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Why confuse stolen News/Fake news with freedom of speech?

Why confuse stolen News/Fake news with freedom of speech?

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An English newspaper published from south India, which is largely perceived to be anti Prime Minister Narendra  Modi in publishing news and views ,  has prominently published some news item regarding the Rafale deal.  Newspaper claimed that the matter has been sourced from the concerned ministry of Government of India and it has said that “ no force on earth can make the paper reveal the source of news”. The matter was taken to the Supreme Court by an  activist known for being vocal in expressing opinion against Modi government. Government of India, in it’s response , said that the matter was stolen from the ministry by adopting dubious means and such stolen matter cannot be admitted by the Supreme Court  to take up the issue for hearing. However, the Supreme Court rejected the conte...
वजह बहुत सारी है मगर…

वजह बहुत सारी है मगर…

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  देश में किसी न किसी भाग में अक्सर चुनाव होते रहते हैं, किंतु लोकसभा चुनावों की बात कुछ और ही है। भारत एक अर्ध संघीय ढांचे वाला देश है और इसमें केंद्र सरकार के पास राज्यों की तुलना में कई गुना अधिक शक्तियां हैं। ऐसे में देश की दशा दिशा और विकास के दृष्टिकोण पर केंद्र सरकार हावी रहती है। ऐसे में केंद्र में मजबूत, जनकेन्द्रित, राज्यों को साथ लेकर चलने वाली व परिपक्व सरकार का आना बहुत आवश्यक है। वर्तमान लोकसभा चुनावों में देश में दर्जनों दलों के गठबंधन एनडीए व यूपीए के साथ हैं, इसके अलावा अनेक राज्यों में इन गठबंधनों से अलग बहुत सारे दल भी मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं और अनौपचारिक रूप से हम इन दलों में आपसी तालमेल देख इनको भविष्य का तीसरा या चौथा मोर्चा भी कह सकते हैं। इन सभी गठबंधनों का स्वरूप लोकसभा चुनावों के परिणामों के बाद ही वास्तविक रूप ले पायेगा क्योंकि वास्तविक स्थिति के अनुर...
नृत्य के नाम पर अश्लीलता परोसना ‘शर्मनाक’

नृत्य के नाम पर अश्लीलता परोसना ‘शर्मनाक’

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(29 अप्रैल - अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस विशेष) एक कथन है कि ‘मनुष्य जब खुश होता है, तो वह नृत्य करने लगता है। जड़ हो या चेतन सब आनंद में विभोर होकर अपने अंदर के तनाव या विषाद को नृत्य कर समाप्त कर सकता है। इसलिए तो जिसे भी नाचना न आता है, उनके भी हाथ-पैर थिरकने लगते हैं और अपने ख़ुशी का इजहार करता है। नृत्य की भी कई शैली होती है। धरती पर हर देश, हर प्रदेश और हर क्षेत्र की अपनी खास नृत्य शैली होती है जिसकी अपनी अलग पहचान होती है। साधारणतया ‘शास्त्रीय नृत्य’, ‘लोक नृत्य’ और ‘आधुनिक नृत्य’ जैसी तीन श्रेणियों में विभक्त किया गया है जिसके अंतर्गत भरतनाट्यम, कथकली, कत्थक,ओडिसी, मणिपुरी, मोहनी अट्टम, कुची पुडी, भांगड़ा, भवई, बिहू, गरबा, छाऊ, जात्रा, घूमर, पण्डवानी आदि को रखा गया है। जनसाधारण के बीच नृत्य की महत्ता का अलख जगाने के उद्देश्य से ही प्रत्येक वर्ष 29 अप्रैल को विश्व स्तर पर अंतरराष्ट्...
आखिर साध्वी से परहेज़ क्यों है ?

आखिर साध्वी से परहेज़ क्यों है ?

