Shadow

स्वास्थ्य जागरूकता में साहित्य का योगदान अहमः अतुल प्रभाकर

भारत रत्न डॉ. विधानचन्द्र राय की याद में स्वस्थ भारत (न्यास) की ओर से गांधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली में लघुकथा गोष्ठी का आयोजन किया गया। आयोजन की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ लेखक एवं समाजकर्मी अतुल प्रभाकर ने की। अपने अध्यक्षीय संबोधन ने उन्होंने कहा कि सेहत के प्रति लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है। इस दिशा में साहित्य एक अहम भूमिका अदा कर सकता है।

इस अवसर पर देश के कोने-कोने आए लघुकथाकारों ने भाग लिया। स्वस्थ भारत (न्यास) के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह ने कहा कि, स्वस्थ भारत (ट्रस्ट) का मानना है की स्वास्थ्य और साहित्य का आपस में गहरा संबंध है। स्वस्थ साहित्य समाज को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका अदा करता है। इसी संदर्भ को ध्यान में रखकर स्वस्थ भारत ने चिकित्सकों को मार्गदर्शक भारत रत्न डॉ. विधानचन्द्र राय की याद में इस लघुकथा गोष्टी का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि ‘स्वस्थ भारत अभियान के राष्ट्रीय सह संयोजक एवं वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत जी ने इस आयोजन को बहुत ही कम समय में व्यवस्थित किया। दर्जनों लघुकथाकारों का जुटान हुआ। लगभग सभी ने स्वास्थ्य विषय पर अपनी लघुकथा का पाठ किया। मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मंच से मैंने भी पहली बार लघुकथा का पाठ किया। उन्होंने कहा कि कम शब्दों में सार्थक एवं गंभीर बातों को कहने की कला का नाम ही लघुकथा है।’ दिल्ली के लघुकथा प्रेमियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्वस्थ भारत आगे भी इस तरह का आयोजन करता रहेगा ताकि स्वास्थ्य एवं साहित्य का तारतम्य बना रहे।

इस संगोष्ठी की मुख्य अतिथि के रूप में कथाकार सविता चड्ढा एवं विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार ब्रह्मेन्द्र झा ने अपनी लघुकथा पाठ से उपस्थित लोगों को गुदगुदाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। इस आयोजन में भाग लेने के लिए के पटना से डॉ. नीलिमा वर्मा जी तो जयपुर से श्री गोप कुमार मिश्र पधारे। साथ ही दिल्ली-एनसीआर के कई कथाकार इस संगोष्ठी में भाग लिए।

इस मौके पर डॉ पूरन सिंह के लघुकथा संग्रह महावर का लोकार्पण हुआ।  मनोज कर्ण, बालाकीर्ति, डॉ बृजपाल सिंह सन्त, सदानन्द कवीश्वर, डॉ.कल्पना पांडे, शारदा जी,ए.एस.अली खान, ओम प्रकाश शुक्ल, सरोज सिंह, सुषमा शैली जी ने अपने लघुकथाओं से स्वास्थ्य विषयक बिन्दुओं को उकेरने का काम किया। कार्यक्रम का संचालन सुषमा शैली एवं प्रसून लतांत ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *