चीन के सरकारी अखबार ने कहा है कि अगर अमेरिका ने चीन को दक्षिण चीन सागर में आईलैंड बनाने से रोका तो युद्ध होगा। चीन की तरफ से यह बयान अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन की चेतावनी के बाद सामने आया है। टिलरसन ने सीनेट की विदेशी संबंधों से जुड़ी कमिटी के सामने अपनी रणनीति पेश की थी। उन्होंने कहा था हम चीन से कहेंगे कि वह आईलैंड पर निर्माण बंद कर दें। यह गैरकानूनी है। चीन को विवादित दक्षिण चीन सागर खाली कर देना चाहिए। चीनी अखबार ने अपने सम्पादकीय में कहा है यदि अमेरिका दक्षिण चीन सागर में चीन को आने से रोकना चाहता है तो उसे बड़े स्तर पर युद्ध लड़ना होगा। टिलरसन अगर एक बड़ी परमाणु ताकत को उसके इलाकों से निकालना चाहते हैं, तो उन्हें बेहतर न्यूक्लियर पावर रणनीति बनानी होगी।
एक समाचार के अनुसार अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिकी जमीन पर आने वाले क्यूबाई प्रवासियों को एक वर्ष बाद कानूनी स्थायी निवासी बनने की अनुमति देने वाली दो दशक पुरानी ‘वेट फूट, ड्राई फूट’ नीति को खत्म कर दिया। यह कदम ओबामा प्रशासन के आखिरी दिनों में आया था। कभी अमेरिका के दुश्मन रहे क्यूबा के साथ संबंध सामान्य करने की दिशा में इसे महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है। ‘वेट फूट, ड्राई फूट’ नीति अमेरिकी जमीन पर पहुंचने वाले क्यूबाई नागरिकों को देश मे ंरहने की अनुमति देती थी। वही दूसरे समाचार के अनुसार अमेरिका के सीआईए निदेशक पद के लिए नामित सांसद माइक र्पोपेओ ने रूस, सीरिया, ईरान और इस्लामिक स्टेट के आतंकी समूह को अमेरिका के लिए बड़े खतरे के रूप में सूचीबद्ध किया है। उन्होंने सीरिया को ‘असफल देश’ बताते हुए कहा कि यह 21वीं सदी की सबसे खराब मानवीय आपदा से दो चार हुआ है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दामाद जैरेड कुशनर को व्हाइट हाउस का वरिष्ठ सलाहकार बनाने की घोषणा की है। ट्रंप की यह घोषणा कुशनर को व्हाइट हाउस की आगामी टीम में सर्वाधिक शक्तिशाली व्यक्तियों में से एक बना देगी। ट्रंप के इस कदम को 50 वर्ष पूर्व 1967 में लागू पुराने भाई-भतीजावाद विरोधी कानून के तहत चुनौती दी जा सकती है। कुशनर ने कहा, ‘अपने देश के लिए काम करना सम्मान की बात है। मैं नवनिर्वाचित राष्ट्रपति और अमेरिकी जनता के जोश से उत्साहित हूँ। मैं सेवा का यह अवसर पाकर अभिभूत हूँ। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि अगर माॅस्को मददगार हुआ तो वे रूस पर से प्रतिबंध हटा सकते हैं। बता दें कि अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्शन में हैकिंग के आरोप लगने के बाद बराक ओबामा ने रूस पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। ट्रम्प ने कहा है कि रूस को आतंकवाद से मुकाबला करने जैसे अहम मुद्दों पर अमेरिका की मदद करनी होगी।
भारत के सेना प्रमुख बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सैन्य अभियानों में बाधा डालने वाले स्थानीय नागरिकों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान और इस्लामिक स्टेट के झंडे लहराने वालों से सख्ती से निपटा जायेगा। सेना उनसे उसी तरह निपटेगी जिस तरह किसी आतंकी या राष्ट्रद्रोही से निपटा जाता है। घाटी में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में एक मेजर समेत सेना के 4 जवानों के शहीद होने के बाद जनरल रावत का यह बयान सामने आया था। केन्द्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि जनरल ने राष्ट्रहित में बात की, गलत अर्थ न निकालें। दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘पत्थरबाजों और राष्ट्रीय हित के खिलाफ जो भी काम करेगा, उसके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए, क्योंकि राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है।
