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भारत में फुटवियर और चमड़े के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी देश बनने की क्षमता है: श्री पीयूष गोयल

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि सरकार और उद्योग, दोनों के प्रयासों से भारत के पास फुटवियर व चमड़े के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी देश होने की क्षमता है। श्री गोयल ने आज नई दिल्ली में चमड़ा निर्यात परिषद के राष्ट्रीय निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह को संबोधित किया।

इस दौरान श्री पीयूष गोयल ने पुरस्कार विजेताओं को भी संबोधित किया। श्री गोयल ने अपने संबोधन में आयोजकों से इन पुरस्कारों के माध्यम से नई कंपनियों, उद्यमियों, स्टार्टअप्स व नए विचारों के साथ आने वालों की पहचान कर, उन्हें नए बाजार और उत्पादों के साथ अज्ञात क्षेत्र में आने को लेकर प्रोत्साहित करने की संभावना की तलाश करने के लिए कहा। उन्होंने सुझाव दिया कि उनके योगदान को पहचानने के लिए कुछ विशिष्ट पुरस्कार श्रेणी, जैसे कि एफटीए का प्रभावी उपयोग करने वालों को पुरस्कृत करना आदि बनाई जा सकती हैं।

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि जैसा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, हमें वस्तु और सेवाओं, दोनों में पिछले साल की तुलना में अधिक निर्यात करने की आशा है। उन्होंने कहा कि अधिकांश विकसित देश, जो चमड़े के उत्पादों के बड़े उपभोक्ता हैं, महंगाई का सामना कर रहे हैं और वहां उपभोक्ता खर्च में कमी आई है। श्री गोयल ने चमड़ा क्षेत्र से यह आश्वासन पाकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि इसमें पिछले साल की तुलना में अधिक बढ़ोतरी होगी।

श्री पीयूष गोयल ने चमड़ा उद्योग को विकास के लिए विभिन्न देशों के साथ भारत के किए गए मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) का उपयोग करने के लिए कहा। इसके लिए उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का उदाहरण दिया, जहां नए समझौते के परिणामस्वरूप पिछले साल नवंबर में इस क्षेत्र में निर्यात में 64 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया।

श्री गोयल ने कुछ प्रकार के चमड़े पर आयात शुल्क को लेकर चमड़ा उद्योग की चिंताओं को दर्ज किया और उन्होंने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया। इसके अलावा श्री गोयल ने उद्योग के हितधारकों से राजस्व विभाग की एमओओडब्ल्यूआर योजना का लाभ उठाने का भी अनुरोध किया। इसके तहत निर्यात के उद्देश्य से आयात की जा रही वस्तुओं पर कोई शुल्क नहीं देना होता है। उन्होंने आगे कहा कि यह निश्चित रूप से व्यापार को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में सहायता करेगा।

श्री पीयूष गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय उद्योग के पास वैसी बड़ी क्षमता है, जिसका उपयोग नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि निर्मित उत्पादों की गुणवत्ता अच्छी होने के बावजूद उत्पाद के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने के लिए पैकेजिंग और ब्रांडिंग पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। पूरे विश्व में स्थित भारतीय मिशन इन उत्पादों की पहुंच बनाने को लेकर समर्थन कर सकते हैं और ब्रांडिंग व्यवसाय में शामिल अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से जोड़ने में सहायता कर सकते हैं।

उन्होंने उद्योग को नए लक्ष्य निर्धारित करने की आकांक्षा के लिए प्रोत्साहित किया, विशेष रूप से जब भारत अमृत काल में प्रवेश कर रहा है, जिसका उद्देश्य समावेशी विकास और भारत के हर एक नागरिक के जीवन में समृद्धि लाना है। मंत्री ने कहा कि हम विश्व के अन्य विकसित देशों के साथ और अधिक एफटीए करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने चमड़ा और फुटवियर उद्योग से अगले 25 वर्षों में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी का लक्ष्य रखने और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक योजना तैयार करने का अनुरोध किया। श्री गोयल ने उन्हें व्यापक अवसरों- नए क्षेत्रों का पता लगाने और आयात प्रतिस्थापन के लिए भारत में नए उत्पादों का निर्माण करने पर ध्यान देने के लिए कहा।

श्री गोयल ने आश्वस्त किया कि सरकार उद्योग के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी मानक में संशोधन करने के लिए तैयार है। इसके अलावा उन्होंने उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए देश में कहीं भी परीक्षण सुविधाओं/प्रयोगशालाओं की स्थापना को लेकर पूरी सहायता करने का आश्वासन दिया। श्री गोयल ने बताया कि सरकार व्यापार करने में सुगमता को लेकर उद्योग के साथ जुड़ने को तैयार है। उन्होंने कारोबारियों से विभिन्न क्षेत्रों में सुधार लाने के बारे में विचार देने को कहा है, जहां उद्योग को व्यापार में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। श्री गोयल ने उनसे अनुपालन बढ़ाने, कानूनों को सरल बनाने और किन कानूनों/प्रावधानों का गैर-अपराधीकरण किया जाए, इस बारे में सुझाव देने के लिए कहा।

श्री गोयल ने बताया कि सरकार उद्योग में आवश्यक मशीनरी के निर्माण में सहायता के लिए एक नई योजना तैयार करने पर काम कर रही है। उन्होंने उद्योग क्षेत्र से सरकार की सभी योजनाओं का लाभ उठाने को कहा।

श्री पीयूष गोयल ने उद्योग जगत से अपने उत्पादों में नवाचार करने और टिकाऊपन पर ध्यान देने के लिए कहा। इसके अलावा उन्होंने भारत में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ नए सहयोग का भी आह्वाहन किया। मंत्री ने कोल्हापुरी चप्पल जैसे अपार संभावनाओं वाले कुछ क्षेत्रों का उल्लेख किया और युवा उद्यमियों से इस क्षेत्र में नियमित रूप से आगे बढ़ने व नए डिजाइन/ब्रांडिंग का पता लगाने के लिए कहा।

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