गठबंधन बनाम ठगबंधन
उत्तर प्रदेश के फूलपुर एवं गोरखपुर उपचुनाव में हार ने एक तरफ भाजपा की अंदरूनी कलह, अहंकार को सतह पर ला दिया वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के राजनैतिक महत्व को फिर से एक परिदृश्य दे दिया है। बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश के उपचुनावों में भी भाजपा को शिकस्त मिली है। हिन्दी भाषी प्रदेशों की हार से नवंबर माह में मध्य प्रदेश एवं राजस्थान जैसे महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों के साथ लोकसभा के चुनाव कराये जाने की जो रूपरेखा बन रही थी उसे इन चुनाव परिणामों के द्वारा विराम लगता दिख रहा है। पूर्वोत्तर में भाजपा के मजबूत होने से वामदल एवं कांग्रेस का जनाधार अब समाप्ति की ओर खिसकने लगा है। त्रिपुरा एवं मेघालय में भाजपा की सरकार बनने और नागालैंड में सरकार का सहयोगी बनने से भाजपा उत्साहित है। मोदी-शाह-योगी का कारवां अब कर्नाटक फतेह की तरफ बढ़ गया है। योगी के आने से कर्नाटक में हिन्दुत्व चुनावी मुद्दा बन ग...