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साध्वी प्रज्ञा को भोपाल से भाजपा द्वारा अपना उम्मीदवार घोषित करते ही देश में जैसे एक राजनैतिक भूचाल आता है जिसका कंपन कश्मीर तक महसूस किया जाता है। भाजपा के इस कदम के विरुद्ध में देश भर से आवाज़ें उठने लगती हैं। यहां तक कि कश्मीर तक ही सीमित रेहने वाले नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी जैसे दलों को भी भोपाल से साध्वी प्रज्ञा के चुनाव लड़ने पर ऐतराज़ है।  इन सभी का कहना है कि उन पर एक आतंकी साज़िश में शामिल होने का आरोप है और इस समय वे जमानत पर बाहर हैं इसलिए भाजपा को उन्हें टिकट नहीं देना चाहिए। लेकिन ऐसा करते समय ये लोग भारत के उसी संविधान और लोकतंत्र का अपमान कर रहे हैं जिसे बचाने के लिए ये अलग अलग राज्यों में अपनी अपनी सुविधानुसार एक हो कर या अकेले ही चुनाव लड़ रहे हैं। क्योंकि ये लोग भूल रहे हैं कि जो संविधान इन्हें अपना विरोध दर्ज करने का अधिकार देता है वो ही संविधान साध्वी प्रज्ञा को चुनाव लड़ने ...
अबकी बार किसकी सरकार

अबकी बार किसकी सरकार

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भारत में 17वें लोकसभा के लिए 7 चरणों में चुनाव हो रहा है। इसमें 89 करोड़ 88 लाख मतदाता अपना मत डालेंगे, इस मायने में यह दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव कहा जा रहा है जिसके लिए 10 लाख मतदान केंद्र की व्यवस्था की गयी है। साथ ही ईवीएम, वीवीपैट आदि में कुल मिलाकार एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारी चुनाव को सफलता दिलाएंगे। इससे पहले लगातार ईवीएम पर प्रश्नचिन्ह खड़े किये जाते रहे। इसी के मद्देनजर इस बार चुनाव आयोग ने सभी ईवीएम के साथ वीवीपैट की व्यवस्था किया है ताकि किसी को भी चुनाव परिणामों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करने का कोई आधार न हो। इतना ही नहीं जीपीएस माध्यम से सभी मशीनों पर नजर रखी जा रही है जिससे यह आसानी से पता चल जाएगा कि कौन मशीन कहां है। कुल मिलाकर देखा जाए तो66 दिनों तक चलने वाला यह चुनाव अपने आप में काफी महत्वपूर्ण और हाईटेक है। इस लोकसभा चुनाव में एक ही महत्वपूर्ण सवाल सबों के जेहन में घूम रहा है क...
वैज्ञानिकों ने विकसित की खारे पानी में उगने वाली चावल की नई प्रजाति

वैज्ञानिकों ने विकसित की खारे पानी में उगने वाली चावल की नई प्रजाति

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भारतीय वैज्ञानिकों ने आमतौर पर उपयोग होने वाले चावल की किस्म आईआर-64-इंडिका में एक जंगली प्रजाति के चावल के जींस प्रविष्ट करके चावल की नई प्रजाति विकसित की है। इस प्रजाति की विशेषता यह है कि यह नमक-सहिष्णु है और इसे खारे पानी में उगाया जा सकता है। जिस जंगली प्रजाति के जींस का उपयोग चावल की इस नई प्रजाति को विकसित करने में किया गया है उसे वनस्पति-विज्ञान में पोर्टरेशिया कॉरक्टाटा कहते हैं। इसकी खेती मुख्य रूप से बांग्लादेश की नदियों के खारे मुहानों में की जाती है। चावल की यह किस्म बांग्लादेश के अलावा भारत, श्रीलंका और म्यांमार में भी प्राकृतिक रूप से पायी जाती है। इस अध्ययन से जुड़े कोलकाता स्थित जगदीश चंद्र बोस इंस्टीट्यूट के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. अरुणेंद्र नाथ लाहिड़ी मजूमदार ने बताया कि यह नई प्रजाति 200 माइक्रोमोल प्रति लीटर तक खारे पानी को सहन कर सकती है जो समुद्र के पानी की तुलन...
Why Election Commission does not understand It Has Inherent Powers?

Why Election Commission does not understand It Has Inherent Powers?

