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भारत के लिए वर्ष 2024 भी सुनहरा वर्ष साबित होने जा रहा है

Uncategorized, राष्ट्रीय, सामाजिक
भारत के लिए वर्ष 2024 भी सुनहरा वर्ष साबित होने जा रहा है विश्व के कुछ देश वर्ष 2024 में मंदी की मार झेल सकते हैं, यह कुछ अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों का आंकलन है। परंतु, वैश्विक स्तर पर अर्थव्यस्था के गिरने की सम्भावनाओं के बीच एक देश ऐसा भी है, जिस पर समस्त अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं विश्व बैंक, की नजरें टिकी है, वह है भारत। भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति समस्त विदेशी वित्तीय संस्थान आशावान हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को अब भारत ही सहारा देने की क्षमता रखता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अभी हाल ही में एक प्रतिवेदन जारी किया है। इसमें भारत के प्रति मुख्य रूप से तीन बातें कही गई हैं। प्रथम, भारत आज विश्व में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। दूसरे, भारत का सकल घरेलू उत्पाद 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करेगा। तीसरे, व...
भारत में न हिटलर शासन है न मुसलमान यहूदी

भारत में न हिटलर शासन है न मुसलमान यहूदी

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एक गलती को इस तरह भयानक तस्वीर में बदलना उचित नहींअवधेश कुमारभाजपा के सांसद रमेश विधुड़ी द्वारा लोकसभा में प्रयोग किए गए शब्दों पर हंगामा अस्वाभाविक नहीं है। अगर लोकतंत्र के शीर्ष निकाय संसद में इस तरह की शब्दावली प्रयोग की जाएगी तो देश का पूरा वातावरण कैसा बनेगा इसकी स्वाभाविक कल्पना की जा सकती है। सांसद तो छोड़िए सामान्य जीवन में भी किसी व्यक्ति को बिना प्रमाण आपको उग्रवादी ,आतंकवादी नहीं कह सकते। इस तरह की भाषा आगे प्रयोग नहीं हो इसे रोकने की हरसंभव व्यवस्था करनी होगी। किंतु दूसरी ओर इसे आधार बनाकर जिस तरह की बातें हो रही है वह ज्यादा डरावना व खतरनाक है। भाजपा विरोधी दलों को इसकी आलोचना करने, सरकारी पक्ष को कठघरे में खड़ा करने का पूरा अधिकार है। इसका प्रभाव तभी होगा जब विरोधी स्वयं वाणी संयम का व्यवहार करें। ऐसा प्रदर्शित नहीं हो रहा। परिणाम देख लीजिए। बहुत बड़ी संख्या में लोग सोशल मीड...
3 जुलाई 2023 – गुरु पूर्णिमा पर विशेष आलेख

3 जुलाई 2023 – गुरु पूर्णिमा पर विशेष आलेख

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सनातन भारतीय संस्कृति में गुरु पूर्णिमा का है विशेष महत्व भारतीय सनातन हिंदू संस्कृति में आस्था रखने वाले व्यक्तियों के लिए उनके जीवन में गुरु का स्थान सबसे ऊंचा माना गया है। परम पूज्य गुरुदेव जीवन में आने वाले विभिन्न संकटों से न केवल उबारते हैं बल्कि इस जीवन को जीने की कला भी सिखाते हैं ताकि इस जीवन को सहज रूप से जिया जा सके। गुरु ही अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने की क्षमता रखते हैं। भारत के मठ, मंदिरों एवं गुरुद्वारों में इसलिए प्रत्येक वर्ष व्यास पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन का विशेष पर्व मनाया जाता है एवं इस शुभ दिन पर गुरुओं की पूजा अर्चना की जाती है ताकि उनका आशीर्वाद सदैव उनके भक्तों पर बना रहे। कई मंदिरों में गुरु पूजन एवं ध्वजा वंदन के समय कई गीत भी गाए जाते है, जैसे “हम गीत सनातन गाएंगे, हम भगवा ध्वज लहराएंगे।” यदि भारत के गौरवशाली इतिहास पर नजर दौड़ाते हैं तो ध्यान में आता ...
उद्यमी देश के नायक या खलनायक

