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सांस्कृतिक गौरवबोध का अह्सास  कराता अयोध्या दीपोत्सव  

सांस्कृतिक गौरवबोध का अह्सास  कराता अयोध्या दीपोत्सव  

योगी की प्राथमिकता में अयोध्या
– बृजनन्दन राजू

जन-जन के परमाराध्य मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या का दीपोत्सव हिन्दू समाज में सांस्कृतिक गौरव बोध कराने में सफल साबित हुआ है। अभूतपूर्व उत्साह, उमंग व हर्षोल्लास के बीच अयोध्या में राम की पैड़ी पर एक साथ जगमग  हो उठे 15 लाख से अधिक दीपो ने त्रेतायुग की यादें ताजा करा दी थी। लंका

 विजय करने के बाद श्रीरामचन्द्र जी के अयोध्या आगमन की खुशी में देशभर में दीपावली मनाई जाती है। त्रेतायुग में जब पुष्पक विमान से श्रीराम जी उतरे तो अयोध्या का रोम-रोम पुलकित हो उठा था।  ठीक वैसा ही उत्साह इस बार अयोध्या के दीपोत्सव पर देखने को मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु वशिष्ट की भूमिका में पुष्पक विमान  (हेलीकॉप्टर) से उतरने के बाद भगवान श्री राम का राज्याभिषेक किया।  

 गोस्वामी तुलसीदास जी ने राम चरित मानस में लिखा है कि ‘‘सुमन वृष्टि नभ संकुल भवन चले सुखकंद’’ यानि जब राम अपने महल को चले तब आकाश फूलों की वर्षा से छा गया। दीपोत्सव के अवसर पर अयोध्या की राम की पैड़ी पर आकाश में आतिशबाजी का दृश्य ऐसा लग रहा था मानो आकाश से देवगण पुष्पवर्षा कर रहे हों। दीपोत्सव पर दीपों से सजी अयोध्या का दृश्य अत्यंत मनोहारी लग रहा था। कलयुग के लोग जैसा कल्पना करते हैं त्रेता युग में वनवास से श्री राम के अयोध्या आगमन पर अयोध्यानगरी को जैसे भव्य तरीके से सजाया गया था ठीक वैसा ही दृश्य इस बार अयोध्या में देखने को मिला। 
अयोध्या के दीपोत्सव को अब राष्ट्रीय पहचान मिल चुकी है। अयोध्या में दीपोत्सव की शुरूआत के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अभिनंदन के पात्र हैं। अयोध्या मथुरा काशी का विकास योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में है । योगी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद राम की नगरी के धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व को समझते हुए हिन्दू समाज को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने के लिए दीपोत्सव का प्रारम्भ करवाया।
अयोध्या के दीपोत्सव से निकला प्रकाश भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व को आलोकित करेगा। हिन्दुओं की आकांक्षाओं के अनुरूप श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या पर भव्य राम मंदिर का निर्माण भी अबाध गति से चल ही रहा है। राम मंदिर निर्माण का पचास प्रतिशत काम पूरा भी हो चुका है। इस बार अयोध्या में राष्ट्रनायक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी दीपोत्सव की भव्यता और महत्ता को बढ़ाने का काम किया।
आजादी के बाद भी दशकों तक अयोध्या वीरान ही पड़ी रही।  पूर्व की सरकारों में अयोध्या की केवल उपेक्षा ही होती रही। अयोध्या के नाम पर केवल राजनीति होती थी काम नहीं। अयोध्या पहुंचकर रामलला का दर्शन करने  वाले नरेन्द्र  मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं। इंदिरा गांधी राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेई अयोध्या गए भी तो उन्होंने रामलला का दर्शन करने से परहेज किया। अटल बिहारी वाजपेई प्रधानमंत्री रहते हुए सरयू पर बने रेल पुल का उद्घाटन करने अयोध्या गये भी तो अयोध्या के बाहर- बाहर उद्घाटन स्थल से वह सीधे फैजाबाद आ गए। इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए अयोध्या गई थी और वह भी हनुमानगढ़ी मंदिर का दर्शन करने के बाद वापस आ गई थी। सोनिया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सरकार ने तो रामसेतु के मुद्दे पर कोर्ट में हलफनामा दायर कर राम के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया था। राम को नकारने वाली कांग्रेस आज अपने अस्तित्व को लेकर संकट में है।
अयोध्या मथुरा काशी का विकास योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में है। उत्तर प्रदेश में जब से मुख्यमंत्री के रूप में योगी विराजमान हुए तब से अयोध्या के दिन बहुरने शुरू हुए। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने सबसे अधिक दौरा अयोध्या का किया है।
योगी के नेतृत्व में दीपोत्सव के साथ शुरू हुआ अयोध्या को सजाने संवारने का काम जारी है। अयोध्या के पुराने मंदिरों व कुण्डों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एअरपोर्ट का निर्माण चल रहा है। रेलवे स्टेशन को आधुनिकतम स्वरूप दिया जा रहा है। दीपोत्सव के नाते अयोध्या की देश-दुनियां में जबर्दस्त ब्रांडिंग हुई। हर साल दीप प्रज्वलन का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना। दीपोत्सव की वजह से अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। अब हर कोई दीपोत्सव का साक्षी बनने की चाहत रखता है। इस वर्ष अयोध्या में 15 लाख से अधिक दीप जलाये गये।
 प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे सांस्कृतिक उत्थान के कार्यों के लिए योगी आदित्यनाथ की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। वह सामाजिक समरसता के लिए समर्पित गोरक्ष गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर भी हैं। योगी भी हैं। योगी के जीवन में निशा नहीं होती, लोक कल्याण के लिए वह समर्पित होता है। राम जैसा बन पाना तो कठिन है लेकिन उनके आदर्शों पर तो चला ही जा सकता है। महात्मा गांधी ने भी आदर्श रामराज की परिकल्पना की थी।

