Shadow

Today News

चुनाव आयोग से मौलिक भारत के गंभीर प्रश्र

चुनाव आयोग से मौलिक भारत के गंभीर प्रश्र

addtop, Today News, राष्ट्रीय
सेवा में, जन सूचना अधिकारी, भारत निर्वाचन आयोग, अशोक रोड, नयी दिल्ली-110001.   विषय : प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 6 सहपठित धारा 2 (j) (i),(ii), सूचना अधिकार अधिनियम - 2005   संदर्भ : आयकर विभाग द्वारा गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश विधान सभा निर्वाचन -2017 एवं (02) अमृतसर लोक सभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों द्वारा एफिडेविट (शपथ पत्रों) में घोषित चल एवं अचल सम्पत्तियों की जाँच   महोदय,   ‘मौलिक भारत’ एक गैर-राजनैतिक संगठन है एवं इसके सदस्य नीरज सक्सैना (एडवोकेट), संजीव गुप्ता (इंजीनियर), जगदीश चौहान (एडवोकेट), अनुज अग्रवाल, विक्रम चौधरी, घनश्याम लाल शर्मा, एवं तिलक राम पांडेय भारतवर्ष में चुनाव सुधार, सुशासन, पारदर्शिता एवं के विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों की जनता के प्रति जवाबदेही के लिए कार्यरत हैं। &n...
कब सुधरेगी किसानों की दशा

कब सुधरेगी किसानों की दशा

addtop, Today News, राष्ट्रीय
पिछले दिनों करीब 30,000 किसानों ने लाल झंडे के तले बम्बई मार्च किया। उनकी प्रमुख मांग कर्जा माफ़ी की थी। पर क्या कर्जा माफ़ी ही किसानों की समस्याओं का हल है? आंखिर क्यों आजादी के 70 साल बाद भी किसान बदहाल हैं? सानों की आत्महत्या कुछ सालों से सुर्खियों में रही है। यूं भी उनकी दुर्दशा किसी से छुपी नहीं है। कुछ समय पहले की ही बात है जब किसानों को प्याज एक रुपया डेढ़ रुपया बेचने पर मजबूर होना पड़ा था। लगातार ये खबरें आती रही हैं कि किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य नहीं मिलता है। किसान कर्जे तले दबे हैं व मजबूरी में आत्महत्या कर रहे हैं। पिछले साल मोदी जी ने अपने एक भाषण में 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी। उनके इस भाषण का कथित बुद्धिजीवी अभी तक मजाक बनाते हैं। मीडिया और विपक्षी पार्टी पूछते हैं कि ये कैसे संभव है। अगर किसानों की आय डबल हुई तो महंगाई कितनी बढ़ेगी क्यो...
आत्मघाती टर्की, दबंग इज़रायल और  बेपानी फिलिस्तीन

आत्मघाती टर्की, दबंग इज़रायल और बेपानी फिलिस्तीन

addtop, BREAKING NEWS, Today News, विश्लेषण
आज टर्की-सीरिया-इराक विवाद ने शिया-सुन्नी और आतंकवादी त्रासदी का रूप भले ही ले लिया हो, शुरुआती विवाद तो जल बंटवारा ही रहा है। टर्की कहता है कि अधिक योगदान करने वाले को अधिक पानी लेने का हक है। सीरिया और इराक कह रहे हैं कि उनकी ज़रूरत ज्यादा है। अतः उन्हे उनकी ज़रूरत के हिसाब से पानी मिलना चाहिए। टर्की का दावा है कि इफरीटिस नदी में आने वाले कुल पानी में 88.7 प्रतिशत योगदान तो अकेले उसका ही है। वह तो कुल 43 प्रतिशत पानी ही मांग रहा है। गौर करने की बात है कि इफरीटिस के प्रवाह में सीरिया का योगदान 11.3 प्रतिशत और इराक का शून्य है, जबकि पानी की कमी वाले देश होने के कारण सीरिया, इफरीटिस के पानी में 22 प्रतिशत और इराक 43 प्रतिशत हिस्सेदारी चाहता है। गौर करने की बात यह भी है कि सीरिया और इराक में पानी की कमी का कारण तो आखिरकार टर्की द्वारा इफरीटिस और टिग्रिस पर बनाये बांध ही हैं। किंतु टर्की इस त...
गठबंधन बनाम ठगबंधन