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It is surprising that the Election Commission has told the Supreme Court that it lacks powers to act against the misbehaving politicians and candidates contesting in the election and  Supreme Court judges have expressed surprise and said that they would examine the powers of the Election Commission. Election commission is a constitutional body created by the Constitution to conduct free and fair elections. Election Commission is a constitutional body as much as the judiciary is . When the Election Commission has the responsibility to conduct free and fair elections as expected by the constitution of India, it obviously means that it has inherent powers to ensure the necessary conditions for achieving it’s objectives. In recent years, judiciary has become a very powerful body in th...
भारत की सम्प्रभुता पर हमलावर अब्दुल्ला-मुफ़्ती के विरुद्ध हो कार्यवाही : विहिप

भारत की सम्प्रभुता पर हमलावर अब्दुल्ला-मुफ़्ती के विरुद्ध हो कार्यवाही : विहिप

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तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों व नेशनल कॉन्फ्रेंस तथा पीडीपी के प्रमुख नेताओं द्वारा बार बार दिए जा रहे भारत विरोधी बयानों व धमकियों के साथ कश्मीर घाटी के बहुसंख्यक मुस्लिम समाज तथा अल्पसंख्यक गैर मुस्लिमों के बीच वैमनष्य पैदा करने के विरुद्ध शिकायत करने विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल आज चुनाव आयोग से मिला. विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार के नेतृत्व में गए प्रतिनिधि मण्डल ने चुनाव आयोग से कहा है कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला तथा महबूबा मुफ़्ती ने पाकिस्तान की कठपुतली बन धारा 370 व 35A का विरोध कर लगातार कश्मीर की बहु संख्यक मुस्लिम आबादी का हबाला देते हुए वहां के माहौल को जानबूझकर योजना पूर्वक साम्प्रदायिक बनाने की कुचेष्टा की है. अतः इन नेताओं द्वारा आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन करने के कारण इनके विर...
उत्तरप्रदेश में आयोजित जनसभा में अमित शाह द्वारा दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

उत्तरप्रदेश में आयोजित जनसभा में अमित शाह द्वारा दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

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जब पुलवामा में हमारे 40 जवान शहीद हुए थे और उसके बाद जब वायुसेना द्वारा एयरस्ट्राइक किया गया तो पूरे देश में उत्साह का माहौल था. लेकिन तब 2 जगह मातम भी मनाया जा रहा था. एक तो पाकिस्तान में और दूसरा सपा-बसपा और कांग्रेस पार्टी के खेमे में. चुनाव आया है तो बहन मायावती कहती हैं कि हम गरीबों के लिए काम करेंगे, लेकिन मैं पूछना चाहता हूँ कि बड़े-बड़े धनपतियों को जो आपने टिकट दिया है वो गरीबों के भले के लिए दिया है क्या? यूपी में सपा-बसपा का गुंडाराज चलता था. पश्चिमी यूपी से लोग पलायन करते थे. आज पलायन कराने वाले पलायन कर गए हैं. एक जमाना था गुंडों से पुलिस डरती थी, आज गुंडे गले में बोर्ड लटकाकर घुमते हैं, ये काम भारतीय जनता पार्टी ने किया है. राहुल बाबा, मायावती जी और अखिलेश जी को जितना रोना है वो रोते रहें, फिर से एक बार मोदी सरकार बनते ही देश भर में से घुसपैठियों को चुन-चुनकर निकालन...
Central or Delhi government should acquire haveli of treasurer of Mughal Emperor Shahjahan for restoration and maintenance as rich heritage of Old Delhi

Central or Delhi government should acquire haveli of treasurer of Mughal Emperor Shahjahan for restoration and maintenance as rich heritage of Old Delhi

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Historical Chandni Chowk in Old Delhi has a street named as Khazanch-Gali having ruins of a grand building of ancient era which was residential palace of treasurer of Mughal Emperor Shahajahan. Even the street is named after Khazanchi which in English means treasurer. Ruins of the grand heritage-building now just having some marble pillars and a pond which earlier used to have fountains speak of the finest architecture of that era, is fast losing its grandness day by day because present owners are not taking care of the building which is now having too many small rented portions. Central or Delhi government should in larger national interest for upkeeping rich heritage and for tourist attraction acquire the building by compensating the owners, and restore glory of the building to make i...