भारत के गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजीजू ने हिन्दू जनसंख्या में कमी पर जो कहा है वह एक जिम्मेवार नेता की राष्ट्र हित में व्यक्त एक गहरी चिंता का परिचायक है। विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महा मंत्री डा सुरेन्द्र जैन ने इस वयान का विरोध करने वाले नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे ओछी राजनीति के शिकार बनकर अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं जिससे न सिर्फ मुसलमानों, बल्कि, देश का भी अहित हो रहा है। विश्व के सभी सभ्य समाज आज परिवार नियोजन को स्वीकार कर रहे हैं किन्तु ये नेता अपना स्वार्थ सिद्ध करने हेतु आबादी बढ़ाकर उन्हें विकास नहीं, सच्चे विनाश की ओर ले जाकर जिहाद की आग में झोंकने का कार्य कर रहे हैं। मुस्लिम समाज की वर्तमान स्थिति को देख कर आसानी से समझा जा सकता है कि ये नेता उन्हें भारत में भी स्वाभिमान व शान्ति से नहीं रहने देना चाहते। एक तत्थ्य इन राजनेताओं को समझना चाहिए कि स्वयं बौद्ध होते हुए भी, श्री किरेन रिजीजू ने इस विषय पर अपनी चिंता केवल देश हित में ही की है।
उन्होंने यह भी कहा कि विश्व हिन्दू परिषद मुस्लिम समाज का विरोधी नहीं है। हम मानते हैं कि वे सभी इस देश के ही धरती पुत्र हैं जिनके पूर्वज हिन्दू ही थे किन्तु इसी गैंग के कारण उनमें असहष्णुता पनपी। कुछ शताब्दी पूर्व इरान पारसी बाहुल्य होने के कारण वहां विश्व कल्याण कारक शान्ति के स्वर सुनाई देते थे। इसी प्रकार कश्मीर घाटी में मार्तण्ड विश्व विद्यालय के माध्यम से विश्व भर के विद्यार्थियों को विश्व कल्याण का पाठ पढ़ाया जाता था किन्तु आज वहां की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। भारत के अन्य राज्यों के मुस्लिम बाहुल्य जिलों में भी गैर मुस्लिम किस तरह का नारकीय जीवन जी रहे हैं, सर्व विदित है.
विश्व हिन्दू परिषद का मत है कि इस सैक्यूलर माफिया को सिर्फ अपने स्वार्थ की ही नहीं, बल्कि, देश व मुस्लिम समाज के हितों पर भी विचार करना चाहिए. हमारी मुस्लिम समाज को भी सलाह है कि वे कठमुल्लों और इस सैक्यूलर गेंग के शिकंजे से बाहर निकल विकास के मार्ग पर बढ़ें न कि जिहादी मानसिकता से विनाश के मार्ग पर.