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एडीबी और भारत ने महाराष्ट्र में कृषि कारोबार के विकास के लिए 10 करोड़ डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने आज महाराष्ट्र राज्य में कृषि आय बढ़ाने के लिए कृषि कारोबार नेटवर्क को बढ़ावा देने और खाद्यान्‍न के नुकसान को कम करने के लिए 10 करोड़ डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए।

वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव श्री रजत कुमार मिश्रा ने भारत सरकार की ओर से महाराष्ट्र एग्रीबिजनेस नेटवर्क (मैग्नेट) परियोजना के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए। एडीबी की ओर से एडीबी के इंडिया रेजिडेंट मिशन के कंट्री डायरेक्टर ताकेओ कोनिशी ने ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। .

श्री मिश्रा ने ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा कि यह परियोजना महाराष्ट्र में कृषि कारोबार के विकास का समर्थन करती है जिसमें कृषि उत्पादकता में सुधार, कटाई के बाद की सुविधाओं का उन्नयन और बागवानी उत्पादकों के फायदे के लिए कुशल विपणन ढांचे की स्थापना शामिल है।

श्री कोनिशी ने कहा,’यह परियोजना महाराष्ट्र में छोटे एवं सीमांत किसानों को उनकी फसल की कटाई के बाद विपणन क्षमता में सुधार करने, खाद्यान्‍न नुकसान को कम करने और वित्त,क्षमता निर्माण एवं बागवानी मूल्य श्रृंखला बुनियादी ढांचे के विकास के जरिये आय बढ़ाने में मदद करेगी।’उन्‍होंने कहा,’यह परियोजना हस्तक्षेप ग्रामीण विद्युतीकरण के माध्यम से सिंचाई दक्षता में सुधार लाने और ग्रामीण संपर्क को बढ़ाने के लिए पारस्परिक तौर पर पूरक परियोजनाओं के जरिये राज्य में ग्रामीण क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए एडीबी की ओर से जारी मदद के अनुरूप है।’

महाराष्ट्र देश में फल एवं सब्जियों के उत्पादन में क्रमशः 11 प्रतिशत और 6 प्रतिशत का योगदान करता है। साथ ही वह देश में फूलों के निर्यात में लगभग 8 प्रतिशत योगदान करता है। लेकिन राज्‍य में अधिकतर छोटे किसानों को पर्याप्‍त पूंजी न होने की समस्‍या से जूझना पड़ता है और अधिक मूल्य वाले उभरते बाजारों तक उनकी सीधी पहुंच नहीं है। एडीबी के इस ऋण से 300 उप-परियोजनाओं के लिए वित्‍तीय अनुदान एवं वित्तीय मध्यस्थता ऋण के जरिये किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और मूल्य श्रृंखला ऑपरेटरों (वीसीओ) के लिए वित्तपोषण के अवसर प्रदान करने में मदद मिलेगी।

यह परियोजना 16 मौजूदा फसल कटाई प्रतिष्‍ठानों को अपग्रेड करेगी और 3 नए प्रतिष्‍ठानों का निर्माण करेगी ताकि व्यक्तिगत किसानों और एफपीओ को स्वच्छ, सुलभ एवं टिकाऊ फसल भंडारण एवं प्रसंस्करण सुविधा प्रदान की जा सके। यह मूल्य श्रृंखला को गति देने और कटाई के बाद प्रबंधन पर एफपीओ एवं वीसीओ की क्षमता निर्माण भी करेगा, विशेष रूप से महिलाओं के स्वामित्व एवं नेतृत्व वाले एफपीओ एवं वीसीओ में। इस परियोजना से 2,00,000 किसानों को लाभ होने की उम्मीद है।

एडीबी अपने तकनीकी सहायता विशेष कोष से 5,00,000 डॉलर की तकनीकी सहायता (टीए) अनुदान प्रदान करेगा। इसके अलावा वह एफपीओ के लिए बाजार लिंकेज में सुधार के लिए निर्धनता उन्‍मूलन के लिए अनुदान के आधार पर जापान फंड से 20 लाख डॉलर प्रदान करेगा। टीए फसल आधारित केंद्रों का उत्कृष्ट नेटवर्क स्थापित करेगा, कृषि व्यवसाय एवं कृषि मूल्य श्रृंखला में नई तकनीकों को बढ़ावा देगा और क्षमता निर्माण में मदद करेगा, जिसमें मैग्नेट सोसाइटी और महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड की परिसंपत्ति एवं वित्तीय प्रबंधन क्षमताएं शामिल हैं।

एडीबी अत्यधिक गरीबी के उन्‍मूलन के लिए अपने प्रयासों को जारी रखते हुए एक समृद्ध, समावेशी, लचीला और टिकाऊ एशिया-प्रशांत क्षेत्र हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। साल 1966 में स्थापित एडीबी के 68 सदस्यों में से 49 सदस्‍य इसी क्षेत्र से हैं।

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