उद्यमी देश के नायक या खलनायक

Uncategorized, राष्ट्रीय
उद्यमी देश के नायक या खलनायक अथवा कैसा हो देश के धनी असरदार लोगों का लाइफ स्टाइल आर.के. सिन्हा इंफोसिस के फाउंडर एन.नारायण मूर्ति जब भी बोलते हैं तो उसे सबको सुनना ही पड़ता है। वे अपनी बात बेखौफ अंदाज में रखते हैं। उन्होंने पिछले दिनों इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद (आईआईएम-ए) के 58वां वार्षिक दीक्षांत समारोह में कहा कि कॉरपोरेट लीडर्स को अपनी सैलरी लेते हुए संयम बरतना चाहिए। उनका लाइफ स्टाइल भी बहुत खर्चीला नहीं होना चाहिए। उनका कहना था कि जिस देश में अब भी खासी गरीबी है , वहां पर उद्योगपतियों को एक तरह से अपने व्यवहार से उदाहरण पेश करना चाहिए। नारायणमूर्ति जी की बात पर गौर तो किया ही जाना चाहिए।  मुझे याद है कि भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में जब मैं मानव संसाधन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सलाहकार था, नाराय...

India’s Environment report today

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CSE to release its annual State of India’s Environment report today Report says change is happening on the ground, but the scale and pace of this change needs to be far bigger. Also highlights where the nation is lagging behind “The Report enables us to understand the challenges, as well as explore the new approaches so that solutions for environmental management are affordable and sustainable”: Sunita Narain India’s performance on the Sustainable Development Goals is a case in point – report’s analysis showcases the slippages of states,but also holds up those which are improving “The state of India’s environment is not a story that is unendingly, inexorably dark – it has a lot of silver lining as well, it provides us with a lot of reasons to celebrate as well. This is the sto...
महाराजा का रिकॉर्ड आर्डर: 1,700 एयरक्राफ्ट का ऑर्डर अगले एक-दो सालों में दे सकती हैं भारतीय एयरलाइन कंपनियां, अकेले एयर इंडिया के होंगे 500

महाराजा का रिकॉर्ड आर्डर: 1,700 एयरक्राफ्ट का ऑर्डर अगले एक-दो सालों में दे सकती हैं भारतीय एयरलाइन कंपनियां, अकेले एयर इंडिया के होंगे 500

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*भारतीय विमानन कंपनियां अगले एक-दो साल में 1,500 से 1,700 विमानों का ऑर्डर दे सकती हैं जबकि एयर इंडिया के 500 विमानों का ऑर्डर देने की संभावना है.* *भारत में हवाई अड्डों की संख्या:* 1928-2014 - 742014-2022 - 147 *चीन और अमेरिका के बाद भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हवाई प्रवासी मार्किट* *भारतीय एयरलाइंस के बेड़े में कुल लगभग 700 कॉमर्शियल विमान हैं जो दुनिया की कुछ बड़ी विमानन कंपनियों से भी कम है. भारतीय विमानन बाजार की विशाल क्षमता को देखते हुए ज्यादा विमानों को शामिल करने की गुंजाइश है.* कोरोना काल के बाद भारतीय बाजार सबसे आकर्षक विमानन बाजार के तौर पर पूरी दुनिया को आकर्षित कर रहा है.अगले दो सालों में भारत में लगभग सभी कंपनियों की तरफ से ज्यादा विमानों की खरीद का ऑर्डर दिए जाने की उम्मीद है. इनमें समूचे बेड़े को बदलना के साथ विस्तार भी वजह हो सकता है.भारत में अब...
दुनिया मे पांच बड़े धंधे हैं जो दुनिया को चलाते हैं

दुनिया मे पांच बड़े धंधे हैं जो दुनिया को चलाते हैं

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दुनिया मे पांच बड़े धंधे हैं.. जो दुनिया को चलाते हैं.. जो Deep State द्वारा पोषित हैं.... जहाँ से पैसा आता है.. सरकारें बदलने का, युद्ध लड़ने का.. सभ्यताओं को बर्बाद करने का. EnergyPharmaDefenceInfrastructureTechnology Energy - पिछले 7-8 साल से अम्बानी अडानी लगातार निशाने पर हैं... चाहें किसान आंदोलन हो, चाहे मानवाधिकार की बात हो, चाहे सरकार से निकट होने का आरोप हो...इन दोनों को हमेशा लपेटा गया है.... पंजाब मे किसान आंदोलन के नाम पर सबसे ज्यादा हमले अम्बानी अडानी पर ही हुए... अम्बानी के Towers तोड़े गए.. वहीं अडानी का dry port बंद करा दिया गया... ऑस्ट्रेलिया मे कोयले की खान खरीदने पर हल्ला मचाया गया....कारण है इनका Energy के क्षेत्र मे उतरना. Pharma - याद कीजिए कैसे अदर पूनावाला पर लोग हमलावर थे जब covid की vaccine बनाई जा रही थी...भारत biotech को फर्जी बताया गया.. उनके रिजल्ट्स...
युवाओं की भागीदारी के बिना नया भारत कैसे बनेगा?

