सिसोदिया को पता था कि व्यक्ति शराब पीकर सत्य बोलता है और चूँकि वे गांधी जी के शिष्य थे व दिल्ली के लोगों को सत्यवादी बनाना चाहते थे इसीलिए उन्होंने शराब की खपत बढ़ाने का निर्णय किया,जिसको सीबीआई शराब घोटाले के रूप में प्रस्तुत कर खामाँखां उनको बदनाम कर रही है। सोमरस के गुणों का तो वेदों में भी वर्णन है। नशीले शिक्षामंत्री के इसी कार्य के लिए केजरीवाल उनको भारत रत्न देने की माँग करते रहे हैं जिस पर मोदी सरकार कान नहीं धर रही। भाजपाई नहीं चाहते कि दिल्ली के विद्यालयों में सत्य का बोलबाला हो और झूठो का मुँह काला हो।नई पीढ़ी के नशीले सत्यवादी भविष्य के निर्माण में लगी दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार का सभी को साथ देना चाहिए ताकि वे सत्तावादी बने रहें और उनका व उनके नशीले गांधीवाद का विस्तार पूरे देश में हो।