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मौलिक भारत की मुहिम हुई कामयाब

ंचुनाव आयोग ने चुनावो के समय उम्मीदवारों के द्वारा भरे जाने वाले शपथ पत्रों की जांच की प्रक्रिया तय की। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को दिए हाल ही में सम्पन्न पांच राज़्यों के विधानसभा चुनावों में उतरे उम्मीदवारों के शपथपत्र जांचने के आदेश। 30 जून तक पूरी करनी होगी प्रकिया। नप सकते हैं कई माननीय।
मौलिक भारत सदस्यों द्वारा दिनांक 17जनवरी 2017 को भारत के मुक्चय निर्वाचन आयुक्त श्री नसीम ज़ैदी को चुनाव सुधार के लिए पत्र लिखकर आवश्यक कार्यवाही हेतु निवेदन किया गया था कि –
चुनाव लडऩे वाले सभी प्रत्याशियों द्वारा (Conduct of Elections Rules- 1961 के नियम 4 ए के अंतर्गत नामांकन के साथ (फॉर्म 26) में भरे जाने वाले शपथ पत्र में बयान किये गए तथ्यों की सत्यता की जांच निर्वाचन आयोग द्वारा की जानी चाहिए।
पांच राज्यों के चुनाव प्रक्रिया के चलते प्रार्थीगण के पत्र उपरोक्त का भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली द्वारा कोई निस्तारण न होते देख व शपथ पत्रों की जांच की गंभीरता के मद्देनजर नीरज सञ्चसैना (एडवोकेट), संजीव गुप्ता (इंïजीनियर) द्वारा एक ONLINE RTI APPLICATION No. ECOMM/R/2017/50236 दिनांक 10 फरवरी 2017 को निर्वाचन आयोग में दाखिल कर दी जिसमें दस बिïंदुओं पर सूचना माïंगी गयी थी।

परन्तु भारत के निर्वाचन आयोग नयी दिल्ली सचिवालय द्वारा एक महीना बीत जाने के बाद भी पत्र उपरोक्त दिनाïंक 17जनवरी 2017 एव Online RTI Application दिनांकित 10 फरवरी 2017 का कोई जवाब नहीं दिया गया ।
कोई सूचना/जवाब न दिए जाने की स्थिति में प्रार्थीगण ने मजबूर होकर दिनांक 10 मार्च 2017को स्वयंï भारत निर्वाचन आयोग नयी दिल्ली सचिवालय पर पहुँच कर RTI APPLICATION की कॉपी पुन: प्रेषित की।
भारत निर्वाचन आयोग के जन सूचना अधिकारी अवर सचिव श्री कुमार राजीव द्वारा पत्र F.No. 4/RTI/PB/2017/NS-I/183 दिनांक 30 मार्च 2017 दिनांक 30 मार्च 2017के माध्यम से RTI Applicationबिंदु क्रमांक 9 पर निक्वन सूचना दी है –
आरटीआई का प्रश्न (९)

कृपया सूचित करें कि हमारी प्रार्थना चुनाव लडऩे वाले सभी प्रत्याशियों द्वारा (Conduct of Elections Rules-1961-१९६१ के नियम 4ए के अंतर्गत नामांïकन के साथ (फॉर्म 26) में भरे जाने वाले शपथ पत्र में बयान किये तथ्यों की सत्यता की जांच निर्वाचन आयोग द्वारा की जानी चाहिए. पर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा यदि कोई कार्यवाही की गयी हो तो प्रार्थीगण को सूचित करें और सबंधित दस्तावेजों की सत्यापित प्रति भी उपलद्ब्रध करवाएँ।
निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदा प्रश्न (९) का जवाब

