अब तो भ्रष्टाचार से निजात मिले
आखिरकार पूर्व केंद्रीय गृह एवं वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को सीबीआइ की गिरफ्त में जाना ही पड़ा। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि न तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली और न ही सीबीआइ की विशेष अदालत से। सीबीआई ने मीडिया कंपनी आईएनएक्स मीडिया के खिलाफ 15 मई, 2017 को एक एफआईआर दर्ज की थी। आरोप है कि इस मीडिया ग्रुप को 305 करोड़ रुपये का विदेशी फंड दिलाने के लिए फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी प्रक्रिया में अनियमितताएं बरती गईं। साल 2007 में जब कंपनी को निवेश की स्वीकृति दी गई थी तब चिदंबरम वित्त मंत्री हुआ करते थे। अब उनकी गिरफ्तारी भ्रष्टाचार समाप्त करने की दिशा में उठाया गया मील का पत्थर साबित होना ही चाहिए। क्योंकि जब-जब इस तरह के मामले सामने आये है तब-तब यह महज आम जनता को भ्रम में डालने की कलाकारी बने हैं। ऐसी गिरफ्तारी अनैतिक एवं भ्रष्ट व्यवस्था एवं राजनीति में सेंध तो दूर की बात...