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अधिक कुशल और जलवायु के अनुकूल एयर कंडीशनर बनाने की नई पहल 

अधिक कुशल और जलवायु के अनुकूल एयर कंडीशनर बनाने की नई पहल 

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आवासीय भवनों के लिए अधिक कुशल और जलवायु के अनुकूल कूलिंग समाधान विकसित करने के लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों के इनोवेटर्स की आठ टीमों को एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चुना गया है।  प्रतियोगिता का आयोजन भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, अमेरिका के रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट और 24 देशों एवं यूरोपीय संघ की एक अंतरराष्ट्रीय पहल ‘मिशन इनोवेशन’ के तहत किया जा रहा है। इसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अनुसंधान को तेज करना है।  प्रतियोगिता में 95 देशों से कुल 2,100 पंजीकरण प्राप्त हुए थे, जिनमें से 445 टीमों ने प्रारंभिक आइडिया प्रस्तुत किए थे। उनमें से, 31 देशों की 139 टीमों ने विस्तृत तकनीकी प्रस्तावों का पालन किया और अंततः आठ टीमों को प्रतियोगिता के अंतिम दौर में जाने के लिए चुना गया। चयनित टीमें अपने प्रस्तावों के आधार पर प्रोटोटाइप विकसित करेंगी, जिनका परीक्षण अग...
Book on “Why world can not protect climate without checking population growth?”

Book on “Why world can not protect climate without checking population growth?”

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Nandini Consultancy Centre is a firm of chemical engineers and chemical business consultants based at Chennai and Singapore. Please visit www.nandinichemical.com for more details about our activities. We have released a well researched book on "Why world can not protect climate without checking population growth?" The book is available in soft copy. Synopsis of the book is given below: Global Climate Conference  was organized in Paris in 2015, when various measures  to protect climate were discussed and some steps were initiated with specific target and time frame. However, decisions taken during the Paris Climate Conference are not being implemented at the desired pace, due to the conflict of interests between different countries, particularly about the production and use l...
वामपंथी विषैले इतिहासकारों की ठगी के 10 सबूत

वामपंथी विषैले इतिहासकारों की ठगी के 10 सबूत

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1. वामपंथी इतिहासकार और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफ़ेसर धनेश्वर मंडल ने कोर्ट के आगे ये कबूला कि बाबरी ढांचे की जगह खुदाई का वर्णन करती उनकी पुस्तक दरअसल उन्होंने बिना अयोध्या गए ही लिख दी थी। 2.वामपंथी इतिहासकार सुशील श्रीवास्तव ने जज के आगे कबूला कि प्रमाण के तौर पर पेश की गई उनकी किताब में संदर्भ के तौर पर दिए पुस्तकों का उल्लेख उन्होंने बिना पढ़े ही कर दिया है। 3.जेएनयू की इतिहास प्रोफ़ेसर सुप्रिया वर्मा ने ये माना कि उन्होंने खुदाई से जुड़ी रेडार सर्वे की रिपोर्ट को पढ़े बगैर ही रिपोर्ट के गलत होने की गवाही दे दी थी। 4.अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की प्रोफ़ेसर जया मेनन ने ये स्वीकारा कि वो तो खुदाई स्थल पर गई ही नहीं थीं,लेकिन ये गवाही दे दी कि मंदिर के खंभे बाद में वहां रखे गए थे। 5. एक्सपर्ट के तौर पर उपस्थित वामपंथी सुवीरा जायसवाल जब क्रॉस एग्जामिनेशन में पकड...
श्रीराम मन्दिर आंदोलन के प्रणेता याद आते हैं