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपने पत्र संक्चया 76/ECI/LET/EEM/EL.Ex/IED/EEPS/2017Vol-I दिनांक 23 मार्च 2017 के माध्यम से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (ष्टक्चष्ठञ्ज) को निवेदन किया गया है कि वर्ष 2017में पंजाब, इत्यादि में विधान सभा चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों द्वारा शपथ पत्रों में दर्शायी गयी सक्वपîिायों के ब्यौरे की जांच करे ।
झूठा शपथ पत्र भरे जाने के संदर्भ में कृपया निर्वाचन आयोग के निर्देश 4/2014/SDR.Vol-I दिनांक 26 April 2014 का संदर्भ ग्रहण करें (प्रति संलग्न )
(Annex. 4, copy of Reply from Election Commission PIO dated 30/3/2017).
भारत निर्वाचन आयोग ने अपने पत्र संक्चया 76/ECI/LET/EEM/EL.Ex/IED/EEPS/2017Vol-I दिनांक 23 March 2017 द्वारा निदेशक (अन्वेषण-ङ्क) (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) भारत सरकार, राजस्व मंत्रालय नयी दिल्ली एवं निदेशक आयकर विभाग (अन्वेषण) कोलकाता, उîार प्रदेश, चंडीगढ़, कर्नाटक को निर्देशित किया कि वर्ष 2017 में गोवा, मणिपुर, पंजाब, उîाराखंड, उîार प्रदेश विधान सभा और अमृतसर (02) संसदीय क्षेत्र से चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों द्वारा शपथ पत्रों में घोषित की गयी चल-अचल सक्वपîिायों की जाँच (चुनाव आयोग एवं ष्टक्चष्ठञ्ज) के मध्य (दिनांक 19 जून २०१३ को सक्वपन्न हुई मीटिंग) में निर्धारित किये गए निक्वन मापदंडों के आधार पर की जाय।
श्रेणी – A : विशिष्ट मामले जिन्हे भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अग्रसारित किया जाय (Category -A : Specific Cases forwarded by ECI)
श्रेणी – B – वे मामले – जिनमे प्रत्याशी द्वारा वर्तमान चुनाव में दिए गए शपथ पत्र की पिछले चुनाव में दिए गए शपथ पत्र से तुलना किये जाने पर यदि चल अचल संपîिा में बेतहाशा (अप्रत्याशित) वृद्धि नजर आती है।
(Category – B :Cases witnessing phenomenal growth when the current affidavit is compared to that filed during the previous elections, if any)
श्रेणी -C – वे मामले – चुनावों में विजयी होने वाले सभी प्रत्याशियों के चुनावी शपथ पत्र में घोषित चल-अचल संप8िा की सत्यता उनकी आयकर विवरणी से मिलान करके पता लगाई जाय (यदि उनके द्वारा आयकर विवरणी दाखिल की जाती है)
(Category – C : Cases of winning Candidates and the veracity of the affidavits compared to the returns of income, if any filed by them.)
श्रेणी – D वे मामले – जहाँ पर आयकर स्थाई खाता संक्चया (क्क्रहृ) नहीं दिया गया है किन्तु चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी द्वारा चल-अचल संपîिा 5 करोड़ से अधिक घोषित की गयी है
(Category-D : Instances where there was no PAN but movable/immovable asset disclosed were in excess of Rs. 5 Crore)
श्रेणी – E वे मामले जहां पर चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी के वर्तमान चुनाव में भरे गए शपथ पत्र में दर्शायी गयी चल-अचल संपत्ति में पिछले चुनाव में भरे गए शपथ पत्र में दर्शायी गयी चल-अचल संपîिाा की तुलना में 2 करोड़ रुपये से अधिक की बढ़ोतरी हुई हो और आयकर विभाग यदि जांच के दौरान प्रत्याशी द्वारा छुपाई गयी चल अचल संपîिा का यदि पता लगे अथवा आयकर विभाग द्वारा आकलन की गयी हो तो उसे भी भारत निर्वाचन आयोग को छ: (6) महीनों के भीतर अर्थात माह सितंबर 2017 तक सूचित करे।
(Category-E : Cases where addition of new immovable assets above a threshold say Rs. 2 crore vis-à-vis last affidavit, if any, was witnessed and to report additional concealment detected/estimated by Income Tax Department within 6 months i.e. September 2017)
लोकसभा एवं विधान सभा का चुनाव लडऩेे के लिए प्रत्येक प्रत्याशी द्वारा नामांकन भरते समय शपथ पत्र (AFFIDAVIT) भरना अनिवार्य है। शपथ पत्र में प्रत्याशी द्वारा अपनी व अपने परिवार के सदस्यों (पत्नी एवं आश्रितों) की चल संपîिा जैसे कि नकद धनराशि, बैंक एवं अन्य संस्थान में जमा धनराशि, फिञ्चस्ड डिपॉजिट्स, बांड्स, शेयर्स, डिबेंचर्स, क्वयुचुअल फंड, राष्ट्रीय बचत योजना, पोस्ट आफिस जमा, बीमा पॉलिसी, प्रोविडेंट फंड इत्यादि का मूल्य, वाहन, सोना, चांदी, अन्य कीमती वस्तुएं का मूल्य एवं अचल संपîिा जैसे कि कृषि भूमि, गैर कृषि भूमि, व्यवसियिक भवन, रिहद्मयशी भवन, फ्लैट, इमारत इत्यादि का (पता सहित) वर्तमान बाजार मूल्य तथा प्रत्याशी द्वारा लिए गए ऋण व सरकारी देनदारियों एवं अन्य कई जानकारियां शपथ पर घोषणा करना अनिवार्य होता है।
प्रत्याशियों द्वारा चुनाव के दौरान भरे जाने वाले शपथ पत्रों की जांच एवं चुनाव सुधार हेतु मौलिक भारत के प्रयास –