आसमान की सुरक्षा के लिए फ्रांस की एयरफोर्स ने अपनी खास टुकड़ी को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। आसमान के इन प्रहरियों की नजरें देश की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले ड्रोन पर खासतौर से रहती है। फ्रांस की राॅयल एयरफोर्स ने अपने देश के आकाश को सुरक्षित बनाने के लिए बाज को प्रशिक्षण देना शुरू किया है। दरअसल पिछले साल फ्रांस के कई परमाणु संस्थानों के आसपास ड्रोन उड़ते देखे जाने के बाद यह फैसला लिया गया।
अमेरिका की सत्ता संभालने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने विश्व के कई राष्ट्राध्यक्षों से बातचीत की। उस कड़ी में ट्रंप ने आॅस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल से भी टेलीफोन से बात की। लेकिन ट्रंप की नजरों में टर्नबुल के साथ हुई बातचीत अब तक की सबसे बुरी थी। उधर अब आस्टेªलिया के प्रधानमंत्री टर्नबुल का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने उनसे खरी-खरी बात की थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शरणार्थियों के मुद्दे पर ट्रंप ने टर्नबुल को खरीखोटी सुनाई थी। टर्नबुल ने ट्रंप की तारीफ में कसीदे पढ़े और कहा कि वो बहुत बड़ी शख्सियत हैं। आॅस्ट्रेलिया में शरण मांग रहे 1250 लोगों को अमरीका में बसाए जाने को लेकर समझौते की पहल ओबामा प्रशासन में हुई थी। कुवैत ने पाकिस्तान सहित 5 मुस्लिम देशों अफगानिस्तान, सीरिया, इराक और ईरान के नागरिकों पर वीजा प्रतिबंध किया है।
अब सवाल यह है कि भारत कैसे यकीन करे कि पाकिस्तान सिर्फ आतंकवाद के विरूद्ध लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि पाकिस्तान कहता कुछ है और करता कुछ और है। अमेरिका से अरबों डालर की सहायता का इस्तेमाल उसने आतंकवाद को सींचने के लिए ही किया है और अफगानिस्तान में अमेरिकियों की पीठ में छुरा घोंपा है। ़पाकिस्तान को अब अपने देश सहित पूरे विश्व को आतंकवाद से मुक्त करने के लिए साहस दिखाना चाहिए। आतंकवादी सोच को जड़ से समाप्त करने का समय अब आ गया है।
अमरीकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कहा कि उत्तर कोरिया ने किसी भी तरह के परमाणु हथियार का इस्तेमाल किया तो उसे असरदार और तगड़ा जवाब मिलेगा मैटिस दक्षिण कोरिया की यात्रा के दौरान यह बात कहीं थी। उन्होंने दक्षिण कोरिया को आश्वस्त किया कि अमेरिका उसे समर्थन देना जारी रखेगा। उत्तर कोरिया लगातार मिसाइल और परमाणु परीक्षण करता रहा है वह लगातार आक्रामक बयान भी दे रहा है। इस वजह पूरे इलाके में गुस्से और सतर्कता का माहौल है। हमारा विचार है कि सभ्य संसार में परमाणु शस्त्रों की होड़ अब बंद होनी चाहिए। मुंह में हिरण दबाकर कोई शेर जंगलवासियों से शान्ति की अपील करेगा तो कौन उसे सुनेगा। अमेरिका ने स्वयं विश्व में सबसे अधिक हजारों की संख्या में परमाणु शस्त्र बना रखे हैं।
