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‘स्टेशन मास्टरों की सभी जायज मांगों पर सकारात्मक दृष्टि से विचार किया जाएगा’: रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा

भारतीय रेल के परिचालन में स्टेशन मास्टरों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए केन्द्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि उनकी सभी जायज मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। वे आज यहां तालकटोरा स्टेडिय में आल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन की 48वीं द्विवार्षिक आम सभा एवं संकल्प विराट महासम्मेलन का उदघाटन कर रहे थे। सम्मेलन में कोंकण रेलवे सहित रेलवे के सभी 16 जोन से करीब 4000 स्टेशन मास्टर भाग ले रहे हैं। सम्मेलन का संयोजन दिल्ली मंडल ने किया है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी, पैसेंजर सर्विस कमीशन के अध्यक्ष रमेश चन्द्र रतन, मुख्य परिचालन प्रबंधक श्री राजीव सक्सेना, चेयरमैन रेलवे कमेटी,  महासचिव एआईआरएफ शिवगोपाल मिश्रा, गुमान सिंह, एनएफआईआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रवर मण्डल परिचालन प्रबंधक दिल्ली आदि अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

श्री सिन्हा ने आल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसो सिएशन के साथ पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी सहित अनेक बडी हस्तियों के संबंधों का भी जिक्र किया। उन्होने कहा कि आज भारतीय रेल ने जो गौरव हासिल किया है उसमें स्टेशन मास्टरों के समर्पण और मेहनत की बडी भूमिका है। उन्होंने कहा कि हमारे स्टेशन मास्टर्स सेना के उन जवानों की भांति काम करते हैं जो हर विकट परिस्थति में भी सीमा पर डटे रहते हैं और देश पर किसी प्रकार की आंच नहीं आने देते। स्टेशन मास्टर हर परिस्थिति में यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे में ढांचागत विकास हेतु जो निवेश पिछले साढे चार साल में हुआ है वह पहले कभी नहीं हुआ। इसका प्रमुख कारण यह है कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी रेलवे को देश के विकास इंजन का प्रमुख अंग मानते हैं। हालाँकि उन्होंने स्वीकार किया कि जैसे-जैसे रेलवे का नेटवर्क बढ रहा है वैसे-वैसे चुनौतियां भी बढ रही हैं परन्तु उन सभी चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया जा रहा है। उन्होंने संरक्षा,  सुरक्षा और समयबद्धता की दृष्टि से स्टेशन मास्टरों के योगदान की प्रशंसा की।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने रेल परिचालन में स्टेशन मास्टर्स के महत्व को स्वीकर करते हुए कहा कि स्टेशन मास्टर्स के सभी रिक्त पदों एवं उनके लिए कार्य सुविधाओं के सम्बन्ध में विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहाँ कि रेल प्रशासन सभी वर्गों के कर्मचारियों की समस्यों के निवारण हेतू प्रयास कर रहा है.

प्रारंभ में ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव श्री चन्द्रशेखर चन्द्राते ने कहा कि उनके संगठन से जुडे सभी स्टेशन मास्टर अपने देश को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं और अन्य सभी बातें उसके बाद आती हैं। यही कारण है कि इस सम्मेलन का घ्येय वाक्य है आइ्ए देश को अपना बेहतरीन दें। उन्होंने ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन द्वारा मुम्बई, बंगलोर और कोलकाता में आयोजित तीन महासम्मेलनों का भी जिक्र किया जिनमें राष्ट सर्वप्रथम, सुरक्षा और विकास जैसे अलगअलग बिन्दुओं पर ध्यान केन्द्रित किया गया था। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन एक श्रमिक संगठन हैं परन्तु यह रचनात्मक आंदोलन में यकीन करता है। इस संदर्भ में उन्होंने पिछले दिनों स्टेशन मास्टरों द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में आयोजित की गयी भूख हडताल का जिक्र किया जिसमें स्टेशन मास्टरों ने भूखे रहकर अपनी डयूटी की और रेलवे को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होने दिया।

अपनी मांगों का जिक्र करते हुए श्री चन्द्राते ने कहा कि स्टेशन मास्टर कैडर में जीरो वेकेन्सी सुनिश्चित की जाए तथा भविष्य में भी इस कैडर में रिक्तियां न रहें इसकी योजना बनायी जाए। इसके अलावा एमएमसीपी के तहत स्टेशन मास्टरों को 5400 का ग्रेड पे (लेवल—9) दिया जाए। साथ ही 12 घंटे का डयूटी रोस्टर समाप्त किया जाए और स्टेशन मास्टर कैडर की पुन: संरचना कर 15प्रतिशत पद राजपत्रित किये जाएं। साथ ही बडे व सुविधाजनक स्टेशनों पर केन्द्रीयकृत आवास की सुविधा प्रदान की जाए। इसी प्रकार रक्षाकर्मियों की भांति रेलकर्मियों को भी एनपीएस के दायरे से बाहर किया जाए।

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