Shadow

Today News

राष्ट्रवाद का विजय रथ

राष्ट्रवाद का विजय रथ

addtop, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय
17 वीं लोकसभा के चुनावी निर्णयों से यह स्पष्ट है कि मोदी जी के नेतृत्व में NDA की यह भारी विजय स्वस्थ राष्ट्रवाद की जीत है। सामान्यतः भारतीय जन मानस सहिष्णु व उदार होने के कारण प्रायः हिंसक नही होता। उसको प्रेम, दया व क्षमा में धर्म के दर्शन होते है। अतः श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में 5 वर्ष के अल्पकाल में सम्पूर्ण राष्ट्र में शांति का जो वातावरण बना उससे राष्ट्रवादी समाज अवश्य प्रभावित हुआ। कश्मीर,बंगाल व केरल आदि के कुछ मुस्लिम बहुल क्षेत्रो को छोड़ कर इस्लामिक जिहाद से सामान्यतः देशवासियों को पूर्व की तुलना में स्थिति कुछ संतोषजनक रही। लेकिन सीमाओं पर शत्रु देश पाकिस्तान युद्धविराम का उल्लंघन करके सुरक्षा बलों को ललकारता रहा और आतंकवादियों द्वारा बम विस्फोट करवाने में लिप्त रहा। इस पर शासन-प्रशासन का आक्रोशित होना स्वाभाविक था। अंततोगत्वा मोदी सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया।...
बीजेपी ने विरोधियों को किया पस्त, प्रचंड बहुमत से बनने जा रही है सरकार

बीजेपी ने विरोधियों को किया पस्त, प्रचंड बहुमत से बनने जा रही है सरकार

addtop, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
आएगा तो मोदी ही और मोदी आ ही गया। मोदी का चेहरा, नीतियों के चरित्र और शाह की चाल से बीजेपी ने 2014 की लहर को 2019 में सुनामी में तब्दील कर दिया जिसकी वजह से बीजेपी अपने दम पर 300 के करिश्माई आंकड़ा को पार कर गयी। यह एक ऐतिहासिक जीत है जिसमें मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने बीजेपी को फिर से शिखर पर पहुंचा दिया। यह जीत चुनावी प्रबंधन की कुशलता की जीत है जिसने बेहतरीन तरीके से अभेद चक्रव्यूह को तोड़कर अभूतपूर्व विजय प्राप्त की है। किसी को एहसास नहीं था कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार को दुबारा सत्ता का स्वाद इतने बड़े अंतर से चखने को मिल जाएगा। यह कोई आसान काम नहीं था। नरेंद्र मोदी और अमित शाह ही नहीं बल्कि बीजेपी ने पूरी पार्टी को पूर्ण रूप से लोकसभा चुनाव 2019 के लिए झोंक दिया था। और इन सबके मेहनत का ही परिणाम है कि एनडीए ने असंभव को संभव कर दिया।   ऐसा नहीं है कि मोदी ने 2014 म...
क्या ममता हार मान चुकी है?

क्या ममता हार मान चुकी है?

addtop, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
आज़ाद भारत के इतिहास में शायद पहली बार चुनावी हिंसा के कारण देश के एक राज्य में चुनाव प्रचार को 20 घंटे पहले ही समाप्त करने का आदेश चुनाव आयोग ने लिया है। बंगाल में चुनावों के दौरान होने वाली हिंसा के इतिहास को ध्यान में रखते हुए ही शायद चुनाव आयोग ने बंगाल में सात चरणों में चुनाव करवाने का निर्णय लिया था लेकिन यह वाकई में खेद का विषय है कि अब तक जो छः चरणों में चुनाव हुए हैं उनमें से एक भी बिना रक्तपात के नहीं हो पाया। यह चुनावी हिंसा बंगाल में कानून व्यवस्था और लोकतंत्र की स्थिति बताने के लिए काफी है। लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि ममता अपने राज्य में होने वाले उपद्रव के लिए अपने प्रशासन को नहीं मोदी को जिम्मेदार ठहरा रही हैं।  वैसे तो ममता बनर्जी ने अपने इरादे इसी साल के आरंभ में ही जता दिए थे जब उन्होंने मोदी के विरोध में कलकत्ता में 22 विपक्षी दलों की एक रैली आयोजित की थी। इस रैली में उ...
कोई रोके बंगाल को लहुलूहान होने से