 राम के आदर्शों पर चलकर योगी आदित्यनाथ सुराज्य व सुशासन के बल पर रामराज्य की परिकल्पना को साकार करने का काम कर रहे हैं।
जिस प्रकार भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के सांस्कृतिक उत्थान में लगे हैं उसी प्रकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ भी अयोध्या मथुरा काशी की सांस्कृतिक महत्ता को गौरव प्रदान करने का काम कर रहे हैं।
आध्यात्मिकता भारत की विशेषता है।  मठ मंदिर हमारे शक्ति स्थल हैं। योगी हिन्दू समाज की परम्परा व आस्था को और मजबूती प्रदान कर रहे हैं। सप्तपुरियों में वर्णित अयोध्या का वैभव सदा ही वैभवशाली रहा है। मुगल काल में भारत की सांस्कृतिक अस्मिता को नष्ट करने का प्रयास किया गया। मुस्लिम आक्रान्ताओं ने अयोध्या मथुरा काशी के मंदिरों को विध्वंस कर अपने स्मारक खड़े किये। कई शताब्दियों से अयोध्या अपने पुरातन वैभव प्राप्त करने का इंतजार कर रही थी। कोई भी स्वाभिमान राष्ट्र गुलामी के  प्रतीकों को सहन नहीं करता। मोदी योगी गुलामी के प्रतीक चिन्हों को हटाने के अभियान में लगे हैं।
अयोध्या मथुरा कांशी भारत की सांस्कृतिक व आध्यात्मिक पहचान के प्रतीक हैं। इन स्थानों के सांस्कृतिक गौरव की पुनः प्रतिष्ठा कराने में योगी अनवरत लगे हैं। मोदी योगी राजधर्म का पालन करते हुए अयोध्या के सांस्कृतिक गौरव को बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
मोदी और योगी के रूप में देश व प्रदेश को नेतृत्व मिला है। यह हिन्दू समाज  के लिए परम सौभाग्य की बात है। योगी मोदी अध्यात्म के लिए समर्पित पुरूष है।  मोदी योगी सरकार हिन्दुओं की जनभावनाओं एवं आकांक्षाओं को पूर्ण करने में सफल सिद्ध हो रही है।

कोटि-कोटि हिन्दुओं के आस्था के केन्द्र राम के धाम अयोध्या का दीपोत्सव इस बात का साक्षी है कि योगी राष्ट्र के गौरव एवं हिन्दुत्व की पुनःप्रतिष्ठा के मार्ग पर चल पड़े हैं। योगी सरकार अयोध्या मथुरा काशी समेत प्रदेश के धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों का पुनरुद्धार का कार्य प्राथमिकता से करा रही है।

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