हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष का अंतिम और सबसे लंबी अवधि का चंद्र ग्रहण कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा शुक्रवार दिनांक 19 नवंबर 2021 को दोपहर 12:48 से प्रारंभ होगा और सायंकाल 4:17 पर समाप्त होगा. चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट और 24 सेकंड होगी, जोकि पिछले 500 सालों में सबसे लंबा आंशिक चंद्रग्रहण होगा.
इन मंत्रों का करें जाप
पंडितों का कहना है कि ये चंद्र ग्रहण सीधे प्रभावित नहीं करेगा, लेकिन इसका कुछ ना कुछ प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा. इसलिए ग्रहण काल की अवधि में कुछ खास मंत्रों का उच्चारण किया जा सकता है. ऐसा करने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव में कमी आती है. ज्योतिषविद का मानना है कि चंद्र ग्रहण के दौरान थोड़ी बहुत सावधानी जरूर बरतनी चाहिए. इस अवधि के दौरान इष्टदेव के मंत्रों का जाप करना चाहिए. इसमें आप भगवान विष्णु के मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय, भगवान शिव के मंत्र ऊँ नम: शिवाय, भगवान गणेश के मंत्र श्री गणेशाय नम: का जाप कर सकते हैं.मन में रखें सच्ची आस्था
इसके अलावा मां दुर्गा की आराधना की करने वाले देवी मंत्र दुं दुर्गाय नम:, श्रीराम भक्त हनुमान के मंत्र ऊँ रामदूताय नम: और श्रीकृष्ण के मंत्र कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जाप कर सकते हैं. याद रखें कि इन मंत्रों का जाप करते वक्त आपके मन में प्रभु की सच्ची आस्था होनी जरूरी है, अन्यथा मंत्रों की शक्ति का फल नहीं मिलता है.
580 साल बाद हो रहा ऐसा
खगोलविदों का कहना है कि इस आंशिक चंद्र ग्रहण की अवधि बहुत लंबी होगी और संयोगवश ऐसा तकरीबन 580 साल बाद होने जा रहा है. रिपोर्ट्स की मानें तो इससे पहले इतनी लंबी अवधि का चंद्र ग्रहण 18 फरवरी 1440 को लगा था. अब भविष्य में चंद्र ग्रहण की ऐसी घटना 8 फरवरी 2669 में देखने को मिलेगी. खगोलविदों का दावा है कि धरती से चंद्रमा की अधिक दूरी होने के कारण आगामी चंद्र ग्रहण की अवधि लंबी होने वाली है.