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तो क्या अखिलेश गुट ने भी चुनाव आयोग को रिश्वत दे खरीदा था चुनाव चिन्ह? – मौलिक भारत

तमिलनाडू में अन्नाद्रमुक पर कब्जे की लड़ाई में शशिकला के भांजे को पार्टी के चुनाव चिन्ह पर शशिकला गुट के कब्जे को लेकर चुनाव आयोग के अधिकारियों को 50 करोड़ रूपये की रिश्वत देने की कोशिश में स्नढ्ढक्र दर्ज की गयी है और दलाल की गिरफ्तार कर लिया गया। कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी पर कब्जे को लेकर अखिलेश और मुलायम गुट का था और मामला चुनाव आयोग पहुंचा था। उस समय विभिन्न चेनलों पर अनेक संविधान विशेषज्ञ और पूर्व चुनाव आयुक्त यह दावा कर रहे थे कि इस विवाद पर जाँच कर निर्णय देने में आयोग को कम से कम छ: महीने लगेंगे। किंतू कुछ ही दिनों बाद अचानक आयोग ने अखिलेश गुट को साइकिल चुनाव निशान आबंटित कर दिया। इस मामले में चुनाव आयोग का निर्णय अगर आप लोग पढ़ेंगे तो पाएंगे कि बिना परीक्षण अखिलेश गुट के बहुत से दावो को मान लिया गया। जिस प्रकार की जल्दबाजी इस निर्णय को देने में की गयी उससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि हो सकता है कि यह मामला भी मोटे लेने देन की बिना पर निबटाया गया हो।
50 करोड़ से कहीँ ज्यादा 100, 140 या 200 करोड़? इस तरह के मामले अधिकारियों के स्तर पर नहीँ निबटाए जाते बल्कि सीधे चुनाव आयुक्त स्तर पर फैसले लिए जाते हैं। ऐसे में मामला और गंभीर हो जाता है। इस मामले की जांच के लिए राष्ट्रपति जी को आदेश देना चाहिए और चुनाव आयोग को भी अपनी विश्वसनीयता साबित करने के लिए तुरंत स्पष्टीकरण देना चाहिए। लोकतंत्र का रक्षक ही भक्षक वना नजऱ आये तो फिर सब बेमानी है। आँखों में धूल झोंकने के समान है।

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