श्रीराम मन्दिर आंदोलन के प्रणेता याद आते हैं

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आज हम हिन्दुओं के सदियों पुराने ज़ख्मों पर मरहम लगा है । इस ऐतिहासिक अवसर पर उन हज़ारों सन्तों व  भक्तों को हमारी भावभीनी श्र्द्धांजली जिन्होंने पिछली सदियों में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि की मुक्ति के लिए संघर्ष करते हुए अपने प्राणों का बलिदान किया। उल्लास के इस इस अवसर पर राम जन्मभूमि मुक्ति के लिए इस वर्तमान आंदोलन को शुरू करने में तीन प्रमुख हस्तियों के योगदान को विशेष रूप से याद करना आवश्यक है । इस क़तार में सबसे आगे खड़े हैं ; स्वर्गीय श्री दाऊ दयाल खन्ना जी, जो मुरादाबाद से लम्बे समय तक विधायक और श्री चन्द्रभान गुप्ता की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे। उन्होंने सबसे पहले 1983 में एक विस्तृत तार्किक आलेख तय्यार करके तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती गांधी को प्रस्तुत किया। जिसमें अयोध्या, काशी और मथुरा को अवैध रूप से बनी मस्जिदों से मुक्त करके भव्य मंदिर बनाने को  हिंदू समाज को सौंपे जाने...
और देश जीत गया

और देश जीत गया

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 दोस्तों , आज का दिन ऐतिहासिक है। नौ नवम्बर का दिन भारत ही नहीं दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। नौ नवम्बर १९८९  आज ही के दिन बर्लिन की दीवार  टूटी   थी और ४५ साल बाद दो दिल मिल गये।  भारत पाक बॅटवारे के बाद गुरु नानक देव जी  का बोधि स्थल जो सिख समाज के लिए तीर्थ है पाकिस्तान में होने के कारण अपने गुरु स्थान पर जाने से वंचित था।  आज करतारपुर कॉरिडोर खुलने से दर्शन के लिए तीर्थ स्थल जाने का मार्ग भी खुल गया है। गुरु नानक देव जी के ५५० वर्ष पूरे होने पर आज ही के दिन पूरी दुनिया के सिख समाज और हिन्दू समाज को आज ही के दिन यह अनमोल तोहफा मिला है। आज का दिन भारत के इतिहास का सबसे सुखद दिन  है जब ५०० वर्षो से हिन्दू समाज के लिए कलंक की तरह बाबरी मस्जिद विवाद का सुप्रीम कोर्ट के पांच माननीय जजों की संवैधानिक पीठ ने तमाम तरह के शक सुबहे और आशंकाओं को ख़तम करते हुए ऐसा न्याय किया जो समाज के स...
Ram Gets Justice in His Land

Ram Gets Justice in His Land

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At long last in the land of Ram a Ram Temple will be built where he was born. Supreme Court of India has on the basis of evidence has said that Babri Masjid was built at the place which was birth place of Lord Ram. This judgment of the Supreme Court is significant since it was delivered unanimously by the 5 –Judge Constitution Bench which also included Justice S Abdul Nazeer who belongs to Muslim community. All Judges admitted that it was the place of birth of Ram. That the place was the birth place of Ram was based on research oriented excavation of the site by the Archeological Survey of India. The ASI had discovered that there was a Ram Temple at the site where Mir Baqi, a Minister of Mughal Emperor Babar built Babri Masjid in 1528. This helped the Supreme Court in deciding the case. T...
नानक देव के नाम पर पाकिस्तान न कर दे कोई खेल

नानक देव के नाम पर पाकिस्तान न कर दे कोई खेल

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निश्चित रूप से यह खुशनुमा अहसास है कि गुरु नानकदेव जी के जन्मोत्सव पर पाकिस्तान स्थित दरबार साहिब में अब सालभर भारत से श्रद्धालु जा सकेंगे।भारतीय सीमा से महज चार किलोमीटर दूर इस पवित्र स्थली पर सरहदी बंदिशें फिलहाल हट गयी हैं। भारत सरकार ने तनावपूर्ण माहौल के बीच अपनी ओर सेकिसी तरह की हीलाहवाली भी नहीं की। पाकिस्तान पहले से ही दावा करता रहा है कि उसने अतिरिक्त बजट रखकर गलियारे के काम को तय समय पर पूराकिया है। हालांकि यह बात किसी से नहीं छिपी है कि अतीत में पाकिस्तान ने खालिस्तान का खुलकर समर्थन किया है। उसने इसकी आड़ में आतंकवाद कोप्रश्रय दिया है। पाकिस्तान से हमें सतर्क रहने की जरूरत है। करतारपुर गलियारे को लेकर जहां उत्साह का माहौल है, वहीं सीमापार से बार-बार विवादों का उठनाभी बेहद चिंताजनक है। इस गलियारे की परियोजना की घोषणा के बाद से ही कभी बयानों के जरिये तो कभी फैसलों से पाकिस्तान वि...
विधानसभा चुनाव-2019  महाराष्ट्र में अधूरे ठाठ, हरियाणा में खड़ी हुई खाट