गठबंधन बनाम ठगबंधन

addtop, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
उत्तर प्रदेश के फूलपुर एवं गोरखपुर उपचुनाव में हार ने एक तरफ भाजपा की अंदरूनी कलह, अहंकार को सतह पर ला दिया वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के राजनैतिक महत्व को फिर से एक परिदृश्य दे दिया है। बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश के उपचुनावों में भी भाजपा को शिकस्त मिली है। हिन्दी भाषी प्रदेशों की हार से नवंबर माह में मध्य प्रदेश एवं राजस्थान जैसे महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों के साथ लोकसभा के चुनाव कराये जाने की जो रूपरेखा बन रही थी उसे इन चुनाव परिणामों के द्वारा विराम लगता दिख रहा है। पूर्वोत्तर में भाजपा के मजबूत होने से वामदल एवं कांग्रेस का जनाधार अब समाप्ति की ओर खिसकने लगा है। त्रिपुरा एवं मेघालय में भाजपा की सरकार बनने और नागालैंड में सरकार का सहयोगी बनने से भाजपा उत्साहित है। मोदी-शाह-योगी का कारवां अब कर्नाटक फतेह की तरफ बढ़ गया है। योगी के आने से कर्नाटक में हिन्दुत्व चुनावी मुद्दा बन ग...
यह इंटरनेट नहीं आसान, बस इतना समझ लीजिए निजता का सौदा है जिसे फ्री में बेचकर जाना है

यह इंटरनेट नहीं आसान, बस इतना समझ लीजिए निजता का सौदा है जिसे फ्री में बेचकर जाना है

addtop, Today News, TOP STORIES, सामाजिक
यह इंटरनेट नहीं आसान, बस इतना समझ लीजिए निजता का सौदा है जिसे फ्री में बेचकर जाना है सुन्दर पिचाई का कथन कि एआई यानी आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस आग और पहिये के अविष्कार से ज्यादा ताकतवर सिद्ध होगा, ने इन्टरनेट और तकनीकी उद्भव को ऐच्छिक आवश्यकता से हटा कर, पञ्चभूतों की तरह ही अनिवार्य आवश्यकताओं में ला खड़ा किया है। इस कथन ने भविष्य की दुनिया के कुछ ऐसे कल्प वृक्षों की तस्वीर उकेरी थी, जो पहले सतह के नीचे ही अंकुरित हो रहे थे, और सीमित लोग ही इस बदलाव को भांप रहे थे। इसकी गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि आज पहिये और आग के बगैर मुख्यधारा में संलंग्न मानवता कुछ घंटों के लिए भी क्रियाशील नहीं रह सकती है। आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की अनिवार्यता प्रकृति प्रदत्त पंचभूतों की तरह ही हमारे जीवन के प्रत्येक विस्तार में समाहित होने को आतुर है, ऐसे में सम्पूर्ण मानवता के हितार्थ, इसे किसी...
फेसबुक डाटा कांड

फेसबुक डाटा कांड

addtop, Today News, TOP STORIES, सामाजिक
कुछ दिनों से फेसबुक द्वारा किए गए यूजर डाटा को लीक करने की खबरें सामने आ रही हैं। अमेरिका में सोशल नेटवर्किंग साइट ने अपने यूजर्स के डेटा को चुराकर एक एजेंसी को दिया था। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स और ब्रिटेन के ऑब्जर्वर की संयुक्त जांच में खुलासा हुआ है कि ब्रिटेन की कैंब्रिज एनालिटिका नामक कंपनी ने फेसबुक के पांच करोड़ यूजरों के बारे में जानकारियां बिना उनके अनुमति के दुरुपयोग किया। यह सब 2016 के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति बनवाने के लिए किया गया। कंपनी ने इन जानकारियों के आधार पर एक ऐप के जरिए वोटरों के व्यवहार की भविष्यवाणी की थी। इस खुलासे के बाद भारत की राजनीति में हड़कंप मच गया है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर कैंब्रिज एनालिटिका नामक कंपनी की सेवाएं लेने का आरोप लगाया है। प्रसाद का कहना है कि साल 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस इस एजेंसी की मदद...

