
हम जंग न होने देंगे, विश्व शांति के हम साधक हैं, जंग न होने देंगे
16 अगस्त - विश्वात्मा अटल जी की पुण्य तिथि पर शत्-शत् नमन!
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूं? - विश्वात्मा अटल जी
‘विश्व शांति के हम साधक हैं जंग न होने देंगे, युद्धविहीन विश्व का सपना भंग न होने देंगे। हम जंग न होने देंगे..’ इस युगानुकूल गीत द्वारा महान युग तथा भविष्य दृष्टा कवि अटल जी ने सारी मानव जाति को सन्देश दिया था कि विश्व को युद्धों से नहीं वरन् विश्व शांति के विचारों से चलाने में ही मानवता की भलाई है। इस विश्वात्मा के लिए हृदय से बरबस यह वाक्य निकलता है - जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि। विश्व शान्ति के महान विचार के अनुरूप अपना सारा जीवन विश्व मानवता के कल्याण के लिए समर्पित करने वाले वह अत्यन्त ही सरल, विनोदप्रिय एवं मिलनसार व्यक्ति थे। सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी एक कुशल राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक अच...