प्रेसवार्ता में प्रतिवेदन के प्रमुख बिंदुओं के बारे में विस्तार से मीडिया को बताया। संस्था का आरोप है कि सन 2010 से ही इन प्राधिकरणों के घोटाले उजागर होने के बाद भी पिछले एक दशक में दर्जनों विभिन्न प्रकार की जांच व कार्यवाही के नाटकों के बाद भी घोटाले की मूल वजहों को दुरस्त करने व मुख्य किरदारों के खिलाफ कार्यवाही करने के कोई प्रयास नहीं किए गए। लोकायुक्त, सीबीआई, सीएजी, ईडी व उच्च व उच्चतम न्यायालयों व प्रदेश सरकार की जांच व कार्यवाही के बाद भी न घोटाले रुके न निवेशकों को इंसाफ मिला और न ही व्यवस्थाएं दुरुस्त व पारदर्शी हो पाई। ऐसे में संस्था ने दर्जनों मांग की है जो अलग अलग पहलू को दुरुस्त करने से संबंधित हैं। जिनमे प्रमुख निम्न प्रकार हैं
- दो दशकों के सभी घोटाले व आरोपो की समयबद्ध रूप से विस्तृत जांच हो व इसके लिए उच्चतम न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल बने। इस जांच दल को पिछले दो दशकों में सरकार , संवैधानिक संस्थाओं व जांच दलों को मिले सभी दस्तावेज व जांच परिणाम भी सौपे जाएं।
- पूरे घोटालों में राजनेताओं व नोकरशाहो की जबाबदेही भी तय की जाए व दोषी को उचित व कठोर दंड दिया जाय।
- आम्रपाली मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले पर पुनर्विचार हो व निवेशकों की जगह राज्य सरकार को धन उपलब्ध करवाकर प्रोजेक्ट्स पूरे करने के निर्देश जारी हो। संस्था भी इसके लिए उच्चतम न्यायालय में अपील करने जा रही है।
- प्राथमिकता के आधार पर तीनो प्राधिकरणों के सभी पूरे हो चुके व निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स में आर्थिक रूप से गरीब वर्ग के लिए 25 प्रतिशत मकान बनाए जाएं।
संस्था को आशा है कि महामहिम राष्ट्रपति जी इस मामले को संज्ञान लेते हुए अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए जनहित में बड़ा निर्णय लेंगे ।
नोट :दोनों प्रतिवेदनों का मसौदा नीचे वर्णित है। अगर कोई पत्रकार बन्धु प्रतिवेदन में संलग्न दस्तावेजों का अध्ययन करना या फोटोकॉपी करवाना चाहते है तो वे हमारे 07,अपर ग्राउंग फ्लोर, ओसियन प्लाजा,सेक्टर18 , नोयडा, स्थित कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
आमजन की यह त्रासद व दारुण कथा व सत्ता के शीर्ष संस्थानों का मौन – मौलिक भारत
सत्ता के शीर्ष संस्थानों के बीच जब लूट की राज व्यवस्थाओं पर जब मौन सहमति हो जाए और न्यायपालिका स्वयं ही न्याय का गला घोंट दे तो जनता जाए कहां? नोयडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरणों की “किसान व निवेशक लूट नीति” जो तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती, मुलायम सिंह व अखिलेश यादव के समय परवान चढ़ी उस पर एक तरह से माननीय उच्चतम न्यायालय ने मुहर लगा दी है। शाहबेरी व आम्रपाली के दो मामले खुली लूट के उन सैकड़ों मामलों में से कुछ ऐसे ही हैं जिसमे राजनेताओं, नोकरशाहो, प्राधिकरण के अधिकारियों व कर्मचारियों, बिल्डरों, बैंकों व मीडिया के सिंडिकेट ने दोंनो हाथों से किसानों व फ्लैट/ प्लाट के लिए निवेश करने वालों को लूटा और फिर सूली पर टांग दिया। इंसाफ की गुहार लगा रहे इन निवेशकों को न्यायपालिका ने भी ठेंगा दिखा दिया है मानो वो भी इस सिंडिकेट की हिस्सेदार बन गयी हो। ऐसे में ये निवेशक जाए कहां? रक्षकों के भक्षक बनने पर भी कोई उनके विरुद्ध कार्यवाही करने को तैयार नहीं क्योंकि उनके पास लूट की रकम है जो वे कार्यवाही करने वालो के साथ साझा कर रहे हैं। मोदी राज में भी आम जनता के साथ इस सांझी लूट पर कोई कार्यवाही न होना बहुत ही दुःखद है जबकि मौलिक भारत सभी सबूतों सहित सत्ता के शीर्ष संस्थानो से न्याय की गुहार लगा लगाकर थक गया है। यह कुछ वैसा ही है जैसे भरी सभा मे द्रौपदी के चीरहरण के समय पूरा राजदरबार खामोश था। क्या महाभारत फिर दोहराया जाएगा?
सच न डरता है , न दबता है और न ही छुपता है। राष्ट्रपति जी को भेजी नोयडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरणों के घोटालों की जानकारी के साथ हमारी प्रमुख मांगो को राष्ट्रीय मीडिया में बड़ी कवरेज किंतू स्थानीय मीडिया आया सरकार व प्रशासन के दबाब में।
Uttar Pradesh govt should fund remaining Amrapali projects, not buyers: NGO
https://realty.economictimes.indiatimes.com/…/utta…/70953479
https://www.business-standard.com/…/up-govt-should-fund-rem…
Uttar Pradesh govt should fund remaining Amrapali projects, not buyers: NGO – https://www.moneycontrol.com/…/uttar-pradesh-govt-should-fu…
Uttar Pradesh govt should fund remaining Amrapali projects, not buyers: NGO
https://www.indiatoday.in/…/up-govt-should-fund-remaining-a…
https://newsdig.in/…/UP-government-should-fund-remaining-Am…
http://nampa.org/index.php…
PTI release news of Maulik Bharat today’s press conference
https://www.outlookindia.com/…/up-govt-should-fund…/1610318…
UP govt should fund remaining Amrapali projects, not buyers: NGO – https://www.devdiscourse.com/…/655637-up-govt-should-fund-r…
http://www.pninews.in/maulik-bharat-open-secrets-of-noida-…/
https://youtu.be/zhm3ohTu1jA
https://youtu.be/FtFYLt15mus
http://nampa.org/index.php…
https://www.thequint.com/…/latest-news-breaking-news-2-sept…
मौलिक भारत की प्रेस विज्ञप्ति का लिंक :
http://dialogueindia.in/%E0%A4%A8%E0%A5%8B%E0%A4%8F%E0%A4%…/
मौलिक भारत की प्रेस विज्ञप्ति का लिंक :
http://maulikbharat.co.in/…/%e0%a4%a8%e0%a5%8b%e0%a4%8f%e0…/
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भवदीय
अनुज अग्रवाल,महासचिव, मौलिक भारत
अनिल गर्ग, सदस्य, केंद्रीय कार्यकारणी, मौलिक भारत
पंकज सरावगी, सदस्य, केंद्रीय कार्यकारिणी, मौलिक भारत
नीरज सक्सेना, सदस्य, केंद्रीय कार्यकारिणी, मौलिक भारत
मौलिक भारत
www.maulikbharat.co.in