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राष्ट्रीय नेता के चयन करने के मानदंड

भारत में चुनावी बुखार अपने चरम पर है। 300 से अधिक लोकसभा सीटों के भाग्य को अंतिम रूप दे दिया गया है। 23 मई 2019 से देश का नेतृत्व कौन करेगा, इस बार यह बहुत बड़ा सवाल नहीं है। सभी जनमत सर्वेक्षण वर्तमान पीएम के पक्ष में एक स्पष्ट फैसला दिखा रहे हैं, जिन्होंने पिछले पांच वर्षों के दौरान एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली और उनके पास सुशासन, विकास और आतंकवाद की एक भी घटना नहीं (जम्मू-कश्मीर और नक्सल क्षेत्र को छोड़कर) होने के रिकॉर्ड हैं। एक भी विपक्षी नेता ऐसा नहीं है जो उन्हें चुनौती दे सके। हालांकि कई क्षेत्रीय नेता और सबसे पुरानी पार्टी के नेता त्रिशंकु संसद की उम्मीद कर रहे हैं और संख्या के कुछ अलग संयोजन से वे मोदी को बाहर करना चाहते हैं। वे पूरी तरह से अवसरवादी हैं और मीडिया की मदद से आम जनता को अकल्पनीय, अवास्तविक वादों और अस्थायी कहानियों के साथ बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनके लिए पहले मैं, फिर मेरा परिवार और फिर मेरी पार्टी महत्वपूर्ण हैं। राष्ट्रीय गौरव, राष्ट्र व राष्ट्रीय संस्थाओं की सेवा और गरीबों की सेवा उनके एजेंडे में अंतिम हैं। वे मोदी को बाहर फेंकने के लिए दुश्मन राष्ट्र की मदद लेने की हद तक चले गए हैं।

इस लेख को पढऩे वाले सभी लोगों से मेरा अनुरोध है कि जब आप अपना वोट डालने का फैसला करें तो एक बार फिर से राष्ट्र के हित को अपने दिमाग में रखें। भारत के प्रधान मंत्री पद के लिए अपने उम्मीदवार का पता लगाएं और फिर उस पार्टी को वोट दें जिसका पीएम उम्मीदवार भारत को महान ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए सबसे उपयुक्त लगता है। यहां एक ऐसा पीएम है जिसने पूरी दुनिया में भारत और भारतीयों का गौरव बढ़ाया है। तेजी से विकास हुआ और भ्रष्टाचार मुक्त उनका एजेंडा था। उनकी नीतियों का अधिकांश उद्देश्य हमारे देश के उन नागरिकों के लिए था जो विकास के मापंड में सबसे नीचे हैं। जाति, उप जाति, धर्म या भाषा के आधार पर कोई भी लाभ नहीं दिया गया। पहली बार नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत कोटा उच्च जातियों के भी गरीबों के लिए आरक्षित किया गया है और वह भी मौजूदा श्रेणियों के लिए कोटा कम किए बिना। 100 प्रतिशत गांव बिजली से परिपूर्ण हो गए हैं, 100 प्रतिशत मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को हटा दिया गया है। 100 प्रतिशत आवास इकाईयों में 31 मार्च, 2019 तक बिजली होगी और 100  प्रतिशत  घरों में 2 अक्टूबर 2019 तक शौचालय होगा। हाईवे, ग्रामीण सड़क, रेलवे लाइन, जल मार्ग बनाने और नए हवाई मार्ग खोलने की गति अभूतपूर्व रही है। किसानों और असंगठित श्रमिकों के लिए कई योजनाओं ने उन्हें लाभान्वित किया है।

