केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अब भी करीब 19.29 लाख लोगों को ही एक्टिव केस (19 अप्रैल 2021, सुबह 8 बजे) बता रहा है, जबकि पिछले कई महीने से देख रहा हूँ कि पूरे देश में प्रतिदिन कोविड जांच की कैपेसिटी 12-14 लाख से ज़्यादा बढ़ ही नहीं पा रही है। इसके बावजूद इधर कुछ दिन से हर रोज़ लगभग पौने दो लाख लोग पॉजिटिव पाए जा रहे हैं।
आज वस्तुस्थिति यह है कि
1. अनगिनत लोगों की जांच हो ही नहीं पा रही।
2. जिनकी जांच हो रही है, उनकी रिपोर्ट आने में काफी देर हो रही है।
3. उपरोक्त दो कारणों से सरकार जो आंकड़ा आज बता रही है, वास्तव में वह कुछ दिन पहले का ही है।
और,
4. कुछ हेराफेरी भी आंकड़ों में अवश्य हो रही है, क्योंकि जब मृतकों के आंकड़े वास्तविकता से काफी कम बताए जा रहे हैं, तो पॉजिटिव के आंकड़े कम बताने से किसी को कौन रोक सकता है?
देश भर में अपने व्यापक संपर्क के लोगों, समूहों और समुदायों का आकलन करने के बाद मुझे आशंका है कि इस वक़्त देश में कम से कम 2 करोड़ एक्टिव केस होंगे।
और अगर यह सच है तो संक्रमित होने से अब तक बचे हुए लोगों के लिए यह व्यापक खतरे की घंटी है, क्योंकि इतनी बड़ी आबादी के संक्रमित होने के बाद यदि इस लहर पर तुरंत काबू नहीं पाया गया, तो इसे बाकी लोगों में फैलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा। ज़्यादा से ज़्यादा एक या दो महीने और। किसी न किसी अपने व्यक्ति के माध्यम से हम और आप भी इसकी चपेट में आएंगे।
ऐसे में, यह समझना जरूरी है कि जब मेरे हिसाब से लगभग 2 करोड़ लोगों के संक्रमित होने पर ही सारी व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं और सरकार नाम की चीज़ लगभग हर जगह अनुपस्थित दिखाई दे रही है, तो इसके और फैलते जाने पर कैसे भयावह हालात उत्पन्न हो जाएंगे!
यह वह दुर्भाग्यपूर्ण वक़्त होगा, जब बचाए जा सकने वाले लोग भी महज दवाओं या मेडिकल सुविधाओं की कमी के कारण नहीं बचाए जा सकेंगे। इसलिए कोविड से जो मृत्यु दर हम सामान्य परिस्थितियों में समझते आए हैं, वह भी काफी बढ़ जाएगी। यद्यपि सरकारी आंकड़ों के द्वारा इसकी पुष्टि आप शायद ही कभी कर पाएंगे।
कोविड के लहर की अपनी गति है और धीरे-धीरे यह गांवों का भी रुख करने लगी है। मुझे आशंका है कि इस बार यह अनेक गांवों को भी चपेट में लेकर रहेगी, इसके बावजूद कि गांवों में आम तौर पर बेहतर हवा, धूप और औषधीय पौधों के साथ-साथ नेचुरल सोशल डिस्टेंसिंग भी उपलब्ध है।
लेकिन दुख की बात यह है कि जो लोग अभी तक संक्रमित होने से बचे हुए हैं, वे अब भी सचेत नहीं हुए हैं और उनकी बातों में संकट को न्योता देने की उनकी बेताबी साफ देखी जा सकती है। मसलन,
1. कोरोना वोरोना कुछ नहीं है।
2. कोरोना मेडिकल माफिया की एक साज़िश है।
3. हमारे यहां कुछ नहीं है, इसलिए हम लोग घूमते हैं।
4. डेथ रेट ज़्यादा नहीं है, इसलिए मस्त रहिए।
5. काम-धंधा बंद कर देंगे तो खाएंगे क्या?
6. शादी-ब्याह-उत्सव तो टाले नहीं जा सकते।
7. लोगों को नहीं बुलाएंगे तो वे बुरा मान जाएंगे।
8. निमंत्रण पाकर नहीं जाएंगे तो वे बुरा मान जाएंगे।
9. मीडिया डर फैला रहा है।
10. अस्पताल, श्मशान की खबरें दिखाना गिद्ध-भोज है।
इत्यादि इत्यादि।
मतलब लोग अपनी तरफ आ रहे बाघ के अस्तित्व को आंखें बंद करके नकार देना चाहते हैं। लेकिन बाघ है और यह हमारी तरफ आ रहा है। आंख बंद कर लेने से खतरा कम नहीं होगा, बल्कि आंख खुली रखकर ही हम अपना बचाव सुनिश्चित कर पाएंगे।
यह सच है कि यदि सभी लोग भी संक्रमित हो जाएंगे तो भी 100 में 95 से 98 लोग बच जाएंगे, लेकिन परेशानी तो 100 में 100 लोगों को होगी। फिर, जो 2 से 5 लोग टूट जाएंगे, वे अकेले नहीं टूटेंगे, उनके चले जाने से छूटे हुए लोग भी अवश्य ही टूटेंगे।
इसलिए यह त्रासदी भयावह है। इसे ठीक से समझिए और कृपया अब भी सचेत हो जाइए।
1. यदि आप आवश्यक सेवाओं से नहीं जुड़े हैं तो यथासंभव घरों में रहिए। भीड़ बनाना, भीड़ में जाना इस वक़्त मानवता के प्रति एक जघन्य अपराध है।
2. बाहर निकलना ही पड़े तो मास्क, सेनेटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते रहिए।
3. शरीर में कोविड से जुड़ा कोई भी लक्षण उभरे तो इसके लिए घरेलू चिकित्सा तुरंत शुरू कर दें। ज़रा भी शक बढ़े तो तुरंत अपने नज़दीकी या पारिवारिक डॉक्टर से संपर्क करें।
4. नाक या गले में पहली बार असहजता महसूस होते ही रोज़ दो-तीन बार गर्म पानी की भाप लेना, दिन में 3-5 लीटर गर्म पानी पीना, रात में गर्म दूध के साथ हल्दी लेना, आयुष काढ़ा लेना, विटामिन सी (नींबू, संतरा, आंवला, आदि), विटामिन डी (सुबह सुबह की धूप, जब यह तीखी न हो) और जिंक/मल्टीविटामिन इत्यादि लेना शुरू कर दें।
5. बुखार आने न दें। आ जाए तो इसे तुरंत रोकें। 102 डिग्री से तो बिल्कुल भी न बढ़ने दें। दवा लेने के साथ ही सिर पर ठंडे पानी की पट्टी डालें। शरीर पर कपड़ों के लेयर कम से कम रखें।
6. सांस की समस्या शुरू न होने दें। शरीर में ऑक्सीजन लेवल 94-95 से नीचे न आने दें। इसके लिए ऑक्सी मीटर घर में रखें।
7. घर में साफ वातावरण बनाए रखें। अच्छा साहित्य पढ़ें और अच्छी फिल्में देखें।
डरें नहीं, सावधान रहें। याद रखें– सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। धन्यवाद।
-अभिरंजन कुमार