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कश्मीर अभी इम्तिहान आगे और भी है।

कश्मीर अभी इम्तिहान आगे और भी है।

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कश्मीर में "कुछ बड़ा होने वाला है" के सस्पेंस से आखिर पर्दा उठ ही गया। राष्ट्रपति के एक हस्ताक्षर ने उस ऐतिहासिक भूल को सुधार दिया जिसके बहाने पाक सालों से वहां आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में सफल होता रहा  लेकिन यह समझ से परे है कि कश्मीर के राजनैतिक दलों के महबूबा मुफ्ती फ़ारूख़ अब्दुल्ला सरीखे नेता और कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष जो कल तक यह कहता था कि कश्मीर समस्या का हल सैन्य कार्यवाही नहीं है बल्कि राजनैतिक है, वो मोदी सरकार के इस राजनीतक हल को क्यों पचा पा रहे हैं। शायद इसलिए कि मोदी सरकार के इस कदम से कश्मीर में अब इनकी राजनीति की कोई गुंजाइश नहीं बची है। लेकिन क्या यह सब इतना आसान था ? घरेलू मोर्चे पर भले ही मोदी सरकार ने इसके संवैधानिक कानूनी राजनैतिक आंतरिक सुरक्षा और विपक्ष समेत लागभग हर पक्ष को साधकर अपनी कूटनीतिक सफलता का परिचय दिया है लेकिन अभी इम्तिहान आगे और भी है। क्य...
वेतन विधेयक, 2019 लोकसभा में पारित

वेतन विधेयक, 2019 लोकसभा में पारित

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लोकसभा में आज वेतन विधेयक, 2019 पारित हो गया। विधेयक पर विचार करने और पारित करने के लिए चर्चा की शुरुआत करते हुए केन्‍द्रीय श्रम और रोजगार राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक विधेयक है, जिसका उद्देश्य पुराने और अप्रचलित श्रम कानूनों को विश्वसनीय और भरोसेमंद कानूनों में तब्दील करना है, जो वक्त की जरूरत है। इस समय 17 मौजूदा श्रम कानून 50 से ज्यादा वर्ष पुराने हैं और इनमें से कुछ तो स्वतंत्रता से पहले के दौर के हैं। वेतन विधेयक में शामिल किए गए चार अधिनियमों में से वेतन भुगतान अधिनियम, 1936 तो स्वतंत्रता से पहले का है और न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 भी 71 साल पुराना है। इसके अलावा बोनस भुगतान विधेयक, 2965 और समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976 भी इसमें शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में ट्रेड यूनियनों, नियोक्ताओं और राज्य सरकारों के...
Floods and Drought

Floods and Drought

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Talking of drought when some parts of the country are reeling under the fury of floods may look awkward. But it is a reality at the moment. Visuals of flood fury in Assam, North Bihar, parts of Karnataka and Kerala are disturbing. More than 200 people (according to official estimate) have lost their life in floods. North Bihar is facing its worst flood situation in the districts. On the other side, there are reports of deficient rains in large parts of the country. In some areas it is drought like situation. A family in Buxar district of Bihar doing farming laments that there is little rain. We are trying to keep paddy saplings green by pumping water in the field and waiting anxiously for rains. But there are hundreds of thousands of marginal farmers who don’t have motor pumps to draw wat...
ये रिसते जख्म

ये रिसते जख्म

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भारत एक नए मोड़ पर खड़ा है। पुन: पूर्ण बहुमत से चुनी गई मोदी सरकार की पहल से देश की संसद बहुत सक्रिय है और तेजी से नए कानून बना रही है ताकि जिन भी मामलों में हम पीछे रह गए हैं उनमें समय के साथ कदमताल मिला लें। प्रगति के अनेकों कीर्तिमानों के बीच अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-2 सफलता पूर्वक अपनी यात्रा पर निकल गया है तो एथलेटिक्स में पिछले कुछ दिनों में 6 अंतरराष्ट्रीय पदक जीत 19 वर्षीय हिमा दास ने देश का सीना चौड़ा कर दिया है। मगर इन सब उपलब्धियों के बीच भी कुछ काले धब्बे से रिसते जख्म हर भारतवासी को उद्वेलित कर रहे हैं। देश में लोकतांत्रिक मूल्यों का ह्रास विशेषकर राज्यों में बढ़ते दलबदल के कारण चिंताजनक है ही, वहीं भ्रष्टाचार का जहर अभी भी राष्ट्र की प्रगति में बाधा बना हुआ है। मगर इससे भी बड़ी चिंता देश में पैदा किए जा रहे साम्प्रदायिक तनाव की है जो बहुसंख्यकवाद बनाम अल्पसंख्यकवाद के वर्चस्व क...
‘मानव तस्करी’ ने अपना तीसरे कुख्यात व्यापार के रूप में स्थान बना लिया है!

