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कांग्रेस के  क्रोनी कैपिटलिज्म का  कच्चा चिटठा

कांग्रेस के क्रोनी कैपिटलिज्म का कच्चा चिटठा

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  भारत के भ्रष्टतम खानदान के चश्मो चिराग राहुल गांधी की अब तक की राजनीतिक यात्रा दिखावे और नाटकीयता के अनेक चरणों की गवाह रही है। अकूत संपत्ति के मालिक राहुल गांधी ने अपने दादा स्वर्गीय फिरोज गांधी की तरह पायजामे कुर्ते को अपना मौलिक परिधान बनाया। वैसे शुरूआत जींस से हुई, लेकिन किसी सा यवादी की सलाह पर वो पायजामे की शरण में आ गए। हैलीकॉप्टरों में घूमने वाले राहुल ने इस ओढ़ी हुई फर्जी सादगी का बेहतरीन इस्तेमाल भी किया और नोटबंदी के दौरान तो एक बार दर्शकों को कुर्ते की फटी जेब दिखाकर ये अहसास दिलाने की कोशिश भी की कि वो तो वास्तव में कंगाल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का स्वागत महंगे सूट में किया तो राहुल गांधी ने संसद में मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए उसे सूट-बूट की सरकार बताया और उसपर क्रोनी कैपिटलिज्म का आरोप लगाया। लेकिन कपड़ों के माध्यम से...
यूपीए बनाम एनडीए सरकार : कौन सही, कौन आगे?

यूपीए बनाम एनडीए सरकार : कौन सही, कौन आगे?

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  प्रियंका वाड्रा के सक्रिय राजनीति में आने के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति का परिदृश्य अचानक से बदल गया। सपा-बसपा के द्वारा गठबंधन में कांग्रेस को स मान न देने के कारण प्रियंका का आना कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक बन गया है। अब कांग्रेस के साथ ही भाजपा को भी इसका फायदा मिलता दिखने लगा है। सपा-बसपा गठबंधन की जड़ें कमजोर हो गयी हैं। बसपा को सपा की अनुकूल सीटें देने पर मुलायम सिंह आहत हैं। उनका टिकट वितरण के बाद अपनी लाचारी दिखाना सपा के असंतुष्टों को अखिलेश विरोध दिखाने का अवसर दे चुका है। शिवपाल यादव एवं कांग्रेस के साथ आने की संभावनाएं बनती तो दिख रही हैं किन्तु अभी तक ऐसा हो नहीं पाया है। 2014 में भ्रष्टाचार एक बड़ा चुनावी मुद्दा था किन्तु 2019 में ऐसा नहीं है। जीएसटी और नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर कुछ लगाम लगी थी किन्तु उसके द्वारा भी भाजपा के वोटबैंक में कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा ...
हिन्दू, हिन्दू धर्म को क्यों कोसते पाक के मंत्री

हिन्दू, हिन्दू धर्म को क्यों कोसते पाक के मंत्री

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पाकिस्तान के दो मंत्री इन दिनों ना केवल भारत को बल्कि हिन्दुओं और हिन्दू धर्म को भी अपशब्द कहे जा रहे हैं। इनमें एक तो सूचना और प्रसारण मंत्री फैय्याज चौहान हैं, और दूसरे हैं रेलवे मंत्री शेख अहमद राशिद । पुलवामा में आतंकी कार्रवाई के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की सरहद में घुसकर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया।इसके बाद पाकिस्तान के कुछ कथित बड़े सियासतदानों की जुबान फिसलने लगी। अब फैय्याज चौहान को ही लीजिए। ये कह रहे हैं कि “हम हिन्दुओं की तरह बुतपरस्त नहीं हैं। हम मुसलमान हैं। भारत यह न सोचे कि वो हमसे सात गुना बढ़ा है।” उनका एक वीडियों वायरल हो गया है, जिसमें वे हिन्दुओं पर करारा प्रहार कर रहे हैं। हालांकि, वे यह सब करते हुए कहीं न कहीं अपनी पुरखों को ही कोस रहे हैं। उन्हें ही गालियां दे रहे हैं। चौहान को लगता है कि उन्हें अपने पूर्वजों के संबंध में कोई इल्म ही नहीं है। उनका सरनेम चौहान...
वैश्विक राजनीति में भारत की बदलती भूमिका

