प्रदेश भाजपा सरकार के लिये चुनौती बनता ‘बेरोजगारÓ
रामस्वरूप रावतसरे
कसभा उपचुनावों को देखते हुए चार साल से अटकी भर्तियों की रुकावटें भाजपा सरकार जल्द से जल्द दूर करने की तैयारी में है। सरकार की लेटलतीफ ी के चलते बेरोजगार संघ ने उपचुनावों में कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान करने पर तथा कांग्रेस द्वारा भी उप चुनावों में राजस्थान में बेरोजगारी को ही मुद्दा बनाकर चलने के कारण भाजपा को उप चुनावों की वैतरणी पार करने के लिये इस ओर ध्यान देना पड़ रहा बताया जा रहा है । यही नहीं जनता का रूख भी बदला सा होने के कारण भाजपा सरकार लोकसभा उपचुनाव की चिंता में चार साल से अटकी भर्तियों की रुकावटें जल्द से जल्द दूर करने की पुरजोर कोशिश बताई जा रही है ।
राजस्थान बेरोजगारों का प्रदेश बनता जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है, प्रदेश में 77,413 पदों की भर्तियां विभिन्न कारणों से कोर्ट में अटकी होना है। लोकसभा के उपचुनाव में कांग्रेस द्वारा बेरोजगारी को मुद्दा बनाने के बाद भाजपा सरकार भी हरकत में आई है। इन पदों की भर्तियों से 10 लाख अभ्यर्थियों का भविष्य जुड़ा हुआ है। अजमेर व अलवर में बेरोजगार संघ भी चुनाव मैदान में कूद चुका है। मुख्यमंत्री ने इन भर्तियों की सभी रुकावटों को 10 दिन में दूर कर नियुक्तियां देने के निर्देश जारी किए बताऐ जा रहे हैं।
राजस्थान में 61,800 पदों पर नियुक्तियां हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अटकी हुई हैं। यह सभी भर्तियां कांग्रेस कार्यकाल की बताई जा रही हैं। जबकि 15,613 भर्तियां भाजपा सरकार के कार्यकाल की हैं। सरकार की मनषा पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि पहले आरपीएससी में चेयरमैन का पद खाली है, यह कहा जा रहा था लेकिन इस पद पर नियुक्ति के बाद भी अभी तक कोई भर्ती नहीं निकाली गई है। जबकि लोक सेवा आयोग भी इस साल का भर्ती कैलेंडर जारी कर चुका है।
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ कई महीनों से आंदोलन कर रहा है। उपचुनावों में सरकार के खिलाफ बेरोजगार महासंघ ने प्रत्याशी भी उतारे थे, लेकिन सरकार की नजरअंदाजी को देखते हुए बेरोजगारों ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा कर दी। प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव का कहना है कि सरकार ने बेरोजगारों के साथ धोखा किया है और उपचुनावों में बेरोजगार सरकार को हराकर ट्रेलर दिखाएंगे । जानकार लोगों का कहना है कि कांग्रेस और भाजपा सरकार की लड़ाई में 10 लाख बेरोजगार फंसे पड़े है जिसमें विद्यालय सहायक के 33 हजार पदों के लिए भर्ती वर्ष 2013 में निकाली गई थी। लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं दी गई है। प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन बताया जा रहा है। यह भी है जानकारी में आया है कि सरकार द्वारा उक्त प्रकरण की सुप्रीम कोर्ट में पैरवी तक नहीं कराई बताई जा रही है। आरपीएससी की ओर से सात हजार पदों पर एलडीसी भर्ती निकाली थी। कुछ जगह गड़बड़ी सामने आने के बाद से यह भर्ती अभी तक अटकी हुई है।एएनएन व जीएनएम के पदों के लिए भी वर्ष 2013 में 12600 पदों की भर्ती निकाली गई थी। जो आरक्षण के मसले के चलते आज तक अटकी हुई है।
बेरोजगार संघ का आरोप है कि कोर्ट में भी सरकार ठीक तरीके से पैरवी नहीं कर रही । रिट परीक्षा का परिणाम भी अभी तक अटका हुआ है। 6047 पदों के लिए एक लाख से ज्यादा बेरोजगार भाजपा सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं। इसी प्रकार सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती भाजपा सरकार ने निकाली थी। 1568 पदों की भर्ती प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हुई है। कई अभ्यर्थी नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। इस भर्ती के लिए आठ लाख बेरोजगारों ने आवेदन किया बताया जा रहा है।
संस्कृत शिक्षा के 1821 पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा की कट ऑफ अभी तक जारी नहीं हुई है। बेरोजगार अभ्यर्थी सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं । वर्ष 2013 मे ंएल डी सी के 9700 पदों के लिये भर्ती निकाली थी।इस मामले में जानकार सूत्रों का कहना है कि पंचायत राज मंत्री व अधिकारियों की आपसी लड़ाई में कोई भी इस भर्ती पर ध्यान नहीं दे रहा और बेरोजगार सिर्फ चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
लोकसभा के उपचुनावों के कारण सरकार हरकत में आई बताई जा रही है। जिसके तहत ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती-2016 लेवल-2 नॉन टीएसपी अभ्यर्थियों ने स्कूल शिक्षा सचिव नरेशपाल गंगवाल ने बेरोजगार अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया बताया कि दस दिन में रिजल्ट जारी किया जाएगा। रिजल्ट तैयार हो चुका है, जिलों का आवंटन बाकी है। इसी प्रकार संस्कृत शिक्षा में भर्तियों का रास्ता खुलता नजर आ रहा है। निर्वाचन विभाग ने भर्तियों को लेकर सरकार को अनुमति दे दी है। रीट फस्र्ट लेवल के पदों पर जल्द रिजल्ट जारी करने की कवायद षुरू कर दी बताई जा रही है।
सैकंड लेवल की विज्ञप्ति भी जल्द जारी होने की संभावना खुल गई है। निर्वाचन विभाग से अनुमति मिलने के बाद संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही विज्ञप्ति जारी हो सकेगी। रिट के जरिए इस साल 35 हजार पदों पर होने वाली भर्ती को लेकर सरकार ने साफ तौर पर निर्देश दिए हैं कि 11 फरवरी 2018 को होने वाली परीक्षा में किसी तरह की रुकावट नहीं आनी चाहिए। परीक्षा में 9.50 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे बताये जा रहे है।