महोदय प्रत्याशियों के एफिडेविट (शपथ पत्र) की सत्यता जांच एवं चुनाव सुधार के अन्य मुद्दों को मौलिक भारत टीम द्वारा समय समय पर भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाया जाता रहा है। इसी क्रम में माननीय सुप्रीम कोर्ट एवं माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय में जनहित याचिकाएं भी डाली गयी हैं।
माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय में दाखिल की गयी एक जनहित याचिका W.P. (C) ४४३/२०१४ [मौलिक भारत द्वारा न्यासी अनुज अग्रवाल एवं नीरज सञ्चसेना बनाम भारत निर्वाचन आयोग एवं अन्य) में दिनांक 22 जनवरी 2014 को [याचीगण की प्रार्थना कि चुनाव लडऩे वाले सभी प्रत्याशियों के नामांकन एवं शपथ पत्रों के कड़ाई से जांच किये जाने की कड़ी प्रक्रिया बनाई जाए। इस पर अग्रिम नोटिस पर न्यायालय में उपस्थित आए भारत निर्वाचन आयोग के वकील द्वारा माननीय खंड पीठ का ध्यान धारा 36 जन प्रतिनिधि अधिनियम 1951 (नामांकन पत्रों की जांच) एवं धारा 125ए (झूठा शपथ पत्र दाखिल करने पर दंड) की ओर आकर्षित करते हुए बताया कि कानून में इन परिस्थितियों से निबटने के लिए कानूनी प्रावधान तो मौजूद हैं परन्तु इसके लिए अभी दिशानिर्देश GUIDELINES बनाये जाने हैं। आयोग के वकील द्वारा यह बयान भी किया गया कि (उपलब्ध कम समय में) नामांकन पत्रों एवं शपथ पत्रों में वर्णित तथ्यों की जांच आयोग द्वारा किया जाना सभव नहीं है।
चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों के शपथ पत्रों में वर्णित तथ्यों की जांच किये जाने के मुद्दे को मौलिक भारत न्यासी अनुज अग्रवाल द्वारा 05 मार्च 2014 को विज्ञान भवन नयी दिल्ली में 2014 संसदीय चुनाव घोषणा के दौरान तत्कालीन मुक्चय निर्वाचन आयुक्त श्री वी0 एस0 संपथ के समक्ष भी उठाया गया था। वीडियो देखने के लिए निक्वन लिंक पर ञ्चिलक करें
https://www.youtube.com/edit?o=U&video_id=ygdgnuh-6Mk
अभियुक्त अरविन्द केजरीवाल (दिल्ली के मुक्चय मंत्री) द्वारा निर्वाचन आयोग के समक्ष फर्जी वोट बनवाने एवं झूठा शपथ पत्र दाखिल करने पर मौलिक भारत के सदस्यों द्वारा पटियाला हाउस न्यायालय में दाखिल एक आपराधिक मुकदमा संक्चया २०७८६/२०१६ नीरज सञ्चसैना एवं अनुज अग्रवाल बनाम अरविन्द केजरीवाल) अंतर्गत (धारा 31 जनप्रतिनिधि अधिनियम 1950, धारा 125ए जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 एवं धारा 177भारतीय दंड संहिता) में दिनांक 24 दिसक्वबर 201६ को अभियुक्त अरविन्द केजरीवाल को जमानत पर छेाड़ा गया है।

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