वैश्विक राजनीति में भारत की बदलती भूमिका

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ये वो नया भारत है जो पुराने मिथक तोड़ रहा है, ये वो भारत है जो नई परिभाषाएं गढ़ रहा है, ये वो भारत है जो आत्मरक्षा में जवाब दे रहा है ये वो भारत है जिसके जवाब पर विश्व सवाल नहीं उठा रहा है । पुलवामा हमले के जवाब में पाक स्थित आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक करने के बाद अब भारतीय सेना का कहना है की आतंकवाद के खिलाफ अभी ऑपरेशन पूरा नहीं हुआ है। ये नया भारत है जिसने  एक कायराना हमले में अपने 44 वीर जवानों को खो देने के बाद केवल उसकी कड़ी निंदा करने के बजाए उस  की प्रतिक्रिया की और आज इस नए भारत की ताकत को विश्व महसूस कर रहा है । आज विश्व इस न्यू इंडिया को केवल महसूस ही नहीं कर रहा बल्कि स्वीकार भी कर रहा है। ये वो न्यू इंडिया है जिसने विश्व को आतंकवाद की परिभाषा बदलने के लिए मजबूर कर दिया । जो भारत अब से कुछ समय पहले तक आतंकवाद के मुद्दे पर विश्व में अलग थलग था आज पूरी दुनिया उसके स...
युद्धघोष : आतंक पर आर-पार

युद्धघोष : आतंक पर आर-पार

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पुलवामा में हुये हमले के बाद देश में विमर्श की दिशा बदल गयी है। इस बार स्थिति आतंकवाद के खिलाफ आर-पार की बन गयी है। काफी समय से संयम रखने और अपने सैनिकों की शहादत देने के बाद भारत का रुख इस बार काफी कड़ा है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के बालाकोट हिस्से में सेना द्वारा अंदर घुसकर जैश-ए-मोह मद के सैंकड़ों आतंकवादियों को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्र प का यह बयान कि भारत इस बार कुछ बड़ा करने वाला है इस बात का संकेत है कि भारतीय संप्रभुता पर हमला इस बार सिर्फ कड़ी निंदा तक सीमित नहीं होगा। पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेना इस क्रम में एक कड़ा कूटनीतिक संदेश है। सिंधु नदी के पानी पर बांध बनाना उसका वृहद स्वरूप है। चूंकि, पुलवामा में स्थानीय आतंकवादी शामिल थे इसलिए आंतरिक स्तर पर भी कड़े संदेश की आवश्यकता थी। हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटाकर वह संदेश भी दे दि...
क्यों घुटनों के बल आया पाकिस्तान

क्यों घुटनों के बल आया पाकिस्तान

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आर.के.सिन्हा विंग कमांडर अभिनंदन पूरे धमाके के साथ भारत लौट आए हैं। भारतीय वायुसेना का एक लड़ाकू विमान का पायलट, जो शत्रु के घर पर हमला करता है, उसकी तुरंत दो दिनों के अन्दर स्वदेश वापसी का हो जाना हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। यह नए भारत का असर है कि पाकिस्तान ने घुटनों को टेक कर अभिनंदन को ससम्मान भारत भेज दिया। क्या आपको इस तरह का दूसरा उदाहरण विश्व में कहीं और मिलेगा? पुलवामा हमलेसे नाराज भारत का पाकिस्तान की सरहद के अंदर घुसकर सैकड़ों आतंकियों को मार गिराना उस भारत की तस्वीर पेश करता है,जो आत्म विश्वास से लबरेज है। उस भारत में अब धैर्य नहीं बचा है कि वह अपने ऊपर होने वाले हमलों को निरीह बनकर झेलता ही रहे। सारी दुनिया ने देखा था कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भयाक्रांत चेहरे को जब वे अपने देश की संसद में अभिनंदन की रिहाई की घोषणा कर रहे थे। उन्होंने बिना किसी शर्त के अभि...
मोदी सरकार के पांच साल क्या खोया, क्या पाया

मोदी सरकार के पांच साल क्या खोया, क्या पाया

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फरवरी 12 को सोलहवीं लोकसभा का सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होते ही नई यानी 17वीं लोकसभा के चुनावों की आहट सुनाई देने लगी। सियासी फिज़ां में यह सवाल तैरना स्वाभाविक है कि अगले चुनाव के बाद दिल्ली की रायसीना पहाडिय़ों पर स्थित साउथ और नॉर्थ ब्लॉक की चमचमाती कुर्सियों पर किसे बैठने को मिलेगा? सवाल यह भी है कि अपनी लोकप्रियता के दम पर क्या मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दल-बल के साथ फिर से वापस लौट पाएंगे, या फिर कोई नया चेहरा विदेशों में देश की नुमाइंदगी करेगा और अपनी धरती पर अपने लोगों की अगुवाई करेगा? इन सवालों का जवाब तो आने वाले चुनाव के नतीजे देंगे, लेकिन वे नतीजे मौजूदा लोकसभा के प्रति जवाबदेह रही मौजूदा सरकार की उपलब्धियों और नाकामियों पर कहीं ज्यादा निर्भर करेगा। ऐसे में इसकी पड़ताल स्वाभाविक है कि मौजूदा सरकार ने अपने पौने पांच साल के कार्यकाल में क्या खोया और क्या पाया? ...
भारत में चुनाव से ठीक पहले आतंकवादी हमले के पीछे क्या है पाकिस्तान की मंशा?

