असम की लड़कियों ने स्कूली पाठ्यकम में स्वास्थ्य विषय को शामिल करने की जरूरत बताइ है ताकि वे स्वास्थ्य सहित बढ़ती उम्र में उनमें होने वाले शारीरिक बदलाव को स्वयं से ही समझ सकें और किसी तरह के भ्रम की शिकार नहीं हो सके। लड़कियों ने सामूहिक रूप से यह बात सेंट जोसेफ स्कूल, बेलतला में स्वस्थ भारत यात्री दल के सदस्यों के अभिनंदन के दौरान कही। लड़कियों ने कन्या भूण हत्या, बालविवाह और डायन करार कर महिलाओं की हत्या के खिलाफ भी आवाज बुलंद की। आज स्वस्थ भारत यात्रा दल के सदस्य 17 राज्यों का दौरा कर गुवाहाटी पहुंचे। यात्री दल के सदस्यों ने सेंट जोसेफ स्कूल की बालिकाओं से स्वास्थ्य चर्चा की और स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज के संदेश को फैलाने के लिए सात बालिकाओं को गुडविल एंबेसडर मनोनित किया। सम्मानित होने वाली लड़कियों में नेहा मलिक, अफसाना खातून, रिया सिंह, दीक्षिता सिन्हा, रौशनी, प्रीति दास एवं ललिता ओगरा के शामिल है। अभी तक 200 से ज्यादा बालिकाओं को स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज का गुडविल एंबेसडर मनोनित किया है।
स्वस्थ भारत यात्रा के प्रमुख और स्वस्थ भारत ट्रस्ट के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह और वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत ने बालिकाओं के स्वस्थ होने को देश और समाज के विकसित होने की कसौटी बताते हुए कहा कि यह यात्रा इसलिए की जा रही है ताकि बालिकाओं के प्रति लापरवाह हो रहे समाज को जगाया जा सके। आशुतोष कुमार सिंह ने कहा कि लोग बीमार होने के बाद उपचार पर जोर लगाते हैं लेकिन बीमार नहीं हो सके इसके लिए कोई तरीका नहीं खो्जते। उन्हो्ंने बालिकाओं से अपील की कि वे उस जीवन पद्धति को अपनाने की कोशिश करें जिससे वे कभी बीमार न पड़े् और घर-परिवार के सदस्यों को भी स्वस्थ्य बनाए रखने में कामयाब हो सके। उन्होंने बालिकाओं से कहा कि नीम और तुलसी जैसे औषधीय पौधों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और रोगों पर खर्च होने वाले पैसों को बचाएं। इस मौके पर आशुतोष ने स्वस्थ भारत द्वारा चलाए जा रहे कैंपेनों मसलन कंट्रोल मेडिसिन मैक्सिमम रिटेल प्राइस, जेनरिक लाइए पैसा बचाइए, तुलसी लगाइए रोग भगाइए नो योर मेडिसिन के बारे में बालिकाओं को बताया। उन्होंने मेडिकल हिस्ट्री रखने का सुझाव देते हुए एंटीबायोटिक्स के दुरुपयोग से बचने पर जोर दिया।
इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत ने स्वास्थ्य को केवल दवा एवं उपचार तक सीमित नहीं रखने की अपील करते हुए कहा कि लड़कियों को स्वस्थ रखने के लिए खुद से प्रयास करना होगा। क्योंकि घर और समाज उनकी जिंदगी और भविष्य के प्रति लड़कों की तरह सचेत नहीं है।
गौरतलब है कि यह यात्रा विगत 30 जनवरी 2017 को दिल्ली के राजघाट से निकलकर 12000 किमी की दूरी तय करते हुए गुवाहाटी पहुंची है। गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के मार्गदर्शन में स्वस्थ भारत न्यास द्वारा इस यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। यात्री दल में विनोद रोहिल्ला भी शामिल हैं।
इसके पूर्व स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज के संदेश को देने के लिए गुवाहाटी पहुंचे यात्री दल का सेंट जोसेफ स्कूल के प्रिसिंपल टी.पी. फिलिप, आलोक हजारिका, ज्योति गगोई, अभिजित शर्मा ने अभिनंदन किया। यात्री दल असम के बाद मेघालय सहित पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में जाकर स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज का संदेश देंगे।
स्वस्थ भारत यात्री दल ने की राज्यपाल पुरोहित से मुलाकात
असम और मेघालय के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने इस बात पर जोर दिया है कि हरेक गांवों के साथ खासतौर से शहरी क्षेत्र में जगह-जगह महिलाओं के पेशाबघर होना चाहिए। राज्यपाल ने यह बात आज गुवाहाटी स्थित राजभवन में उनसे मिलने गए स्वस्थ भारत यात्रा दल के सदस्यों से बातचीत के क्रम में कही। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल बहुत पहले से ही हो जानी चाहिए थी।थराज्यपाल ने स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज का संदेश देने के मकसद से निकाली गई स्वस्थ भारत यात्रा दल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि देश भर में इस तरह का संदेश फैलाने का कार्य वास्तव में अभिनंदनीय है। राज्यपाल से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व स्वस्थ भारत यात्रा के प्रमुख आशुतोष कुमार सिंह ने किया। आशुतोष कुमार सिंह स्वस्थ भारत द्वारा चलाए जा रहे जनसरोकारी कैंपेन मसलन कंट्रोल मेडिसिन मैक्सिमम रिटेल प्राइस, जेनरिक लाइए पैसा बचाइए, तुलसी लगाइए रोग भगाईए एवं नो योर मेडिसिन की चर्चा की। इस प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत, विनोद रोहिल्ला के साथ असम में सक्रीय समाजकर्मी आलोक हजारिका, ज्योति गगोई और अभिजित शर्मा भी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने असम में बढ़ते बाल विवाह और डायन कर के महिलाओं की हत्या पर चर्चा की। 17 राज्यों का दौरा कर असम पहुंचे स्वस्थ भारत यात्रा दल के सदस्यों ने विभिन्न राज्यों में महिलाओं और बालिकाओं के साथ हो रहे भेदभाव और अत्याचार का जिक्र किया। इस मौके पर राज्यपाल ने स्वस्थ भारत यात्रा के मकसद की कामयाबी के लिए खासकर दैनिक पुर्वोदय के संपादक रविशंकर रवि के समर्थन-सहयोग की चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे संपादक अब कहां मिलते जो समाचार छापने के अलावा सामाजिक मुद्दों के समर्थन में खुलकर सामने आते हैं।