‘मानव तस्करी’ ने अपना तीसरे कुख्यात व्यापार के रूप में स्थान बना लिया है!

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मानव तस्करी के विरूद्ध जागरूकता और पीड़ित व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की घोषणा के अनुसार प्रतिवर्ष विश्व भर में 30 जुलाई को मानव तस्करी के विरूद्ध विश्व दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य पीड़ितों की समस्याओं व संभावित समाधानों पर रोशनी डालना है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार विश्व भर में लगभग 21 मिलियन लोग बंधुआ मजदूरी के शिकार हैं। इस अनुमान में श्रम व यौन शोषण के लिए तस्करी किये गए लोग भी शामिल हैं। मानव तस्करी से सभी देश किसी न किसी तरह जुड़े हुए हैं। यू.एन. कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार मानव तस्करी के लगभग एक तिहाई शिकार बच्चे ही हैं, जबकि 71 प्रतिशत मानव तस्करी की शिकार महिलाएँ व लड़कियाँ हैं। मानव जाति के विनाशक पहला ‘ड्रग्स’ तथा दूसरा ‘हथियार’ के दुनिया के सबसे बडे़ कुख्यात दो व्यापारों के बाद ‘मानव तस्करी’ के कुख्यात व्यापार के र...
ट्रिपल तलक  आस्था नही, अधिकारों की लड़ाई है ।

ट्रिपल तलक आस्था नही, अधिकारों की लड़ाई है ।

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ट्रिपल तलाक पर रोक लगाने का बिल लोकसभा से तीसरी बार पारित होने के बाद  एक बार फिर चर्चा में है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में ही इसे असंवैधानिक करार दे दिया था लेकिन इसे एक कानून का रूप लेने के लिए अभी और कितना इंतज़ार करना होगा यह तो समय ही बताएगा। क्योंकि बीजेपी सरकार भले ही अकेले अपने दम पर  इस बिल को लोकसभा में  82 के मुकाबले 303 वोटों से पास कराने में आसानी से सफल हो गई हो लेकिन इस बिल के प्रति विपक्षी दलों के रवैये को देखते हुए इसे राज्यसभा से  पास कराना ही उसके लिए असली चुनौती है। यह वाकई में समझ से परे है कि कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष अपनी गलतियों से कुछ भी सीखने को तैयार क्यों नहीं है। अपनी वोटबैंक की राजनीति की एकतरफा सोच में  विपक्षी दल इतने अंधे हो गए हैं कि  यह भी नहीं देख पा रहे कि उनके इस रवैये से उनका दोहरा आचरण ही देश के सामने आ रहा है। क्योंकि जो विपक्षी दल राम मंदिर औ...
कर्नाटक में गिरती सरकारों का इतिहास

