विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और दूरदर्शन ने मिलकर विज्ञान संचार से जुड़ी दो परियोजनाओं डीडी साइंस और इंडिया साइंस की शुरुआत की है। विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से शुरू की गआ इन दोनों परियोजनाओं का उद्घाटन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने किया है।
डीडी साइंस दूरदर्शन पर एक घंटे का स्लॉट है, जिस पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित कार्यक्रमों का प्रसारण सोमवार से शनिवार शाम 5 से 6 बजे तक किया जाएगा। वहीं, इंडिया साइंस इंटरनेट आधारित ओटीटी चैनल है, जिसे किसी भी इंटरनेट सक्षम डिवाइस पर देखा जा सकता है।
इस संबंध में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की स्वायत्त संस्था विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ नकुल पाराशर और दूरदर्शन की महानिदेशक सुप्रिया साहू ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। विज्ञान संचार से जुड़े ये दोनों चैनल विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की परिकल्पना और समर्थन पर आधारित हैं और इनका कार्यान्वयन विज्ञान प्रसार द्वारा किया जा रहा है।
इस मौके पर बोलते हुए डॉ हर्ष वर्धन ने कहा कि “देश की वैज्ञानिक उपलब्धियों और नवाचारों की लंबी सूची है, मगर अभी पूरी तरह से इनके बारे में लोगों को जानकारियां नहीं मिल पा रही हैं। देश में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में ये दोनों चैनल महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। भविष्य में डीडी साइंस को 24×7 टीवी चैनल में परिवर्तित किया जा सकता है।”
इन दोनों नये विज्ञान चैनलों पर विज्ञान वृत्तचित्र, स्टूडियो आधारित चर्चाएं, लघु फिल्में, वैज्ञानिक संस्थानों के वर्चुअल वॉकथ्रू और साक्षात्कार प्रसारित किए जाएंगे। दर्शकों के लिए ये कार्यक्रम निशुल्क उपलब्ध होंगे। 24 घंटे चलने वाले इंटरनेट आधारित इंडिया साइंस चैनल पर लाइव कार्यक्रमों के अलावा निर्धारित प्ले और वीडियो ऑन डिमांड सेवा भी उपलब्ध होगी।
सुप्रिया साहू ने बताया कि “दूरदर्शन की भूमिका हमेशा से देश के सामाजिक एवं सांस्कृतिक उत्थान से जुड़ी रही है और अब इसमें एक नया आयाम जुड़ गया है। इस पहल से विज्ञान संबंधी कार्यक्रमों के प्रसार में तेजी आएगी।”
इस मौके पर मौजूद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने कहा कि “दूरदर्शन की पहुंच देश के करीब तीन करोड़ परिवारों तक है और यह विज्ञान को लोकप्रिय बनाने का एक प्रभावी माध्यम बनने की क्षमता रखता है।”
प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पाती ने कहा कि “विज्ञान को समर्पित ये दोनों चैनल बच्चों में वैज्ञानिक सोच और किसी चीज के बारे में इन्क्वायरी की भावना को बढ़ावा देने में मददगार हो सकते हैं।”
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ आशुतोष शर्मा ने कहा कि “विज्ञान संचार विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के उद्देश्यों में प्रमुख रहा है। डीडी साइंस और ओटीटी प्लेटफॉर्म के शुरू होने से इस उद्देश्य को अधिक दृढ़ता के साथ पूरा करने में मदद मिल सकती है और इससे लोगों में वैज्ञानिक जागरूकता बढ़ेगी।”
विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ नकुल पाराशर ने इस मौके पर कहा कि “विज्ञान प्रसार की विशेषज्ञता वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित सामग्री विकसित करने में रही है और इसका संबंध वैज्ञानिकों से लेकर जनसामान्य से जुड़ा रहा है। ये दोनों नये मंच वैज्ञानिक जानकारी को जनसाधारण की भाषा में अधिक लोगों तक पहुंचाने में कारगर हो सकते हैं, जिससे भविष्य में अधिक से अधिक युवा विज्ञान से जुड़ सकते हैं।” (इंडिया साइंस वायर)