पिछले पांच वर्षों के दौरान मुद्रास्फीति पूरी तरह से नियंत्रण में रही। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भारी कमी आई है। ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में भारत की रैंकिंग में भारी सुधार हुआ। स्टार्ट अप इंडिया, मेक इन इंडिया, मुद्रा लोन आदि योजनाओं के माध्यम से निजी क्षेत्रों में नौकरियों की संख्या बहुत अच्छी रही है। इसके अलावा, ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो, ओयो आदि जैसे निजी ऑपरेटरों ने लाखों लोगों के लिए नई नौकरियां पैदा की हैं। लोगों की आकांक्षाएं बढ़ गई हैं। भारत के युवाओं के बीच एक नया आत्मविश्वास देखा जा सकता है। ‘मैं भी चैकीदार’ अभियान के माध्यम से ‘जनता की सेवा’ और ‘लूटेरों के खिलाफ सतर्कता’ की लोकनीति ने लोगों के मन में भागीदारी की भावना पैदा की है। ‘स्वच्छ भारत’ और ‘खुले में शौच मुक्त’ गांव पिछले 70 वर्षों के दौरान कभी किसी नेता के एजेंडे में नहीं थे। मुझे विश्वास है कि इस बार लोग अधिक सावधान रहेंगे और बेईमान, अक्षम व भ्रष्ट उम्मीदवारों को अस्वीकार करेंगे, जिनकी एकमात्र योग्यता उनकी वंशवादी जड़ें हैं।

आज, देश के पास पूरी निष्ठा, ईमानदारी, सुशासन के त्रुटिहीन रिकॉर्ड और राष्ट्रीय गौरव के साथ एक नेता है। उनका चरित्र, ऊर्जा और उत्साह जनता के मन में आत्मविश्वास का संचार करते हैं। वह हमारे रक्षा बलों पर पूरा विश्वास करते हैं और उन्हें पूरी आजादी देते हैं और इसलिए दुश्मन उनसे पूरी तरह से डरते हैं। वह एक महान संचारक हैं और अपने लोगों को राष्ट्र के लिए बलिदान करने की भावना से आगे बढ़ाते हैं। उनके अपने नैतिक मूल्य उच्च कोटि के हैं और वे अपने मंत्रियों और नौकरशाहों से भी यही अपेक्षा रखते हैं। वह एक ऐसे नेता हैं, जो तीव्र गति से, लेकिन शांत दिमाग के साथ फैसले लेते हैं। वह अपनी धारणा और विचारों में दृढ़ हैं और वह राष्ट्रहित में कठोर एवं अलोकप्रिय निर्णय लेने का साहस रखते हैं। नोटबंदी, जीएसटी व दुश्मन देश में आतंकवादी शिविरों के खिलाफ दो बार सर्जिक स्ट्राइक जैसे फैसले इस महान नेता की स्पष्टता के बारे में बताते हैं। इस तरह के साहसिक फैसलों के बाद, भारत को दुनिया भर में काफी गंभीरता से लिया जाता है और भारत में जनता खुश है कि हम एक नए भारत, एक स्वच्छ भारत, एक भ्रष्टाचार मुक्त भारत, एक मजबूत भारत, एक विकसित भारत और एक गौरवशाली भारत की ओर बढ़ रहे हैं।

वंशवादी जड़ों वाले सभी भ्रष्ट नेता बहुत ही तेज गति से अपनी प्रासंगिकता खो रहे हैं। वे डरे हुए हैं, अगर मोदी फिर से पांच साल के लिए वापस आते हैं, तो उनकी राजनीतिक अवसरवादी दुकानें हमेशा के लिए बंद हो जाएंगी। कोई भी किसी को भी बड़ा सपना देखने और भारत का पीएम बनने का सपना देखने से नहीं रोक सकता है। आज ममता, मायावती, मुलायम, केजरीवाल, शरद पवार और यहां तक कि देवगौड़ा सभी सपने देख रहे हैं, अगर चुनाव पंडित गलत साबित होते हैं और कुछ चमत्कार होता है कि मोदी के नेतृत्व वाला एनडीए 272 के जादुई आंकड़े से नीचे सीमित हो जाए और उनमें से प्रत्येक को प्रधानमंत्री बनने का मौका मिल जाए। लेकिन हमें जिम्मेदार भारतीय नागरिकों के रूप में सावधान रहना चाहिए कि भ्रष्ट लोग जो हिंसा, अराजकता और अस्थिरता फैलाते हैं और न केवल अपने कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों बल्कि आतंकवादियों के साथ हाथ मिलाते हैं, उन्हें सत्ता के गलियारों से दूर रखा जाए।

