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बेरोजगारी दर के बारे में प्रसारित समाचारों का ज़ोरदार खंडन

दिसंबर, 2022 के दौरान उच्च बेरोजगारी दर से संबंधित समाचार मीडिया के कुछ वर्गों में एक निजी कंपनी द्वारा किए गए सर्वेक्षण के आधार पर प्रकाशित किया गया है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कई निजी कंपनियां/संगठन अपनी स्वयं की पद्धतियों के आधार पर सर्वेक्षण करते हैं जो सामान्य रूप से न तो वैज्ञानिक हैं और न ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानदंडों पर आधारित हैं। इसके अलावा, इन कंपनियों/संगठनों द्वारा उपयोग की जाने वाली कार्यप्रणाली सामान्य रूप से बेरोजगारी की अधिक रिपोर्टिंग या रोजगार/बेरोजगारी पर डेटा के संग्रह के लिए उपयोग की जाने वाली परिभाषाओं के कारण उनकी स्वयं की नमूना प्रक्रिया के कारण एक पूर्वाग्रह ग्रसित है। ऐसे सर्वेक्षणों के परिणामों का सावधानी से उपयोग किया जाना चाहिए।

आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के आधार पर सांख्यिकीय और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) द्वारा “रोजगार-बेरोजगारी” पर आधिकारिक डेटा जारी किया जाता है। अखिल भारतीय स्तर पर अनुमानों के लिए सर्वेक्षण अवधि जुलाई, 2020 से जून, 2021 के लिए नवीनतम वार्षिक पीएलएफएस रिपोर्ट उपलब्ध है। शहरी क्षेत्रों के लिए सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा तिमाही पीएलएफएस रिपोर्ट भी जारी की जाती है। तिमाही रिपोर्ट जुलाई से सितंबर, 2022 तक उपलब्ध हैं।

पीएलएफएस की उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार, श्रमिक जनसंख्या अनुपात यानी 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए जुलाई से सितंबर, 2022 के दौरान रोजगार दर 44.5 प्रतिशत के स्तर पर थी, जबकि वर्ष 2019 में इसी तिमाही के दौरान यह 43.4 प्रतिशत थी। जुलाई से सितंबर, 2022 के दौरान बेरोजगारी दर, जुलाई से सितंबर, 2019 में 8.3 प्रतिशत की तुलना में सितंबर 7.2 प्रतिशत के स्तर पर रही थी। इस प्रकार, पीएलएफएस के डेटा से संकेत मिलता है कि रोजगार बाजार न केवल कोविड-19 महामारी के झटके से उबर गया है, बल्कि महामारी से पूर्व के स्तर की तुलना में उचित स्तर पर भी है। 

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