कोई रोके बंगाल को लहुलूहान होने से

addtop, Today News, विश्लेषण
प्रख्यात कार्टुनिस्ट सुधीर धर को एक बार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मिल गईं थी। कहने लगीं कि आजकल आप हमें अपनी कार्टूनों में जगह नहीं दे रहे। इसके विपरीत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी की मॉर्फ्ड फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाली भाजपा यूथ विंग की कार्यकर्ता प्रियंका शर्मा से तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) की नेता इतनी खफा हो गई कि उन्होंने पुलिस में प्रियंका शर्मा के खिलाफ रिपोर्ट तक दर्ज करा दी। प्राथमिक जांच के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने प्रियंका को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भी भिजवा दिया था। बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई । जाहिर है कि टीएमसी के नेताओं ने प्रियंका के खिलाफ ममता बैनर्जी से बिना पूछे पुलिस में केस तो दर्ज नहीं ही करवाई होगी। क्या ममता बैनर्जी जैसी वरिष्ठ नेता को शोभा देता है कि वह भाजपा की एक मामूली सी कार्यकर्ता के ...
काश ‘टाइम’ ने की होती तथ्यों की परख- पड़ताल

काश ‘टाइम’ ने की होती तथ्यों की परख- पड़ताल

addtop, Today News, विश्लेषण
बेशक भारत को अंग्रेजी राज से मुक्ति मिले 70 साल से अधिक का वक्त गुजर चुका है, पर देश की आबादी का एक हिस्सा अभी भी गोरी चमड़ी का ही गुलाम  बना हुआ है। उसे अभी भी इसी बात का यकीन है कि जो गोरे कह देंगे वहीं सत्य होगा। सच पूछा जाए तो इस मानसिकता की एक बार फिर पुष्टि हो गई है अमेरिकी पत्रिका ‘टाइम’ में छपी एक आवरण कथा से। इसके आवरण पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चित्र भी है। वैसे मोदी जी पहली बार नहीं चौथी बार “टाईममैगज़ीन” के कवर पर आ रहे हैं । वैसे तो गोरी चमड़ी के जो भी एक बार भी टाईम के कवर पर आ जाते हैं तो वे अपना मनुष्य जीवन धन्य मानने लगते हैं । इस कथा के लेखक हैं वरिष्ठ भारतीय पत्रकार तवलीन सिंह के पुत्र आतिश तासीर। आतिश के पिता पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के पूर्व गवर्नर थे। आतिश लंदन में रहते हैं। इसी  टाइम ने 2014, 2015 और 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व के 100 सर्व...
बहुजनों को बार-बार छलने वाली बहनजी बंद कीजिए दिन में ख्वाब देखना

बहुजनों को बार-बार छलने वाली बहनजी बंद कीजिए दिन में ख्वाब देखना

addtop, Today News, विश्लेषण
बहुजन समाजवादी पार्टी की एकमात्र नेत्री मायावती ने प्रधानमंत्री बनने के ख्वाब देखने भी शुरू कर दिए हैं। देखा जाए तो कोई दिन में सपने देखकर खुश होना चाहे तो इसमें कोई बुराई भी नहीं है। वैसे उन्हें ख्वाबों और हकीकत का अंतर तो मालूम ही होगा। विगत दिनों उत्तर प्रदेश में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बहन जी ने कहा कि देश का अगला प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से ही होगा। ये जरूरी नहीं है कि मोदी जी वाराणसी से चुनाव जीते। वो एक तरह से साफ संकेत दे रही थीं कि वो स्वयं प्रधानमंत्री बन सकती हैं। मायावती राजनीति की भले ही  पुरानी खिलाड़ी हों पर उन्हें यह तो समझना ही चाहिए कि उनके लिए अभी दिल्ली दूर है। उनका प्रधानमंत्री पद को हासिल करना असंभव सा है। दलितों को ही ठगने और छलने वाली नेत्री दलित नेत्री अपने को प्रचारित करके कभी देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकतीं। बहन मायावती जी की एक बड़ी कमी यह है कि वह...
एक खामोश क्रांति, लाखों युवक लेते कारोबार के लिए लोन