विधानसभा चुनाव-2019 महाराष्ट्र में अधूरे ठाठ, हरियाणा में खड़ी हुई खाट

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  अब भारत का राजनीतिक परिदृश्य एकदम से बदल गया है। यूं तो देश में राष्ट्रवाद की हवा चल रही है और 370 हटने के बाद से यह हवा अब आंधी में बदल चुकी है किन्तु राज्यों की राजनीति के संदर्भ में स्थानीय मुद्दे एवं राज्य सरकार की परफॉर्मेंस भी जनता के ज़ेहन में होते हैं। अब जनता राष्ट्रवाद तो चाहती है किन्तु स्थानीय सरकार से परिणाम भी चाहती है। महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव परिणाम इसकी पुष्टि भी कर देते हैं। महाराष्ट्र और हरियाणा में भाजपा और सहयोगी उतना अच्छा परिणाम नहीं दे पाये जितना उनसे शीर्ष नेतृत्व अपेक्षा रख रहा था। इसके साथ ही चुनावी राजनीति में एक विषय यह भी है कि कब, किस समय क्या निर्णय लेना है ? दोनों राज्यों में चुनाव के पहले सेना द्वारा पीओके में घुसकर आतंकी कैंपों पर हमला करना और सभी मीडिया संस्थानों द्वारा उसका महिमा मंडन करना केंद्र सरकार की चुनावी रणनीति को बताता है। उत्तर...
जनता के संकेतों को समझे खेमे में बंटी कांग्रेस

जनता के संकेतों को समझे खेमे में बंटी कांग्रेस

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महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। दोनों ही राज्यों में बेशक भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगियों के साथ सरकार बना रही है। कभी ये दोनों ही राज्य कांग्रेस के गढ़ रहे हैं। उस गढ़ में कभी-कभी समाजवादी विचारधारा वाले दल सेंध लगाते रहे हैं। लेकिन दोनों ही राज्यों में जिस तरह कांग्रेस ने चुनाव अभियान चलाया है, उससे लगता नहीं कि देश की इस सबसे पुरानी पार्टी ने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को कोई टक्कर देने की कोशिश भी की। पूरे चुनाव अभियान के दौरान लगा भी नहीं कि कांग्रेस पार्टी ने कोई चुनावी अभियान भी चलाया। यह उस पार्टी का प्रदर्शन है, जिसने फकत एक साल पहले ही मौजूदा भारतीय राजनीति में अजेय समझी जाने वाली भारतीय जनता पार्टी से तीन महत्वपूर्ण राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान को छीन लिया था। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तो लगातार तीन कार्यकाल से भारतीय जनता पार्टी ...
अयोध्या मामला : षड्यंत्रकारी वामपंथी-कांग्रेसी इतिहासकारों का अवसान काल

अयोध्या मामला : षड्यंत्रकारी वामपंथी-कांग्रेसी इतिहासकारों का अवसान काल

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  देश के सबसे पुराने और विवादास्पद बना दिए गए अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली है और अब फैसले का इंतजार है। सुनवाई के दौरान जहां हिंदू पक्ष ठोस सबूतों और कानूनों के आधार पर जिरह कर रहा था, वहीं सबूतों के अभाव में मुस्लिम (गैर शिया) पक्ष कोरी नाटकबाजी और लफ्फाजी में लगा रहा। मुस्लिम पक्ष आखिरी क्षण तक मामले को टालने और भटकाने का प्रयास करता रहा, लेकिन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने जैसे ठान लिया था कि वो अब इस मामले को हल करके ही रहेंगे। वो 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। आशा है कि इससे पूर्व ही वो अपना निर्णय सुना देंगे। सुनवाई के अंतिम दिन जब हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने किशोर कुणाल की किताब 'अयोध्या रीविसीटेड’ और उसमें दिए गए राम जन्म भूमि के नक्शे अदालत के सामने रखने चाहे तो मुस्लिम पक्ष के वकील और कांग्रेस के बेहद करीबी राजीव धवन ने उन्हें फाड़ दि...