Judiciary in India

Today News
न्यायिक व्यवस्था दरकता विश्वास क पुरानी प्रचलित कहानी है। दो महिलाएं एक राजा के दरबार में आती हैं। उनके साथ एक छोटा बच्चा होता है। दोनों इस बात पर झगड़ रही हैं कि बच्चे की माँ कौन है? काफी देर तक दोनों अपने तर्क देती रहीं और झगड़ा बढ़ता गया। जब काफी समय बीत गया तो राजा ने सेनापति को बुलाया और कहा कि बच्चे के दो टुकड़े कर दो और दोनों के बीच में बाँट दो। तब उनमे से एक महिला जोर से चिल्लाई कि 'ऐसा मत करो। बच्चे को दूसरी महिला को ही दे दो। कम से कम मेरा बच्चा जिदा तो रहेगाÓ। तुरंत न्याय हो गया और साथ ही साथ इस बात का फैसला भी कि बच्चे पर हक किसका होना चाहिए ? अब इस केस को भारत की वर्तमान न्याय व्यवस्था के अनुरूप देखते हैं। पहले ये केस सेशन कोर्ट में चलेगा। दोनों पीडि़त पक्ष एक-एक वकील करेंगे। कागजात जमा होंगे। शपथ पत्र लिए जाएंगे। इसके बाद महीनों के अंतर पर तारीखे पड़े...
Indo-Asean

Indo-Asean

Today News
चीन को औकात बताई आसियान सम्मेलन में आगामी 25 जनवरी को राजधानी में आयोजित होने वाले भारत-आसियान शिखर सम्मलेन की मेजबानी करके भारत दो बड़े हित साधना चाहेगा। पहला, भारत-आसियान देशों के आपसी और व्यापारिक संबंधों को नई बुलंदियों पर लेकर जाना। दूसरा, इस क्षेत्र में चीन के असर को कम करना। भारत-आसियान सम्मेलन का एक मकसद चीन को उसकी औकात बताना भी है। ये सम्मेलन ऐसे वक्त पर हो रहा है जब दक्षिण चीन सागर में चीन आक्रामक रवैया अपनाए हुए है और उत्तर कोरिया ने पिछले कुछ महीनों के कई मिसाइल परीक्षण किए हैं। नई दिल्ली में इन मुद्दों पर बात हो सकती है। दरअसल चीन अपने महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्टवन वेल्ट वन रोड के जरिए पूरी दुनिया में दबदबा बढ़ाना चाहता है। इसके अलावा दक्षिण चीन सागर के इलाके में उसका कई पड़ोसी देशों से विवाद है। भारत अब तैयार है आसियान देशों को चीन के दबाव से मुक्ति दिलव...

Budget 2018

Today News, TOP STORIES
वित्त मंत्री ने टैक्स में बड़ी राहत देते हुए कहा कि पिछले साल के मुकाबले इसे आगे बढ़ाते हुए जिन कंपनियों का टर्नओवर सालाना 250 करोड़ है उन्हें भी कॉर्पोरेट टैक्स में 25 प्रतिशत टैक्स देना होगा। देश के 99 प्रतिशत बहुत छोटे, छोटे व मछोले उद्योगों को फायदा होगा। आयकर स्लैब में किसी भी तरह का बदलाव नहीं हुआ है अब सरकार ने आठ करोड़ गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा है। वहीं गरीबों के घर भी बिजली से रोशन हों, इसके लिए मोदी सरकार ने सौभाग्य योजना शुरू की है। इस योजना के तहत चार करोड़ गरीब घरों को मुफ्त बिजली दी जाएगी। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में अगले वित्तीय वर्ष में दो करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक सरकार गांवों में 6 करोड़ शौचालय बना चुकी है। 2022 तक देश में हर गरीब का अपना घर हो, इसके लिए भी सरकार दिन-रात मेहनत कर रही है। अगले वित्त वर्ष में 51 लाख नए मकान बनाए ...
मतदान के आगे भी है दायित्व

मतदान के आगे भी है दायित्व

Today News
एक वोट ने फ्रांस में लोकतांत्रिक सरकार का रास्ता प्रशस्त किया; एक वोट के कारण ही जर्मनी.. नाजी हिटलर के हवाले हो गया। यह एक वोट ही था, जिसने 13 दिन में ही अटल सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। एक वोट ने ही कभी अमेरिका की राजभाषा तय की दी थी। यदि एक वोट सरकार बदल सकती है, तो हमारी तकदीर क्यों नहीं ? स्पष्ट है कि हमारे एक-एक वोट की कीमत है। अतः हम अपने मत का दान करते वक्त संजीदा हों। हम सोचें कि पांच साल में कोई आकर चुपके से हमारा मत चुरा ले जाता है; कभी जाति-धर्म-वर्ण-वर्ग, तो कभी किसी लोभ, भय या बेईमानी की खिङकी खोलकर और हम जान भी नहीं पाते। यह अक्सर होता है। इन खिङकियों को कब और कैसे सीलबंद करेंगे हम मतदाता ? इस राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर मतदाता से जवाब मांगता, प्रथम प्रश्न यही है। यह सच है कि बीते एक दशक में चुनाव को कम खर्चीला बनाने में निर्वाचन आयोग ने निश्चित ही शा...