एक खामोश क्रांति, लाखों युवक लेते कारोबार के लिए लोन

addtop, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय
देश में लोकसभा चुनावों के स्वाभाविक कोलाहल के बीच एक अहम खबर दब सी गई है। पर यह अपने आप में अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। खबर यह है कि सरकार ने मुद्रा लोन योजना के तहत अपने 2018-19 के लक्ष्य को पूरा कर लिया है। ये राशि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 23 फीसद अधिक है । सरकार ने इस अवधि के दौरान 3 लाख करोड़ रुपये का लोन देने का लक्ष्य बनाया था। आपको पता ही है कि उपर्युक्त मुद्रा योजना के तहत देशभर के उन नवयुवकों / नवयुवतियों को आसान दरों पर लोन उपलब्ध करवाया जाता है, जो पहली बार अपना कोई कारोबार शुरू करना चाहते हैं। आज से बीसेक साल पहले जिन कारोबारियों ने अपना कोई बिजनेस शुरू किया है, वे ही बता सकते हैं कि उन्हें पूंजी जुटाने के लिए दिन में ही रात के तारे नजर आ जाते थे। बैंकों के चक्कर लगाते-लगाते जूतियाँ घिस जाती थीं । इसी वजह से ज्यादातर भावी कारोबारियों के कुछ खास करने के ख्वाब बिखर जाया करते थे...
किस मुंह से वोट मांग रहे हैं धमाकों के गुनाहगार संजय दत्त

किस मुंह से वोट मांग रहे हैं धमाकों के गुनाहगार संजय दत्त

addtop, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
2019 के लोकसभा चुनावों पर आगे चलकर जब कभी भी चर्चा होगी या कोई शोधार्थी जब कोई शोध पत्र लिखेगा तो यह भी बताया जाएगा कि उस चुनाव में 1993 के मुम्बई में हुए बम विस्फोटों का गुनाहगार संजय दत्त खुल्लम-खुल्ला तरीके से कांग्रेस के लिए वोट मांग रहा था। मुंबई बम विस्फोट में 270 निर्दोष नागरिक मार गए थे और सैकड़ों जीवन  भर के लिए विकलांग भी हो गए थे। सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हो गई थी। देश की वित्तीय राजधानी मुंबई कई दिनों तक पंगु हो गई थी। उन धमाकों के बाद मुंबई पहले वाली रौनक और बेख़ौफ़ जीवन कभी रही ही नहीं। दरअसल 12 मार्च,1993 को मुंबई में कई जगहों पर बम धमाके हुए थे।  जब वो भयानक धमाके हुए थे तब मुंबई पुलिस के कमिश्नर एम.एन.सिंह थे। सरकार कांग्रेस की थी पर पुलिस कमिश्नर कड़क अफसर थे। उन्होंने एक बार कहा भी था कि यदि संजय दत्त अपने पिता सुनील दत्त को यह जानकारी दे देते कि उनके घर में हथ...
75% आबादी प्यासी लेकिन इसकी चिंता कौन करे?

75% आबादी प्यासी लेकिन इसकी चिंता कौन करे?

addtop, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय
लोकसभा चुनावों में व्यस्त देश को आगामी 23 मई को इनके नतीजों के आने के बाद जल संकट से जुड़े सवाल पर गहराई से सोचना होगा। भले ही चुनावों में राजनीतिक दलों में वैचारिक मतभेद रहते हैं, पर जल संकट का सामना करने के बिंदु पर तो कोई मतभेद हरगिज़ नहीं होने चाहिए। देश वास्तव में भीषण जल संकट से गंभीरता से जूझ रहा है। गर्मियों में मांग बढ़ने के कारण स्थिति और भी बदतर हो जाती है। एक अनुमान के मुताबिक देश के 60 करोड़ आबादी को आज के दिन भीषण जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। देश के नीति आयोग का तो यहां तक कहना है कि देश के 70 फीसद घरों में साफ पेयजल नहीं मिल रहा है। ये दोनों ही आंकड़ें किसी को डराने के लिए पर्याप्त हैं। इनसे समझा जा सकता है कि देश में जल संकट ने कितना विकराल रूप ले चुका है। पर हैरानी तो यह होती है कि जल संकट इस लोकसभा चुनाव का कोई मुद्दा ही नहीं बना पाया।   दक्षिण अफ्रीका शहर केपटाउन को...
‘Dialogue India’ Scripts History in India-UAE Educational Ties

‘Dialogue India’ Scripts History in India-UAE Educational Ties

addtop, Today News, TOP STORIES, समाचार
Dubai: Providing a solid platform to the Indian Higher Education Institutions, global investors and the foreign students aspiring for world-class education in India, the 5thDialogue India Academia Conclave 2019 concluded in the world’s glittering city Dubai on May 2, 2019. Over a hundred dignitaries from the United Arab Emirates (UAE) and India discussed in details how the Indian educational institutions can collectively act as a bridge between the needs of the industry globally and the skilled Indian workforce. Over a dozen investors from Dubai discussed the investment opportunities in India through the Indian institutions. In his keynote address, Shri Vipul, the Consulate General of India in UAE, discussed the focus of both India and UAE on innovations and how artificial intelligence ...