भड़काऊ व बिगड़ैल आज़म खां
लोकतांत्रिक मूल्यों का इतना अधिक बलात्कार सम्भवतः पहले कभी नही हुआ होगा। प्रजातंत्र में राज सत्ता पाने के लिए नेताओं में ऐसी कोई योग्यता अनिवार्य होनी चाहिये जिससे वह कम से कम सभ्यता व संस्कृति के विरुद्ध कोई आचरण न कर पाये। उसकी प्राथमिकता राष्ट्रहित व समाज के प्रति सकारात्मक होनी चाहिये। लोकतंत्र में अनेक अधिकार होने का अर्थ यह नही है कि उनका अपनी इच्छानुसार दुरुपयोग करो। समाज के सार्वांगिक विकास के साथ साथ उसका नैतिक व चारित्रिक उत्थान भी नेताओं का दायित्व होता है।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मो.आज़म खान के द्वारा सुश्री जयप्रदा के प्रति किये गये अमर्यादित व अश्लील आचरण से आज सभ्य समाज व मानवता लज्जित हुई है।
पिछले 2-3 दिनों में ही आजम खान के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर आने से चुनावी वातावरण और मैला होता जा रहा है। सरकारी अधिकारियों को बंधुआ मजदूर बनाने की मानसिकता से ग्रस्त आज़म ख...