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शिकंजे में लालू और चिदंबरम

भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए इस महीने कई मामलों में सरकार द्वारा ताबड़तोड़ छापे मारे गए हैं। इनमें सबसे मुख्य रहे हैं राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के परिवार के 22 ठिकानों पर और चिदंबरम पर छापे।
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के गुरुग्राम में राजद के प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके निकटस्थों के 22 ठिकानों पर छापेमारी की गयी। आयकर आयुक्त (मीडिया एंड पब्लिसिटी) और विभाग की प्रवक्ता मीनाक्षी गोस्वामी ने मीडिया से बात करते हुए छापे के ठिकानों के बारे में तलाशी का कार्य पूरा होने के बाद ही विस्तार से कुछ भी बता पाने की बात की। सूत्रों के अनुसार लालू और उनकी बेटी मीसा भारती से जुड़ी 1000 करोड़ रुपए की कथित बेनामी लैंड डील्स के मामले में यह छापेमारी की गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने इस छापे के बाद तुरंत ही कुछ ट्वीट कर डाले, हालांकि इससे उनकी बौखलाहट ही उनके बयानों में दिखाई दी। उन्होंने ट्वीट किया कि भाजपा को नए गठबंधन सहयोगी मुबारक हों, लेकिन वह इससे डरने वाले नहीं हैं और आखिरी सांस तक फासीवादी ताकतों के खिलाफ लड़ते रहेंगे। उनका इशारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के बीच बढ़ती नजदीकियों की ओर था। उन्होंने आगे कहा कि अरे पढ़े-लिखे अनपढ़ो, यह तो बताओ कौन से 22 ठिकानों पर छापामारी हुई। मैं भाजपा समर्थित मीडिया और उसके सहयोगी घटकों (सरकारी तोतों) से लालू नहीं डरता। इन छापों में एक दर्जन स्थानों पर छापेमारी की गई जबकि आयकर विभाग ने 10 अन्य आधिकारिक परिसरों का सर्वे भी किया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, लालू प्रसाद और उनके परिवार से जुड़े एक भूमि सौदे में शामिल लोगों और कारोबारियों के यहां तलाशी ली गई। लगभग 1,000 करोड़ रुपये के बेनामी सौदों और उसके बाद कर चोरी के मामले हैं। उन्होंने बताया कि कर विभाग और पुलिस विभाग के लगभग 100 अधिकारी छापेमारी कर रहे हैं।
पिछले दिनों भाजपा ने लालू प्रसाद, उनकी सांसद बेटी मीसा भारती और उनके दोनों बेटों पर लगभग 1,000 करोड़ रुपये के भ्रष्ट भूमि सौंदों में शामिल होने का आरोप लगाया था और केंद्र सरकार से दिल्ली में हुए ऐसे ही एक सौदे की जांच की मांग की थी। लालू प्रसाद के आरोपों के उत्तर में सुशील मोदी ने कहा कि केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार की बेनामी संपत्ति खिलाफ कार्रवाई से बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के बड़े नेता लालू प्रसाद यादव घबराए हुए हैं। उन्होंने कहा कि मीसा भारती की कंपनी के चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) राजेश अग्रवाल की गिरफ्तारी और अब मीसा भारती एवं उनके पति शैलेश कुमार को आयकर विभाग की नोटिस के बाद लालू यादव एवं उनके मंत्री पुत्र तेजस्वी यादव (उपमुख्यमंत्री) को मालूम पड़ गया होगा कि किन 22 ठिकानों पर छापेमारी हुई थी।
हालांकि इस घटना के फलस्वरूप बिहार की राजनीति में उबाल आया और बिहार में भाजपा के कार्यालय पर राजद के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया। और जमकर दोनों ही दलों के बीच बवाल हुआ। आरजेडी के लोग पटना के बीरचंद पटेल पथ पर मौजूद बीजेपी मुख्यालय पर खड़ी कुछ गाडय़िों में तोडफ़ोड़ करने में सफल रहे थे। पर शायद उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं की ताकत को सही आंका नहीं था। भाजपा के कार्यकर्ताओं ने आरजद के कार्यकर्ताओं को इस हमले का जवाब दिया, लेकिन ऐसा तब तक नहीं किया गया जब तक कि राजद की गुंडागर्दी टीवी कैमरों में कैद नहीं हो गई। इससे नितीश की स्वच्छ छवि पर असर भी पड़ा है।
उधर, सीबीआई ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम तथा उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम के चेन्नई स्थित आवास और उनके कई अन्य ठिकानों पर मंगलवार को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) कानून के उल्लंघन मामले को लेकर छापे मारे। सीबीआई सूत्रों के अनुसार यह छापामारी आईएनएक्स मीडिया समूह को नियमों के विरुद्ध विदेशी निवेश की मंजूरी दिलाने के मामले में कार्ति चिदंबरम की कथित संलिप्तता के संदर्भ में की गई है। सीबीआई की नौ सदस्यीय टीम ने चेन्नई में नुनगामबक्काम स्थित श्री चिदंबदम के घर और कार्ति चिदंबरम के आफिस पर छापा मारा। सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा मुंबई, दिल्ली और गुरुग्राम समेत दस अन्य जगहों पर भी छापा मारा गया। उल्लेखनीय है कि गत 17 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 40 करोड़ रुपए से अधिक विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) कानून के उल्लंघन को लेकर कार्ति चिदंबरम और उनसे कथित तौर पर संबंधित कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने आरोप लगाया कि सरकार उनके बेटे को निशाना बनाने के लिए सीबीआई तथा अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि सैंकड़ों मामलों में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दी गई थी।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने चेन्नई में एक बयान जारी करके कहा, सरकार सीबीआई तथा अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल कर मेरे बेटे और उसके दोस्तों को निशाना बना रही है। सरकार का मक़सद मेरी आवाज़ को बंद कराना और मुझे आगे लिखने से रोकना है जैसा कि उसने विपक्षी दलों के नेताओं, पत्रकारों, स्तंभकारों, एनजीओ और नागरिक समाज संगठनों के साथ किया है। मैं बस इतना ही कहूंगा, मैं बोलना और लिखना जारी रखूंगा। चिदंबरम ने कहा कि एफआईपीबी को बनाने वाले पांच सचिवालय, एफआईपीबी सचिवालय के अधिकारियों तथा प्रत्येक मामलों में सक्षम प्राधिकारी जन अधिकारी हैं और उनमें से किसी के भी ख़िलाफ़ कोई आरोप नहीं थे।
उन्होंने कहा, प्रत्येक मामले में क़ानून के हिसाब से कार्रवाई की गई और भारत सरकार के पांच मंत्रालयों से मिल कर बने एफआईबीपी की अनुशंसा के अनुरूप ही मंज़ूरी दी गई अथवा मामले को नामंज़ूर किया गया। एफआईपीबी मंज़ूरी सैंकड़ों मामलों में दी गई थी। क़ानून के अनुसार हर मामले को देखा गया और एफआईपीबी की सिफ़ारिशों के अनुसार मंज़ूरी प्रदान की गई या नामंज़ूरी दी गई। ठ्ठ

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