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पंजाब में आतंकवाद

पंजाब, भारत का एक ऐसा प्रदेश है, जिस पर ईश्वर व गुरू का आशीर्वाद सदैव ही बना रहा है। इसका एक कारण यह भी है कि वहाँ की धरती पवित्र, जलवायु स्फूर्तिवर्धक एवं संस्कृति गौरव से परिपूर्ण है। सम्पूर्ण विश्व में संस्कृति सम्पन्न पंजाब प्रदेश अपनी एक अलग पहचान बनाए हुए है। इतिहास साक्षी है कि पंजाब प्रदेश के नागरिक जब भी किसी देश में किसी भी विशिष्ट उद्देश्य से गए, वहाँ पर उन्होंने न केवल अपना अपितु भारत देश का नाम भी स्वर्ण अक्षरों में अंकित कराया है। उनके विशिष्ट कार्यों की यदि हम चर्चा करें तो उन्होंने, विश्व में कहीं भी प्राकृतिक विपदा अथवा युद्ध होने पर वहाँ की जनता के समक्ष ईश्वर सदृश प्रत्यक्ष उपस्थित होकर उनकी भोजन, कपड़े तथा आवास की सुविधा प्रदान करके अथवा अप्रत्यक्ष रूप से धनराशि दान करके इन पंजाब के सिक्खों ने अपने धर्म का गौरव बढ़ाया है।
प्रत्येक धर्म में सत्य के पथ की ओर अग्रसर होने वाली जनता के मध्य कुछ दिशा भ्रमित समाज व धर्म के विपरीत चलने वाले दुष्टस्वभाव के व्यक्ति भी होते हैं, जो अपने कृत्यों से समाज, जाति एवं देश को कलंकित करने की ओर अग्रसर हो जाते हैं। इसी का एक उदाहरण पंजाब का एक जरनैल सिंह भिंडरवाले व्यक्तित्व हुआ, जिसने 80 के दशक में खालिस्तान का नारा लगाया, परन्तु अपने उद्देश्यों में सफल नहीं हो सका। यद्यपि उसे कुछ राजनेताओं का भी सहयोग प्राप्त था, परन्तु उसके गलत उद्दश्यों के परिणामस्वरूप उसका अंत हुआ। फलस्वरूप पुनः पंजाब, भारत की मुख्यधारा में सम्मिलित हो गया।
अब वर्ष 2023 में भिंडरवाले की विचारधारा का अनुसरण करते हुए दुबई से एक 30 वर्षीय युवक अमृतपाल ने खालिस्तान जिन्दाबाद का नारा देकर पंजाब में अशांति उत्पन्न करने का देशविद्रोही प्रयास किया और इस प्रयास में उसको विदेशी ताकतों ने हथियार एवं गोलाबारूद उपलब्ध कराके सहायता प्रदान की। इस देशविद्रोही संगठन ने न केवल पंजाब में अपितु ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया व कनाडा में भी हिन्दु मंदिरों, हिन्दुओ, भारतीय दूतावासों एवं पंजाब में पुलिस पर भी आक्रमण करने प्रारम्भ कर दिए।
पंजाब की इस घटना से राजनेताओं को भिंडरवाले काण्ड की पुनः स्मृति हुई, इसलिए प्रदेश एवं केन्द्रीय सरकार की सुरक्षा एजेन्सियों ने सामूहिक रूप से देशद्रोही तत्वों के विरूद्ध तुरन्त सख्त कार्यवाही की और 100 से अधिक देशद्रोहियों को पूर्वोत्तर के कारावास में भेज दिया। खालिस्तान आन्दोलन से जुड़े कुछ नेताओं को बंदी बना लिया गया है, परन्तु कुछ मुख्य नेता अभी भी स्वतंत्र घूम रहें हैं। केन्द्रीय सुरक्षा बल एवं प्रादेशिक पुलिस इनको पकड़ने का पूर्ण प्रयास कर रही है। आज देश की जनता को सरकार से यह अपेक्षा है कि वह आतंकवाद के इस विषाक्त फन को उठने से पहले ही कुचल दे। विदेशी धरती पर जहाँ – जहाँ यह असमाजिक संगठन सक्रिय है, वहाँ की सरकारें, भारतीय सरकार को पूर्ण सहयोग कर अपने देश में भी इस आतंकवाद के विषाक्त पौधे को नहीं पनपने देंगी, उसको समूल नष्ट कर देंगी, अन्यथा समस्त देशवासियों को देश में अशान्ति एवं अराजकता का सामना करना पड़ेगा।

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