रामनाथी (गोवा) – बांग्लादेश में हिन्दुआें की स्थिति बहुत दयनीय है । वहां हिन्दू स्त्रियों पर बलात्कार, हिन्दुआें के घरों की लूटपाट अथवा उन्हें जलाना, मंदिरों की तोडफोड आदि घटनाएं प्रतिदिन होती हैं । बांग्लादेश बनने के समय वहां 18 से 20 प्रतिशत हिन्दू थे । यह घटकर अब 1 से 8 प्रतिशत रह गई है । बांग्लादेश सरकार वहां के हिन्दुआें की रक्षा नहीं कर रही है । भारत सरकार को अब अपनी निष्क्रियता छोडकर बांग्लादेशी हिन्दुआें की रक्षा की ओर ध्यान देना चाहिए । बांग्लादेश में हिन्दुआें के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए हम अंत तक लडते रहेंगे, यह दृढ निश्चय बांग्लादेश के ‘बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच’ के अध्यक्ष अधिवक्ता रबिंद्र घोष ने अपने भाषण में व्यक्त किया । वे 30मई को श्री रामनाथ देवस्थान के श्री विद्याधिराज सभागार में ‘अष्टम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के दूसरे दिन के प्रथम सत्र में बोल रहे थे ।
‘एबीपी माझा’ इस मराठी समाचार वाहिनी ने वीर सावरकर की जयंती पर (28 मई) ‘वीर सावरकर – नायक अथवा खलनायक ?’ यह कार्यक्रम आयोजित कर, करोडों राष्ट्रभक्तों की भावनाआें को ठेस पहुंचाई थी । क्या ‘एबीपी माझा’ समाचार वाहिनी ‘प्रत्यक्ष देश तोडनेवाले मोहनदास गांधी तथा जवाहरलाल नेहरू’ के नाम पर ‘नायक अथवा खलनायक ?’ कार्यक्रम रखने का साहस कर सकती है ? यह प्रश्न उपस्थित कर, भाजपा सरकार वीर सावरकर को ‘भारतरत्न’ देकर उनकी राष्ट्रभक्ति, मातृभूमि के लिए असीम त्याग का सम्मान करे, यह मांग अधिवेशन की ओर से की गई ।
वर्ल्ड हिन्दू फेडरेशन के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. अजय सिंह ने कहा, ‘‘हिन्दुआें को न्याय दिलाने के लिए सब हिन्दुआें को संगठित होना पडेगा । हिन्दू जनजागृति समिति भारत में हिन्दुआें को जागृत करने का और उन्हें धार्मिक शिक्षा देने का उत्तम कार्य कर रही है ।’’ इस अवसर पर प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) के हिन्दू जनजागृति समिति के समन्वयक श्री. गुरुराज प्रभु ने कहा, ‘‘एक षड्यंत्र रचकर नेपाल देश पर सेक्युलर लोकतंत्र थोपा गया । नेपाल को निगलने के लिए चीन प्रयत्नशील है । वहां के हिन्दुआें और बौद्धों का धर्म–परिवर्तन कराने के लिए सैकडों चर्च सक्रिय हैं । जब नेपाल में लोकतंत्र आया, तब वहां की जनता ने आवाज उठाई कि संविधान में नेपाल को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित किया जाए; परंतु ऐसा न कर, उसमें ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द डाल दिया गया । ऐसा कर वहां के शासनकर्ताआें ने नेपाली जनता की पीठ में छुरा घोंप दिया है । जब से नेपाल धर्मनिरपेक्ष हुआ है, तब से वहां भारत विरोधी शक्तियों को बल मिल रहा है ।’’
हिन्दुत्व की रक्षा हेतु गांव–गांव जाकर धर्म–परिवर्तन के विरुद्ध कार्य करें ! – पू. महंत श्रीरामज्ञानीदासजी महाराज, अध्यक्ष, महात्यागी सेवा संस्थान, गोंदिया, महाराष्ट्र.
आज देश अराजकता की देहरी पर खडा है । धर्म–परिवर्तन तथा अनेक समस्याएं हमारे सामने खडी हैं । ऐसे समय प्रभु श्रीराम का आदर्श सामने रखकर हमें हिन्दुत्व की रक्षा के लिए गांव–गांव जाकर कार्य करना होगा । विज्ञान ने प्रगति की है; परंतु वह दिशाहीन है । ऐसे में धर्म और अध्यात्म ही देश को दिशा दे सकता है । वृद्धजन युवाआें को धर्मकार्य करने के लिए प्रेरित करें, यह विचार महाराष्ट्र के गोंदिया स्थित महात्यागी सेवा संस्थान के अध्यक्ष पू. महंत श्रीरामज्ञानीदासजी महाराज ने व्यक्त किया । वे ‘धर्म–परिवर्तन की समस्या और समाधान’, इस चर्चासत्र में मार्गदर्शन कर रहे थे । इस चर्चासत्र में धर्म–परिवर्तन के विरुद्ध ठोस कार्य किया जाए, ऐसी प्रत्येक हिन्दुत्वनिष्ठ ने मांग की ।
हिन्दुओ, राष्ट्र कार्य के लिए जागृत हों ! – पू. चंद्रकांत शुक्ल महाराज, भागवतकथा वाचक, गुजरात
संसद के कुछ हिन्दू जनप्रतिनिधि हिन्दू धर्म का अनादर होने पर भी चुप रहते हैं । हिन्दू जनजागृति समिति के नेतृत्व में हमने ‘केदारनाथ’ चलचित्र का विरोध कर, उसके प्रदर्शन को रोका । उसी प्रकार प्रत्येक को अपने–अपने स्तर पर कार्य करना चाहिए । हिन्दुआें को अब जागृत होना ही पडेगा; अन्यथा यह अंतिम अवसर है यह उन्हें ध्यान में रखना होगा, यह विचार गुजरात के भागवतकथा वाचक पू. चंद्रकांत शुक्ल महाराजजी ने व्यक्त किया । वे ‘हिन्दुआें को संगठित करने के प्रयास’ विषय पर बोल रहे थे । इस अवसर पर असम के हिन्दू जागरण मंच के दक्षिण असम प्रांत विधिप्रमुख अधिवक्ता राजीब नाथ ने कहा, ‘असम राज्य में कॉन्वेंट स्कूलों के माध्यम से ईसाई धर्म–परिवर्तन बढ रहा है;परंतु हमने प्रयास कर स्कूलों में सरस्वतीपूजन आरंभ करवाया ।’ देहली स्थित ‘अग्निवीर’ संस्था के श्री. सतीश वैद ने हिन्दुआें का धर्म–परिवर्तन रोकने के लिए अपने प्रयास और उसमें मिली सफलता पर विचार व्यक्त किया ।
राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति