प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत भी उपस्थित थे।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका जाना हर भारतप्रेमी के लिए, हर राष्ट्रभक्त के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उन्होंने कहा, ‘जनरल बिपिन रावत जी देश की सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जितनी मेहनत कर रहे थे, पूरा देश उसका साक्षी रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हालांकि भारत दुख में है लेकिन दर्द सहते हुए भी हम ना अपनी गति रोकते हैं और ना प्रगति। भारत रुकेगा नहीं, भारत थमेगा नहीं। देश की सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान, तीनों सेनाओं में तालमेल सुदृढ़ करने का अभियान, तेजी से आगे बढ़ता रहेगा। जनरल बिपिन रावत, आने वाले दिनों में, अपने भारत को नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ते हुए देखेंगे। देश की सीमाओं की सुरक्षा बढ़ाने का काम, बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम जारी रहेगा’. उन्होंने कहा कि यूपी के सपूत, देवरिया के रहने वाले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जी का जीवन बचाने के लिए डॉक्टर जी-जान से लगे हुए हैं। मैं मां पाटेश्वरी से उनके जीवन की रक्षा की प्रार्थना करता हूं। देश आज वरुण सिंह जी के परिवार के साथ है, जिन वीरों को हमने खोया है, उनके परिवारों के साथ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की नदियों के जल का सदुपयोग हो, किसानों के खेत तक पर्याप्त पानी पहुंचे, ये सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का पूरा होना इस बात का सबूत है कि जब सोच ईमानदार होती है, तो काम भी दमदार होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब इस परियोजना पर काम शुरू हुआ था, तो इसकी लागत 100 करोड़ रुपए से भी कम थी। आज ये लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपए खर्च करने के बाद पूरी हुई है। पहले ही सरकारों की लापरवाही की 100 गुना ज्यादा कीमत देश को चुकानी पड़ी है। “सरकारी पैसा है तो मुझे क्या, ये सोच देश के संतुलित और संपूर्ण विकास में सबसे बड़ी रुकावट बन गई थी। इसी सोच ने सरयू नहर परियोजना को लटकाया भी, भटकाया भी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सरयू नहर परियोजना में जितना काम 5 दशक में हो पाया था, उससे ज्यादा काम हमने 5 साल से पहले करके दिखाया है। यही डबल इंजन की सरकार है। यही डबल इंजन की सरकार के काम की रफ्तार है। हमारी प्राथमिकता प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करना है।”
प्रधानमंत्री ने बाण सागर परियोजना, अर्जुन सहायक सिंचाई परियोजना, गोरखपुर में एम्स और उर्वरक संयंत्र जैसी बेहद लंबित परियोजनाओं के नाम गिनाए जिन्हें इस ‘डबल इंजन’ सरकार द्वारा पूरा किया गया है। उन्होंने केन बेतवा लिंक परियोजना को भी इस सरकार की प्रतिबद्धता का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। 45000 करोड़ रुपये की परियोजना को पिछली कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई थी। यह परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र को जल संकट की समस्या से निजात दिलाने में अहम भूमिका निभाएगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पहली बार छोटे किसानों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। पीएम किसान सम्मान निधि, मत्स्य पालन एवं डेयरी और मधुमक्खी पालन में आय के वैकल्पिक स्रोत और इथेनॉल में व्यापक अवसर जैसे कुछ अहम कदम उठाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में उत्तर प्रदेश से ही 12000 करोड़ रुपये मूल्य का इथेनॉल खरीदा गया है। प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक खेती और जीरो बजट खेती के बारे में 16 दिसंबर को आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए किसानों को आमंत्रित किया। उन्होंने यह भी बताया कि इस राज्य के 30 लाख से भी अधिक परिवारों को ‘पीएमएवाई’ के तहत पक्के घर मिले हैं, जिनमें से ज्यादातर घर संबंधित परिवारों की महिलाओं के नाम हैं। प्रधानमंत्री ने ‘स्वामित्व योजना’ के विभिन्न लाभों के बारे में भी बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कोरोना काल में हमने पूरी ईमानदारी से प्रयास किया है कि कोई गरीब भूखा ना सोए। इसलिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मिल रहे मुफ्त राशन के अभियान को अभी होली से आगे तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले के समय में माफिया को संरक्षण मिलता था। इसके विपरीत, आज माफिया का सफाया हो रहा है और फर्क साफ़ नजर आ रहा है। पहले, बाहुबलियों को बढ़ावा दिया जाता था। आज योगी जी की सरकार गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासी, सभी को सशक्त बनाने में जुटी है। तभी तो यूपी के लोग कहते हैं- फर्क साफ है। पहले भूमि पर माफियाओं द्वारा अवैध कब्जा होना आम बात थी, जबकि आज योगी जी इस तरह के अतिक्रमण पर बुलडोजर चला रहे हैं। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि तभी तो यूपी के लोग कहते हैं- फर्क साफ़ है।