जांच के दौरान यह पता चला कि नितिन जैन ने विभिन्न वस्तुओं जैसे कि लौह/गैर-लौह स्क्रैप, इन्गॉट, निकल कैथोड इत्यादि बनाने वाली अपनी फर्म मेसर्स शिव ट्रेड इन्कॉरपोरेशन और एक अन्य फर्म ओम ट्रेड इनएक्जिम के जरिए लगभग 268.3 करोड़ रुपये के फर्जी इनवॉयस जारी किये हैं। इन फर्मों को फर्जी या डमी व्यक्ति के नाम से खोला गया।
फर्जी इनवॉयस के जरिए नितिन जैन ने धोखाधड़ी से लगभग 41.6 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) किसी और के खाते में डाल दिया। बाद में इस आईटीसी का उपयोग विभिन्न निकायों द्वारा अपनी जीएसटी देनदारी को समायोजित करने के लिए किया गया। यही नहीं, इस तरह के फर्जी आईटीसी को कुछ और खरीदारों के खाते में डाल दिया गया, जिन्होंने इसका उपयोग अपनी बाह्य आपूर्ति से जुड़ी अपनी जीएसटी देनदारी की अदायगी में किया। इसका मुख्य मकसद सरकारी राजकोष को चपत लगाना था। जांच के दौरान नितिन जैन ने कुछ निश्चित (फिक्स्ड) कमीशन के बदले में फर्जी इनवॉयस जारी करने की बात कबूल कर ली।
इस तरह नितिन जैन ने केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम (सीजीएसटी), 2017 की धारा 132 (1)(बी) और (सी) के प्रावधानों के तहत अपराध किये हैं, जो संज्ञेय एवं गैर-जमानती अपराध हैं और सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 के तहत दंडनीय हैं। इसके बाद नितिन जैन को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 (1) के तहत 12 फरवरी, 2020 को गिरफ्तार कर गुरुग्राम में न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने उसे 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस दिशा में जांच प्रगति पर है।