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डीबीटी/वेलकम ट्रस्ट इंडिया एलायंस के नये सीईओ डॉ वासन संबंदमूर्ति

नई दिल्ली, 5 अगस्त (इंडिया साइंस वायर): दवाओं और टीके की खोज के क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रहे
वैज्ञानिक डॉ वासन संबंदमूर्ति को जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी)/वेलकम ट्रस्ट (इंडिया एलायंस) के नये मुख्य
कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के तौर पर नियुक्त किया गया है। वह एक अक्तूबर 2020 को डॉ शाहिद जमाल का
स्थान लेंगे। इंडिया एलायंस का हिस्सा बनने जा रहे डॉ संबंदमूर्ति के पास दवाओं और टीके खोज का 20 वर्ष से
लंबा अनुभव है। नोवार्टिस, आस्ट्रजेनेका, और सिंजीन में वे प्रमुख पदों पर काम कर चुके हैं। पिछले छह वर्षों से
वह बायोकॉन लिमिटेड में मुख्य वैज्ञानिक प्रबंधक और महाप्रबंधक के तौर पर कार्य कर रहे हैं।
डॉ संबंदमूर्ति ने इस मौके पर कहा – “इंडिया एलायंस जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में शामिल होना मेरे लिए गौरव की
बात है, जो भारत में जैव-चिकित्सा अनुसंधान के रूपांतरण के लिए काम करने वाली अग्रणी संस्था है। इस
निर्णायक मोड़ पर जब दुनिया कोविड-19 महामारी से जूझ रही है, ऐसे में मैं भारत में प्रभावी वैश्विक भागीदारी के
निर्माण और अनुसंधान पारिस्थितिकी की इस नई जिम्मेदारी को मजबूत करने के लिए तैयार हूँ।”
जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) में सलाहकार (वैज्ञानिक-जी) और इंडिया एलायंस के ट्रस्टी डॉ. मोहम्मद असलम ने
कहा है कि "डॉ. शाहिद जमील ने अप्रैल 2013 से अब तक डीबीटी/वेलकम ट्रस्ट एलायंस के प्रमुख के तौर पर कार्य
करते हुए महत्वपूर्ण रूप से योगदान दिया है। इस दौरान डॉ. जमील ने संगठन के विस्तार का नेतृत्व किया, नई
साझेदारियां विकसित की, महत्वपूर्ण निवेश हासिल किए और एक मजबूत टीम का निर्माण किया।” नये सीईओ
संबंदमूर्ति की नियुक्ति पर उन्होंने कहा कि उनका लंबा अनुभव, नवाचार एवं अनुसंधान पारिस्थितिकी निर्माण में
उनकी गहरी रुचि इंडिया एलायंस के काम और मिशन को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।
इंडिया एलायंस जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार और वेलकम ट्रस्ट, यू.के. के अनुदान पर आधारित संस्था है।
यह एक स्वतंत्र सार्वजनिक चैरिटी संस्था है, जो भारत में स्वास्थ्य और जैव-चिकित्सा विज्ञान में अनुसंधान को
प्रोत्साहित करने के लिए कार्य करती है। इंडिया एलायंस को मुख्य रूप से स्वास्थ्य में सुधार पर केंद्रित खोज और
नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए परिवर्तनकारी विचारों और सहायक अनुसंधान पारिस्थितिकी में निवेश के लिए जाना
जाता है। (इंडिया साइंस वायर)

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