भारत में चुनाव से ठीक पहले आतंकवादी हमले के पीछे क्या है पाकिस्तान की मंशा?

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बड़ा औपचारिक सा लगने लगा है और थोड़ा-थोड़ा फज़ऱ्ी भी, जब एक आतंकवादी हमला होता है और हम अपना गुस्सा प्रकट करने के लिए ज़ोर-ज़ोर से बहुत कुछ बोलना शुरू कर देते हैं। लेकिन सच यह है कि ऐसे आतंकवादी हमले झेलना भारत की नियति है। इसके साथ ऐसा होता रहा है और आगे भी होता रहेगा। मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं, जऱा ठंडे दिमाग से सोचिएगा और समझिएगा। हमारा देश एक ऐसा लोकतांत्रिक देश है, जिसे फस्र्ट पास्ट द पोस्ट सिस्टम वाली चुनाव प्रणाली के ज़रिए चुने गए जनप्रतिनिधियों द्वारा बहुमत से बनाई गई सरकार चलाती है। सबसे पहले समझिए कि फस्र्ट पास्ट द पोस्ट सिस्टम क्या है? फस्र्ट पास्ट द पोस्ट सिस्टम यह है कि चुनाव में जिस भी उ मीदवार को सबसे अधिक वोट मिलेंगे, वह निर्वाचित हो जाएगा, भले ही वह बहुमत यानी आधे से अधिक लोगों द्वारा नापसंद किया गया हो। नतीजा यह है कि वे लोग चुनकर आ रहे हैं, जिन्हें सौ में केवल 30-3...
गांधी परिवार की हार…..

गांधी परिवार की हार…..

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नेशनल हेराल्ड हाउस (national herald house) को खाली करने के मामले सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ एसोसिएट जनरल लिमिटेड (एजेएल) की अपील पर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Corut) की डिविजन बेंच ने बृहस्पतिवार को अहम फैसला सुनाया है*। इसके तहत अब एजेएल को हेराल्ड हाउस खाली करना ही होगा। इसे एजेएल के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी के लिए भी एक झटका माना जा रहा है। सुनवाई के दौरान दिल्ली HC ने उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को हेराल्ड हाउस खाली करने को कहा गया था, हालांकि कोर्ट ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि कितने समय में एजेएल को हेराल्ड भवन को खाली करना है? एक प्रकार से दिल्ली हाईकोर्ट के इस आदेश से कांग्रेस को भी बड़ा झटका लगा है। दरअसल, पिछले साल हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने दो हफ्ते में हेराल्ड हाउस (Herald House) खाली करने का आदेश दिया...
एक सार्थक पहल और सख्त सन्देश

एक सार्थक पहल और सख्त सन्देश

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पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान की बहानेबाजी एवं आतंकवाद को लगातार प्रोत्साहन एवं पल्लवन देने की स्थितियों को देखते हुए यह आवश्यक हो गया था कि उसे न केवल सबक सिखाया जाए, बल्कि यह संदेश भी दिया जाए कि भारत अब उसकी चालबाजी में आने वाला नहीं है। इसके लिये भारतीय वायुसेना ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करके जो आतंकी कैंपों को ध्वस्त किया है, वह बहुत सराहनीय कदम है और जोश से भर देनेवाली साहसिक एवं अनूठी घटना है। इस घटना से आतंकवाद को समाप्त करने की दिशा में एक सार्थक पहल हुई है। शांति का आश्वासन, उजाले का भरोसा सुनते-सुनते लोग थक गए थे। उन्हें तो शांति व उजाला हमारे सामने चाहिए था, पाकिस्तान में पोषित हो रहे आतंकवाद के लिये कठोर कार्रवाई चाहिए थी। वायुसेना की इस कार्रवाई से न केवल भारत को बल्कि समूची दुनिया को राहत की सांसें मिली हैं। इस कार्रवाई से भारत ने पाकिस्त...