उत्तर कोरिया के किम जोंग उन ने पिता की मौत के बाद 2011 में सत्ता संभाली। उस वक्त उनकी उम्र तीस साल के करीब थी। किम जोंग ने एक बैठक में रक्षा प्रमुख को गिरफ्तार करवाकर एंटी एयरक्राफ्ट गन से उड़वा दिया। बड़े अधिकारियों को रक्षा प्रमुख की मौत का मंजर देखने के लिए उपस्थित रहने के लिए कहा गया ताकि उनके दिलों में भी खौफ पैदा हो सके। अक्टूबर 2006 से सितंबर 2016 तक उत्तर कोरिया ने पांच परमाणु परीक्षण का दावा किया था। इस साल यह उत्तर कोरिया का पहला बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण हैं।
चीन ने कथित रूप से एक नई मिसाइल का टेस्ट किया है। ये मिसाइल 10 न्यूक्लियर वाॅरहेड्स ले जाने में कैपेबल है। माना जा रहा है कि चीन ने ये टेस्ट डोनाल्ड ट्रम्प को ताकत दिखाने के लिए किया है। वाॅशिंगटन फ्री बेकनश् की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने पिछले महीने मिसाइल का टेस्ट किया। इसके लिए 10 मल्टीपल टार्गेटेबल व्हीकल का इस्तेमाल किया गया। इस बात की संभावना ज्यादा है कि अमेरिका चीन के बीच जंग ज्यादा तेज होगी।
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सात मुसलिम देशों के नागरिकों के प्रवेश पर पाबंदी के बाद अब एच 1-बी वीजा नीति को सख्त बनाने की ओर कदम बढ़ाया है। अमेरिकी हितों की सुरक्षा के नाम पर इस मसले पर संसद में एक विधेयक भी रखा गया है, जो पास हो जाता है तो उसका सबसे बड़ा खमियाजा भारतीय आइटी पेशवरों को उठाना पड़ेगा। ट्रंप के खिलाफ अमेरिका में ही विरोध बढ़़ रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे का व्हाइट हाउस में आज स्वागत करते हुए कहा कि अमेरिका जापान की सुरक्षा और उसके साथ महत्वपूर्ण गठबंधन को मजबूती प्रदान करने को प्रतिबद्ध है।
अभी तक दो महायुद्ध हो चुके हैं और अब तीसरा महायुद्ध हुआ तो दुनिया का अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा, क्योंकि वर्तमान में इतने घातक शस्त्र बन चुके हैं जो आज दुनिया में कहीं भी चला दिए गए तो एक परमाणु बम पूरी दुनिया को समाप्त कर देने के लिए काफी है। नागासाकी और हिरोशिमा पर तो आज की तुलना में छोटे-छोटे दो छोटे बम गिराए गए थे। आज उनकी तुलना में कई गुनी ताकत के बम बनकर तैयार हैं। इनमें से यदि एक भी बम चला तो करोड़ों आदमी तो वैसे ही मर जाएँगे, बाकी बचे आदमियों के लिए हवा भी जहर बन जाएगी। जहरीली हवा, जहरीला पानी, जहरीले अनाज और जहरीले घास-पात को खा करके आदमी जिंदा नहीं रह सकता।
संसार के बच्चों को बाल्यावस्था से ही विश्वव्यापी दृष्टिकोण तथा विश्वव्यापी समझदारी विकसित करने की शिक्षा मिलनी चाहिए। भावी पीढ़ी के लिए एक न्यायपूर्ण विश्व छोड़कर जाने का हमें संकल्प लेना चाहिए। संसार के बच्चों के सुरक्षित भविष्य की खातिर यदि विश्व के सभी देश यह बात हृदय से स्वीकार कर लें कि आपस में लड़ना ठीक नहीं है तो सारे विश्व में ‘जय जगत’ हो जायेगा। विश्व स्तर पर राष्ट्रीय सरकार बनाने की पहल करना संसार में भारत जैसे उस देश के लिए सबसे आसान है- जहां पहले से ही ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की सोच रही है, जहां पहले से ही ‘विश्व का कल्याण हो’ की प्रार्थना रही है, जहां पहले से ही ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः की आकांक्षा रही हो। जहां पहले से ही विश्व गुरू बनने का सपना रहा है। सवा सौ करोड़ लोगों का भारत ही विश्व में शान्ति स्थापित करेंगा! लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास करने वाली पूरी दुनिया के लिए भारत एक नई आशा की किरण है!
प्रदीप कुमार सिंह ‘पाल’
शैक्षिक एवं वैश्विक चिन्तक