कर्नाटक में गिरती सरकारों का इतिहास

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चार दशक पहले भारत में आयाराम-गयाराम का खेल शुरू हुआ था। जब हरियाणा में रातो-रात सरकार गिराकर विपक्ष ने इसी तरह सरकार बना ली थी। तब से आज तक देशभर में सैकडों बार विधायकों की खरीद-फरोख्त करके हर सत्तारूढ़ केंद्रीय दल ने प्रांतों की उन सरकरों को गिराया है, जहां उनके विरोधी दल की सरकारें थीं। इसमें कोई दल अपवाद नहीं है। फिलहाल बैंगलूरू में जो हुआ, उसका भी एक लंबा इतिहास है। जिस समय रामकृष्णन हेगड़े ने कर्नाटक में पहली गैर-कांग्रेसी सरकार का नेतृत्व किया था, उस समय उनके शासन की समस्त देशवासियों ने प्रशंसा की थी। श्री हेगड़े एक सुलझे हुए, काबिल और सद्व्यवहार वाले नेता थे। उन्हीं की कैबिनेट के एक मंत्री थे एच डी देवगौड़ा। जिन्होंने अपने ऐजेंडे को पूरा करने के लिए, विधायकों की एक समूह के साथ विद्रोह कर दिया और हेगड़े सरकार को गिराने में मुख्य भूम...
भारतीय शोधकर्ताओं ने विकसित किया जहरीले रसायनों का डेटाबेस

भारतीय शोधकर्ताओं ने विकसित किया जहरीले रसायनों का डेटाबेस

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पर्यावरण या फिर दैनिक जीवन से जुड़े उत्पादों के जरिये हर दिन हमारा संपर्क ऐसे रसायनों से होता है, जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। इस तरह के रसायन उपभोक्ता उत्पादों से लेकर कीटनाशकों, सौंदर्य प्रसाधनों, दवाओं, बिजली की फिटिंग से जुड़े सामान, प्लास्टिक उत्पादों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों समेत विभिन्न चीजों में पाए जाते हैं।  भारतीय शोधकर्ताओं ने ऐसे रसायन का एक विस्तृत डेटाबेस तैयार किया है, जो मानव शरीर में हार्मोन की कार्यप्रणाली को प्रभावित करते हैं, जिससे शारीरिक विकास, चयापचय, प्रजनन, प्रतिरक्षा और व्यवहार पर विपरीत असर पड़ सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ऐसे रसायनों को स्वास्थ्य से जुड़ा प्रमुख उभरता खतरा बताया है। इस खतरे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हार्मोन्स के तंत्र को प्रभावित करने वाले ये रसायन पर्यावरण में मौजूद जहरीले रसायनों का सिर्फ एक उप-समूह है।...
“महामहिम जी की गंगा”

“महामहिम जी की गंगा”

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महामहिम जी ने संसद में अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार ने 2022 तक गंगा को अविरल और निर्मल बनाने का लक्ष्य रखा है। गंगा के साथ ही सरकार यमुना, नर्मदा, कावेरी और गोदावरी सहित अन्य नदियों अरबी सरकार इसी तर्ज पर काम करेगी।  इस बात ने हमें देश की इन नदियों के भविष्य के लिए चिंता में डाल दिया है। गंगा से जुड़े पर तमाम मुद्दों पर लंबे आंदोलनों, सरकारी आश्वासनों, स्थानीय अदालतों से लेकर उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय तक और साथ में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों की कतार हमारे सामने हैं।   फिर भी गंगा अपने उद्गम से लेकर गंगासागर में मिलने तक हैरान और परेशान है। गंगा अपनी दोनों मुख्य धाराओं के उद्गम के पास ही बांध परियोजनाओं में बांध दी गईं है। अलकनंदा गंगा को विष्णुप्रयाग बांध और भागीरथी गंगा को मनेरी भाली से लेकर बड़े विशालकाय टिहरी बांध ने बांध रखा है। गंगा व उसकी सहायक नदियां लगभ...
No Tears for fall of Karnataka Govt.

No Tears for fall of Karnataka Govt.

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Many tears will not be shed over fall of the Karnataka Government headed by H D Kumarswamy. Right from the beginning the coalition arrangement between the JD (S) and the Congress was on shaky ground. Congress which had 65 seats in the House of 225 supported Kumarswamy whose Party the JD (S) had won only 34 seats. The coalition managed to form government with the support of some independents and the lone member of the BSP. The move was to stop BJP from forming government which had won 105, the single largest Party in the state assembly. The natural course of action on part of the Opposition parties in Karnataka should have been to let Congress head the government. But overambitious Kumarswamy supported by his father H D Devegowda bargained with Congress to claim chief minister’s chair. If ...