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UPI: डॉलर की बादशाहत होगी खत्म! इंडोनेशिया में यूपीआई को लेकर भारत का बड़ा प्लान, रुपये में होगा लेन-देन

*सिंगापुर और UAE के बीच यूपीआई (Unified Payment Interface) की सुविधा शुरू होने के बाद इंडोनेशिया ऐसा तीसरा देश बनने जा रहा है जहां यह डिजिटल पेमेंट सुविधा मिलेगी।*

◆  भारत की UPI पेमेंट प्रणाली को लेकर फ्रांस के साथ समझौता हुआ है। जिसकी शुरुआत एफिल टावर से की जाएगी।

◆  भारतीय मुद्रा तेजी से इंटरनेशनल करेंसी बनने की तरफ आगे बढ़ रही है.

◆  विदेशी व्यापार में डॉलर की निर्भरता कम करने के लिए भारत की तरफ से उठाया कदम कारगर साबित हो रहा है.

◆  Rupee में कारोबार पर 64 देशों ने दिखाई दिलचस्पी

◆  अगर 30 देशों के साथ भारत का रुपए में कारोबार शुरु हो गया तो फिर रुपया अंतरराष्ट्रीय करेंसी बन जाएगा.

*प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फ्रांस में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) की शुरुआत की घोषणा के कुछ दिनों बाद, यह सामने आया है कि भारत, इंडोनेशिया में भी इसी तरह के सौदे पर मुहर लगाना चाहता है।*

■  भारत में डिजिटल पेमेंट के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले UPI को आज विश्व के कई देश अपनाना चाहते हैं। इसने अपने शुरुआती दिनों से ही डिजिटल पेमेंट के मामले में नया इतिहास रचना शुरू कर दिया था।

■  दक्षिण पूर्व की बड़ी अर्थव्यवस्था इंडोनेशिया भारत का बड़ा व्यापारिक साझेदार भी है. बीते साल दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ 39 अरब डॉलर का व्यापार किया था.

■  हाल ही में यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE) के साथ स्थानीय मुद्रा में व्यापार को लेकर डील के बाद अब भारत और इंडोनेशिया के बीच भी इस तरह का समझौता हो सकता है.

■  दोनों देशों की सरकारों के बीच डिजिटल भुगतान का दायरा बढ़ाने पर भी विचार हो रहा है, जिससे यूपीआई और इसी तरह के दूसरे संसाधनों का इस्तेमाल हो सके.

■  इंडोनेशिया के साथ मुद्रा व्यवस्था यूएई की तरह ही सकती है. यानि भारतीय निर्यातक इंडोनेशियाई रुपये में व्यापार कर सकते हैं, जबकि इंडोनेशिया भारतीय रुपये में अपना पेमेंट हासिल कर सकता है.

■  इंडोनेशिया 2022 में भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था. यह द्वीप राष्ट्र आसियान क्षेत्र में उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार भी है और एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है.

■  अन्‍य देशों में रह रहे भारतीय जल्‍द ही अपने इंटरनेशनल मोबाइल नंबर  के जरिये यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) का ‘उपयोग’ करने में सक्षम होंगे. 10 देशों में रह रहे अनिवासी भारतीय (NRIs) अपने भारत के फोन नंबर पर निर्भर हुए बगैर लेनदेन के लिए UPI सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं.ये देश हैं-सिंगापुर, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हांगकांग, ओमान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्‍त अरब अमीरात (यूएई) और ब्रिटेन (यूके).

*ग्लोबल ट्रेड में अब तक डॉलर की बड़ी हिस्सेदारी रही है और दुनिया के अधिकतर देश एक दूसरे से सामान खरीदने बेचने के लिए डॉलर का इस्तेमाल करते हैं. दुनिया के कई देशों ने इंटरनेशनल ट्रेड के लिए रुपए का इस्तेमाल करने में दिलचस्पी ली है और इसके सेटलमेंट के प्रोसेस को आसान बनाने की मांग की है.*–

Anuj Agrawal, Group Editor 

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