युवाओं की भागीदारी के बिना नया भारत कैसे बनेगा?

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-ः ललित गर्ग:-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवावस्था में अपनी डायरी के पन्नों पर ‘न्यू इंडिया’ और ‘युवा भारत’ का जो सपना शब्दों में पिरोया था, वह आज साकार होता नजर आ रहा है। भारत मजबूती से लगातार नई पहल के साथ आगे बढ़ रहा है। जिस तरह से भारत ने मोदी के नेतृत्व में चुनौतियों का सामना किया है, वह अपने आप में काबिले तारीफ है। यह निश्चित है कि मोदी के नेतृत्व में एक नई सभ्यता और एक नई संस्कृति गढ़ी जा रही है। नये विचारों, नये इंसानी रिश्तों, नये सामाजिक संगठनों, नये रीति-रिवाजों और नयी जिंदगी की हवायें लिए हुए आजाद मुल्क की गाथा सुनाता भारत एक बड़ा सवाल लेकर भी खड़ा है कि हम अपनी बुनियाद यानी युवाओं के सपनों को कब पंख लगायेंगे? कब उनकी निराशा की बदलियों की धूंध को दूर करेंगे? देश की युवापीढ़ी की जरूरतों को कब पूरा करेंगे एवं कब उन्हें परेशानियों से मुक्त करेंगे? यह एक बड़ा सवाल है।कहते हैं क...
आर एस एस की यात्रा और अब हिन्दू विरोध का आरोप लगाने के मायने

आर एस एस की यात्रा और अब हिन्दू विरोध का आरोप लगाने के मायने

Uncategorized, सामाजिक
रमेश शर्मा  अपनी जीवन यात्रा आरंभ करने के पहले दिन से विरोध और आलोचना झेल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आलोचनाओं में "हिन्दु विरोध" का एक नया अध्याय और जुड़ गया। संघ पर इससे पहले यह आरोप तो लगते रहे हैं कि वह एक हिन्दूवादी साम्प्रदायिक संगठन है किंतु अब एक नया आरोप लगा है कि संघ हिन्दू हितों के विपरीत काम करने लगा है । संघ पर यह आरोप तब लगा जब संघ प्रमुख मोहन भागवत एक इस्लामिक धर्म गुरु से मिलने उनके निवास पर पहुँचे और वहाँ चल रहे मदरसे के बच्चों  के बीच भी गये ।  इस्लामिक धर्म गुरु और कुछ मुस्लिम बुद्धिजीवियों से संघ प्रमुख मोहन भागवत जी के मिलने की घटना इस वर्ष अगस्त माह की हैं। संघ प्रमुख अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख डॉ उमैर अहमद इलियासी से मिलने नई दिल्ली कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित उनके निवास परिसर में गये थे । भेंट के समय मुस्लिम समाज के कुछ कई प्रमुख व्यक्ति भी ...
अमीरी गरीबी में बढ़ती खाई राजनीति मुद्दा क्यों नहीं?

अमीरी गरीबी में बढ़ती खाई राजनीति मुद्दा क्यों नहीं?

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ललित गर्ग गुजरात के विधानसभा चुनाव का एक मुख्य मुद्दा अमीरी गरीबी के बढ़ते फासले एवं गरीबों की दुर्दशा का होना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य से यह मुद्दा कभी भी चुनावी मुद्दा नहीं बनता। अमीर अधिक अमीर हो रहे हैं और गरीब अधिक गरीब। गौतम अडाणी एवं मुकेश अंबानी के दिन दोगुने रात चौगुने फैलते साम्राज्य पर उंगली उठाई जानी चाहिए, पर कोई भी राजनीतिक दल यह नहीं कर पा रहे हैं। विपक्ष के सामने इससे अच्छा क्या मुद्दा हो सकता है? इस मामले में राहुल गांधी ने पहली बार अपनी भारत जोड़ो यात्रा में यह मुद्दा उठाकर अपने राजनीतिक कद को तनिक ऊंचाई दी है। उनके कारण कम से कम अमीर और गरीब के बीच बढ़ती हुई खाई का सवाल देश के मानस पटल पर दर्ज हुआ है। राहुल गांधी ने लगातार गरीबों की दुर्दशा और अमीरों की बढ़ती दौलत का सवाल उठाया है। राजनीति से इतर अर्थशास्त्रियों और विश्व की नामचीन संस्थाओं की रपटों में यह सवाल लगातार ...