हमारा ऐसा नेता कैसे हो सकता है जो अपनी ही न्यायपालिका पर भरोसा नहीं करता है और अपने रक्षा बलों से सबूत मांगता है जब वे दुश्मन के इलाके में कहर ढाते हैं? एक ऐसा नेता कैसे हो सकता है जो इस देश के हिंदू बहुसंख्यकों को जातियों और उप-जातियों में विभाजित करके और हिंदू बहुसंख्यकों के खिलाफ इस्लाम व ईसाई धर्म के अनुयायियों में एक फोबिया पैदा करके इस देश पर शासन करना चाहता है। जिस व्यक्ति को इस देश की संस्कृति और लोकाचार का कोई सम्मान नहीं है, उसे इस देश का नेता बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती। हमारे पास वोट की ताकत है। हम यह सुनिश्चित करें कि हम मतदान करें और हम अपने आसपास के सभी लोगों को भी मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करें। आइए हम अपने कार्यालय/समाज में ‘चौकीदारों’, रिक्शावालों, नौकरों-नौकरानियों और कार्यालय के चपरासियों को शिक्षित करने का प्रयास करें कि भारत के प्रधानमंत्री के रूप में हमारे देश का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति कौन है। हम किसी भी बेईमान, अक्षम ‘टॉम, डिक और हैरी’ को हमारे देश पर शासन करने की अनुमति नहीं दे सकते। हम सभी एक महान भारत, एक नया भारत बनाना चाहते हैं और हम सभी की भूमिका यह कर्तव्य निभाने की है। हम में से हर एक को न केवल देश के दुश्मनों के खिलाफ बल्कि भारत के अपने भाइयों व बहनों को अपने राष्ट्र के निर्माण में योगदान देने और इसे महान ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रेरित करने के लिए एक चौकीदार की भूमिका निभानी होगी।

राजनीति का मंत्र अब ‘राष्ट्र प्रथम बाकी सब कुछ बाद में’ होना चाहिए। यह अजीब लग सकता है। लेकिन यह संभव है। मैं इस लेख के पाठकों से एक ऐसे नेता के लिए वोट करने का अनुरोध करता हूं, जो एक स्थिर सरकार, एक मजबूत सरकार प्रदान कर सके, ताकि हमारे देश के दुश्मन कभी हमें बुरी नजर से देखने की हिम्मत न करें। आइए हम उन विदेशी शक्तियों से सावधान रहें जिनकी प्रासंगिकता पिछले पांच वर्षों में कम हो गई है और वे देश में अराजकता व अनुशासनहीनता पैदा करने के लिए यहां राष्ट्र विरोधी समूहों को उकसाने की फिराक में हैं और यहां तक कि अपने नापाक इरादों को पूरा करने के लिए कुछ असंतुष्ट मीडिया का भी प्रयोग करते हैं। वे अपने कुछ कठपुतली टीवी चैनलों के माध्यम से जनता को भ्रमित करने की कोशिश करेंगे ताकि राष्ट्र को एक अस्थिर सरकार मिले।

आइए हम सभी सच्चे भारतीयों की तरह मई 2019 में फिर से एक स्थिर सरकार सुनिश्चित करने के लिए काम करें, ऐसी सरकार जो उत्तर पूर्व जैसे उपेक्षित क्षेत्रों में भी विकास की तेज गति में विश्वास करती है। हमें एक ऐसी सरकार की जरूरत है जो किसी के खिलाफ किसी भी तरह के पूर्वाग्रह से मुक्त हो और जहां कानूनों का पालन करने वाले सभी भारतीयों को एक समान माना जाए और उन्हें जिम्मेदार नागरिक माना जाए। आज हमारे पास शत प्रतिशत सकारात्मक दृष्टिकोण वाला नेता है जिसने राष्ट्रीय के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी खुद को साबित किया है। हमारे पास एक ऐसा नेता है जिसका दिल देश के लिए धड़कता है और वह कम से कम अगले पांच वर्षों के लिए फिर से इस महान देश का प्रधानमंत्री बनने का हकदार है। मैं बहुत आशावादी हूं कि भारत की जनता एक बार फिर से भारतीयों के प्रिय नेता श्री नरेंद्र मोदी जी को चुनेगी और पूरी दुनिया उन्हें एक मजबूत, शक्तिशाली, अग्रगामी विचार वाले नेता के रूप में स्वीकार करेगी जो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक स्तर पर दुनिया का नेतृत्व कर सकते हैं।

 

(लेखक एक कॉरपोरेट ट्रेनर व मैनेजमेंट कंसलटेंट हैं तथा उनकी मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में काफी ख्याति है। उन्हें jaitly.iit@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है)

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