नई दिल्ली। कैंसर केयर ग्रुप भिवानी परिवार मैत्री संघ द्वारा कैंसर केयर गोष्ठी, सम्मान समारोह एवं हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एण्ड रिसर्च सेंटर के इन्द्रप्रस्थ हॉल में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भिवानी गौरव एवं वरिष्ठ समाजसेवी आर.सी. मेहतानी ने की। कार्यक्रम में आरजीसीआइआरसी के चेयरमैन राकेश चोपड़ा मुख्य अतिथि के रूप में, आरजीसीआइआरसी के सीईओ डी.एस. नेगी समारोह गौरव के रूप में, आरजीसीआइआरसी के निदेशक सुधीर रावल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस मौके पर आरजीसीआइआरसी के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश भुरानी का अभिनन्दन करते हुए उन्हें विदाई भी दी गई। कार्यक्रम का शुभारंभ आरजीसीआइआरसी के मानद सचिव प्रमोद माहेश्वरी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में आरजीसीआइआरसी के चेयरमैन राकेश चोपड़ा ने अपने सम्बोधन में भिवानी परिवार मैत्री संघ द्वारा कैंसर केयर के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की खुलकर तारीफ करते हुए कहा कि बीपीएमएस द्वारा अभी तक करीब 100 कैंसर पीड़ित मरीजों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है, जिसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं। समारोह गौरव के रूप में उपस्थित आरजीसीआइआरसी के सीईओ डी.एस. नेगी ने कहा कि कैंसर एक ऐसी घातक बीमारी है कि जो पैसे वाले परिवार अपने किसी परिजन का कैंसर उपचार करवाने अस्पताल में आते हैं वे भी अंत में आर्थिक संकट का शिकार हो जाते हैं। इसलिए समाज को कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए खुले दिल से आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि अभी तक हमारे द्वारा सालाना 30 से 35 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता कैंसर पीड़ितों के लिए उपलब्ध करवाई जा रही है, जिसे समाज व समाज से भी संस्थाओं के साथ मिल कर 200 करोड़ रुपये करने की आवश्यकता है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में समारोह को संबोधित करते हुए आरजीसीआइआरसी के निदेशक सुधीर रावल ने कहा कि किसी भी पीड़ित व्यक्ति विशेष कर कैंसर पीड़ित व्यक्ति की सेवा करना सबसे बड़ा पुण्य व धर्म का कार्य है। उन्होंने कहा कि भिवानी परिवार मैत्री संघ द्वारा कैंसर पीड़ितों की सहायतार्थ जो कार्य किये जा रहे हैं वह नि:संदेह समाज के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत का काम करेंगे।
इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में देश के सुप्रसिद्ध कवि राजेश चेतन, अनिल अग्रवंशी, राजेन्द्र कलकल व श्रीमती बलजीत कौर ने अपनी कविताओं के माध्यम से उपस्थित जनसमूह को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम का समापन भोजन प्रसाद के साथ हुआ।