दोस्तों ,
आज का दिन ऐतिहासिक है। नौ नवम्बर का दिन भारत ही नहीं दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। नौ नवम्बर १९८९ आज ही के दिन बर्लिन की दीवार टूटी थी और ४५ साल बाद दो दिल मिल गये। भारत पाक बॅटवारे के बाद गुरु नानक देव जी का बोधि स्थल जो सिख समाज के लिए तीर्थ है पाकिस्तान में होने के कारण अपने गुरु स्थान पर जाने से वंचित था। आज करतारपुर कॉरिडोर खुलने से दर्शन के लिए तीर्थ स्थल जाने का मार्ग भी खुल गया है। गुरु नानक देव जी के ५५० वर्ष पूरे होने पर आज ही के दिन पूरी दुनिया के सिख समाज और हिन्दू समाज को आज ही के दिन यह अनमोल तोहफा मिला है।
आज का दिन भारत के इतिहास का सबसे सुखद दिन है जब ५०० वर्षो से हिन्दू समाज के लिए कलंक की तरह बाबरी मस्जिद विवाद का सुप्रीम कोर्ट के पांच माननीय जजों की संवैधानिक पीठ ने तमाम तरह के शक सुबहे और आशंकाओं को ख़तम करते हुए ऐसा न्याय किया जो समाज के सभी वर्गों के लिए प्रसन्नत्ता और संतोष लेकर आया है। इतने गंभीर विवादित मुद्दे पर इतने कम समय (४० दिन) में सटीक निर्णय करना वास्तव में न्यायालय के लिए कठिन काम था लेकिन इसके लिए जिस दृढ़ता और आत्मशक्ति का परिचय मुख्य न्यायाधीश और उनकी टीम ने दिया है उसकी जितनी सराहना की जाये कम है। सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशो का एक मत हो कर निर्णय करना अपने आप में एक बड़ी बात है। इसके लिए कानून का विशेषज्ञ होने के साथ देश हित समाज हित के साथ देश के साथ भावनात्मक जुड़ाव जरुरी है। और हाँ कहा जाता है की कानून अँधा होता है लेकिन आज के सर्वसम्मति से हुए निर्णय को सुन कर यह विश्वास हो गया की कानून अँधा नहीं है। अदालत में हुए निर्णय को अपने स्वार्थो के चश्मे से देखने वाले लोग अंधे होते है। वास्तव में न्याय वही है जो सब के लिए प्रसन्नता का कारण बने समाज में सद्भाव बना कर रखे और देश की उन्नति की सीढ़ी बढे, आगे बढ़ने की राह प्रशस्त करे और आने वाली पीढ़ी को देश हित का सन्देश दे हो। आखिर कानून मनुष्यों के लिए है और ऐसा कानून जो समाज के लिए देश के लिए ठीक नहीं उसका पालन न करना ही ठीक है। आखिर राष्ट्र पिता गाँधी ने भी तो इसी कसौटी पर कानून को जाँच कर नमक कानून की अवज्ञा की थी।
राम मंदिर बनाने के लिए देश के कितने ही समाज सेविओ ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अपने जीवन को आहूत कर दिया। विश्व हिन्दू परिषद् के माननीय अशोक सिंघल जी को इस अवसर पर याद करना आवश्यक है जिन्होंने अपना पूरा जीवन इस सुन्दर कल्पना को साकार करने के लिए अर्पित किया। कोठारी बंधू और उनके जैसे अनगिनत लोगो ने जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान कर दिया ऐसे सभी लोगो के लिए आज का दिन वास्तव में केवल यादगार दिन नहीं बल्कि जीवन का सबसे सुन्दर दिन है और यह लोग जहा कही भी हो अति प्रसन्न होंगे। हम हिन्दू समाज के सभी लोग ऐसे सभी लोगो को याद करके अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते है जिनकी वजह से हिंदू समाज के भाग्यशाली लोगो के जीवन में यह पुनीत अवसर आया है।
देश में सुन्दर भव्य राम मंदिर बनाने का रास्ता देश की सर्वोच्च अदालत ने आज साफ़ कर दिया है। इसके लिए कुछ दिशा निर्देश सरकार को दिये गए है। आशा की जानी चाहिए भारत की सरकार और समाज के सभी वर्ग इस पुनीत कार्य में अपना सहयोग कर देश की प्रतिष्ठा पुनर्रस्थपित करने में अपना सक्रिय सहयोग कर जल्दी से जल्दी मंदिर निर्माण कर अपने आराध्य प्रभु श्रीराम को पुनः मंदिर में प्रतिष्ठित कर सकेंगे। क्योकि जिस समाज के आराध्य को सम्मान नहीं मिलता उस समाज को भी कभी सम्मान नहीं मिल सकता है। यही से देश के विश्व गुरु बनने के मार्ग प्रशस्त होगा और देश नए भारत के निर्माण की ओर अग्रसर हो कर दुनिया का नेतृत्व करेगा। समस्त मानवता का जीवन सुखी और समृद्ध बनाने का यही एक मात्र रास्ता है।
जय श्री राम
अजय सिंह “एकल ”