पक्ष एवं विपक्ष के गठबंधनों में दरारें
आगामी लोकसभा चुनाव की हलचल उग्र होती जा रही है। जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है, राजनीतिक जोड़तोड़ के नये समीकरण बनने लगे हैं। भारतीय जनता पार्टी बनाम सशक्त विपक्षी महागठबंधन का परिदृश्य एक नयी शक्ल ले रहा है। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी, सुश्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी और अजीत सिंह की राष्ट्रीय लोकदल पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए गठबन्धन करके साफ कर दिया है कि उनकी मंशा विपक्षी महागठबंधन का साथ देने की नहीं है। ऐसा लग रहा है कि इन तीनों दलों का ध्येय देश की राजनीति को नयी दिशा देने के बजाय निजी लाभ उठाने की है। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में उथल-पुथल ज्यादा है। उसके घटक दलों के भी सूर बदलने लगे हैं। मंगलवार को उसकी सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के नेता चिराग पासवान ने एक तरह से सीट बंटवारे पर चेतावनी ही दे दी है। भाजपा और कांग्रेस किस हद तक अ...